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नवरात्रि के 9 रंग 2025: जानें हर दिन का रंग, महत्व और देवी का स्वरूप | Navratri Colours List

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नवरात्रि के 9 रंग 2025 (Navratri Colours): जानें प्रतिपदा से नवमी तक हर दिन का रंग और उसका दिव्य महत्व

What is the significance of 9 colours of Navratri in hindi? (नवरात्रि के नौ रंगों का क्या महत्व है?) – नवरात्रि का पर्व आते ही चारों ओर भक्ति के साथ-साथ रंगों की छटा भी बिखर जाती है। गरबा पंडालों से लेकर पूजा घरों तक, हर जगह आपको जीवंत और ऊर्जावान रंग दिखाई देते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि के दौरान इन नौ दिनों के लिए विशेष रंगों का इतना महत्व क्यों है? यह केवल एक फैशन ट्रेंड नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ छिपा है।

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नवरात्रि के नौ दिन माँ दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूपों को समर्पित हैं, और प्रत्येक दिन का एक विशेष रंग होता है जो उस दिन पूजी जाने वाली देवी के गुण, शक्ति और स्वभाव को दर्शाता है। इन रंगों के अनुसार वस्त्र धारण करना देवी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और उनकी ऊर्जा से जुड़ने का एक सुंदर तरीका माना जाता है।

आइए, इस लेख में हम शारदीय नवरात्रि 2025 के लिए दिन-प्रतिदिन के रंगों की पूरी सूची देखते हैं और प्रत्येक रंग के गहरे महत्व को समझते हैं।

नवरात्रि 2025 के नौ रंग (Navratri 9 Days Colour List 2025)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नवरात्रि के नौ रंग (जैसे लाल, पीला, हरा) तो वही रहते हैं, लेकिन हर साल नवरात्रि के पहले दिन (प्रतिपदा) के आधार पर उनका क्रम बदल जाता है। शारदीय नवरात्रि 2025, जो 22 सितंबर, सोमवार से शुरू हो रही है, के लिए रंगों का क्रम इस प्रकार होगा:

तिथि (दिन)तारीखदिनदेवी का स्वरूपनवरात्रि का रंग
प्रतिपदा (दिन 1)22 सितंबर 2025सोमवारमाँ शैलपुत्रीपीला (Yellow)
द्वितीया (दिन 2)23 सितंबर 2025मंगलवारमाँ ब्रह्मचारिणीहरा (Green)
तृतीया (दिन 3)24 सितंबर 2025बुधवारमाँ चंद्रघंटास्लेटी (Grey)
चतुर्थी (दिन 4)25 सितंबर 2025गुरुवारमाँ कूष्मांडानारंगी (Orange)
पंचमी (दिन 5)26 सितंबर 2025शुक्रवारमाँ स्कंदमातासफ़ेद (White)
षष्ठी (दिन 6)27 सितंबर 2025शनिवारमाँ कात्यायनीलाल (Red)
सप्तमी (दिन 7)28 सितंबर 2025रविवारमाँ कालरात्रिशाही नीला (Royal Blue)
अष्टमी (दिन 8)29 सितंबर 2025सोमवारमाँ महागौरीगुलाबी (Pink)
नवमी (दिन 9)30 सितंबर 2025मंगलवारमाँ सिद्धिदात्रीबैंगनी (Purple)
देवी दुर्गा के नौ रूप, नवरात्रि के रंग 2025

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नवरात्रि के हर रंग का महत्व और प्रतीक (Navratri Colours Significance)

नवरात्रि का प्रत्येक रंग एक विशेष भावना और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है:

1. पीला (Yellow):

  • महत्व: यह रंग चमक, खुशी, ज्ञान और उत्साह का प्रतीक है। सोमवार को पड़ने वाली प्रतिपदा के दिन यह रंग पहनना अत्यंत शुभ है, क्योंकि यह दिन नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है।

2. हरा (Green):

  • महत्व: हरा रंग प्रकृति, विकास, उर्वरता और शांति का प्रतीक है। यह जीवन में नई शुरुआत और समृद्धि को आकर्षित करता है।

3. स्लेटी (Grey):

  • महत्व: यह रंग संतुलन, गंभीरता और बुराई का नाश करने की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में भावनाओं का संतुलन कितना महत्वपूर्ण है।

4. नारंगी (Orange):

  • महत्व: नारंगी रंग ऊर्जा, उत्साह, रचनात्मकता और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह रंग मन को प्रसन्न रखता है और एक दिव्य ऊर्जा का संचार करता है।

5. सफ़ेद (White):

  • महत्व: सफेद रंग शांति, पवित्रता, सादगी और स्वच्छता का प्रतीक है। यह रंग देवी की पूजा करते समय मन में शुद्ध विचारों और प्रार्थना का आह्वान करता है।

