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कालसर्प दोष के 12 प्रकार और निवारण के उपाय । Kaalsarp Dosh Ke 12 Prakar
Kaalsarp Dosh Ke 12 Prakar Or Unke Upaay | 12 प्रकार के कालसर्प दोष व नागपंचमी पर करें कालसर्प दोष उपाय – कालसर्प दोष के उपाय ज्योतिष मत के अनुसार, कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार के होता है, इसके होने या ना होने का निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है. प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए हिंदू धर्म में भिन्न-भिन्न उपाय हैं. यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप नागपंचमी के दिन उपाय कर सकते हैं. कालसर्प दोष के प्रकार व उनके उपाय इस प्रकार हैं-
Kaalsarp Dosh Ke Upaay
1. अनन्त कालसर्प दोष – अनन्त कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी पर एकमुखी, आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें। – यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, तो नागपंचमी पर रांगे (एक धातु) से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें. इसे लाभ जल्द ही मिलेगा.
2. कुलिक कालसर्प दोष – कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें। – चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें. यह उपाय व्यक्ति के जीवन में खुशिया लाता है.
3. वासुकि कालसर्प दोष – वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें. – नागपंचमी के दिन लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें.
4. शंखपाल कालसर्प दोष – शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबूत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें. – नागपंचमी पर्व पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें.
5. पद्म कालसर्प दोष – पद्म कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ नियमित रुप से करें. – जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं.
6. महापद्म कालसर्प दोष – महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें. – नागपंचमी के दिन आवश्यक रूप से गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें.
7. तक्षक कालसर्प दोष – तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें. – सफेद कपड़े और चावल का दान करें. निश्चित रुप से आपकों लाभ प्राप्त होगा.
8. कर्कोटक कालसर्प दोष – कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें. – नागपंचमी पर शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें.
9. शंखचूड़ कालसर्प दोष – शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए नागपंचमी की रात सोने से पहले अपने तकिए के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें. – पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें.
10. घातक कालसर्प दोष – घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें. – चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें.
11. विषधर कालसर्प दोष – विषधर कालसर्प के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें. – नागपंचमी पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें.
12. शेषनाग कालसर्प दोष – शेषनाग कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी की पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें. – नागपंचमी पर गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करें.
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