6. लाल (Red):

  • महत्व: लाल रंग शक्ति, जुनून, क्रियाशीलता और प्रेम का प्रतीक है। यह देवी के उग्र और शक्तिशाली रूप (जैसे माँ कात्यायनी) का भी प्रतिनिधित्व करता है और भक्तों को साहस प्रदान करता है।

7. शाही नीला (Royal Blue):

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  • महत्व: यह रंग शांति, ज्ञान की गहराई और स्थिरता का प्रतीक है, जैसे गहरा नीला आकाश। यह देवी के असीम ज्ञान और उनकी दिव्य शक्ति को दर्शाता है।

8. गुलाबी (Pink):

  • महत्व: गुलाबी रंग प्रेम, स्नेह, सद्भाव और स्त्रीत्व का प्रतीक है। यह रंग माँ महागौरी की तरह करुणा और सार्वभौमिक प्रेम की भावना को जागृत करता है।

9. बैंगनी (Purple):

  • महत्व: बैंगनी रंग आध्यात्मिकता, विलासिता और शक्ति का एक अनूठा मिश्रण है। यह माँ सिद्धिदात्री की तरह सभी सिद्धियों और अलौकिक शक्तियों का प्रतीक है।

How-To: नवरात्रि के रंगों को अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल करें?

  1. वस्त्र: हर दिन के विशेष रंग के अनुसार कपड़े पहनना सबसे आम और लोकप्रिय तरीका है।
  2. पूजा की सजावट: आप पूजा स्थल को भी उस दिन के विशेष रंग के फूलों और सजावट की वस्तुओं से सजा सकते हैं।
  3. भोग: आप देवी को उस दिन के रंग से मिलते-जुलते फल या मिठाई का भोग भी लगा सकते हैं (जैसे पीले रंग के लिए केले, सफेद के लिए दूध की मिठाई)।
  4. रंगोली: घर के प्रवेश द्वार पर उस दिन के विशेष रंग का उपयोग करके रंगोली बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: नवरात्रि के रंगों का क्रम हर साल क्यों बदल जाता है?
उत्तर: नवरात्रि के रंगों का क्रम सप्ताह के दिन पर निर्भर करता है जिस दिन नवरात्रि का पहला दिन (प्रतिपदा) पड़ता है। हर दिन का एक निर्धारित रंग होता है, और प्रतिपदा जिस भी दिन से शुरू होती है, रंगों का चक्र वहीं से प्रारंभ हो जाता है।

प्रश्न 2: What is the significance of 9 colours of Navratri in hindi?
उत्तर: नवरात्रि के नौ रंग देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों के गुणों और शक्तियों का प्रतीक हैं। इन रंगों के अनुसार वस्त्र धारण करना देवी के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने और उनकी विशेष ऊर्जा से जुड़ने का एक तरीका माना जाता है।

प्रश्न 3: अगर मेरे पास उस दिन का विशेष रंग का कपड़ा न हो तो क्या करें?
उत्तर: यह कोई कठोर नियम नहीं है। यदि आपके पास उस विशेष रंग का कपड़ा नहीं है, तो आप उस रंग का रुमाल या कोई अन्य छोटा वस्त्र भी अपने पास रख सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण आपकी श्रद्धा और भक्ति है।

प्रश्न 4: क्या पुरुषों को भी इन रंगों का पालन करना चाहिए?
उत्तर: जी हाँ, यह परंपरा केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है। पुरुष भी इन रंगों का पालन कर सकते हैं और देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 5: 2025 में दुर्गा अष्टमी का रंग क्या है?
उत्तर: 2025 में दुर्गा अष्टमी (29 सितंबर, सोमवार) का रंग गुलाबी (Pink) है।

निष्कर्ष

नवरात्रि के रंग 2025 केवल एक कैलेंडर या परंपरा नहीं हैं; वे भक्ति, भावना और ऊर्जा का एक सुंदर संगम हैं। जब आप हर दिन एक विशेष रंग धारण करते हैं, तो आप न केवल बाहरी रूप से उत्सव का हिस्सा बनते हैं, बल्कि आंतरिक रूप से भी उस दिन की देवी की विशेष ऊर्जा से जुड़ते हैं। इस नवरात्रि, इन रंगों के गहरे महत्व को समझें और अपने उत्सव को और भी अधिक सार्थक और आनंदमय बनाएं।

जय माता दी!

(Disclaimer: यह लेख पंचांग और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। रंगों का क्रम वर्ष और नवरात्रि के प्रकार (चैत्र/शारदीय) के अनुसार बदल सकता है।)

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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