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बिरयानी का आविष्कार किसने किया था | Biryani Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

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Biryani Ka Avishkar Kisne Kiya Tha : बिरयानी वर्तमान दौर में बहुत ही पसंद किया जाने वाला नॉनवेज फूड है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिरयानी का आविष्कार किसने किया, यदि आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो चिंता मत करिए। पोस्ट के जरिए आज हम विस्तार पूर्वक जानेंगे कि सबसे ज्यादा बिरयानी कहा खाई जाती हैं। आशा करते हैं कि आप पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ेंगे।

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बिरयानी का आविष्कार किसने किया था | Biryani Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

बहुत ही कम समय में तैयार होने वाली बिरयानी करीब-करीब सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा पसंद कि जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि बिरयानी का आविष्कार किसने किया। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इतिहासकारों का मानना है कि, बिरयानी का आविष्कार फारस से हुआ है, जिसे मुगल अंपायर द्वारा शाहजहां की रानी द्वारा मुमताज महल में बनाई गई थी। इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि, बिरयानी को मुगलों द्वारा ही भारत में लाया गया था। जिसके बाद मुगल शाही रसोई में बिरयानी के स्वाद को और अधिक विकसित किया गया। बिरयानी एक फारसी शब्द है।

सबसे ज्यादा बिरयानी कहां खाई जाती है?

यदि आपके मन में भी सवाल उठ रहा है कि, भारत के किस प्रांत में सर्वाधिक मात्रा में बिरयानी खाई जाती है। तो बताते चलें कि, भारत में सबसे ज्यादा बिरयानी हैदराबाद और लखनऊ में खाई जाती है। दूसरी ओर बेहतरीन स्वाद के चलते इसे करीब-करीब भारत के सभी प्रांतों में बड़े ही चाव के साथ खाया जाता है।

क्या बिरयानी सेहत के लिए फायदे मंद है?

बिरयानी एक प्रकार का संतुलित आहार है। बिरयानी सेहत के लिए फायदेमंद होता है, इसका कारण है कि, बिरयानी में शरीर को पोषण देने वाले पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते है, यह मनुष्य शरीर में एंटी कैंसर, ब्‍लड शुगर को कम करने और और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं बिरयानी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। यह सभी तत्व स्वस्थ व्यक्ति के लिए आदर्श होता है।

बिरयानी कैसे बनती हैं?

बिरयानी में आमतौर पर चिकन या मटन का उपयोग किया जाता है। लेकिन पूरी दुनिया में हैदराबाद की बिरयानी प्रसिद्ध है। चलिए पोस्ट के जरिए हैदराबाद की बिरयानी रेसिपी के के बारे में जान लेते हैं- बिरयानी बनाने में उपयोग होने वाली आवश्यक सामग्री में प्याज, गोश्त, चावल, गरम मसाले, तेल और दही की आवश्यकताहोती है.

स्टेप 1 : सबसे पहले कढ़ाई में तेल डालकर उसे गर्म करें। जिसके बाद प्याज डालकर उसे सुनहरा होने तक भुनें, ध्यान रहे प्याज जले नहीं। प्याज का गोल्डन ब्राउन कलर आने के बाद उसे अलग बर्तन में निकाल लें।

स्टेप 2 : गोश्त को अच्छी तरह से धोलें, गरम मसाले और दही डाल कर इसे अच्छे से मिलाकर 1 घंटे तक मॅरिनेट करें। जिसके बाद इस मेरिनेशन में ही स्टेप 1 की प्याज को भी मिला दें।

स्टेप 3 : चावल के लिए बासमती को इस्तेमाल करें ताके अच्छी खुश्बू वाली बिरयानी बन सकें। चावल को 70 प्रतिशत तक पकाना है। फिर मेरीनेट किया हुआ गोश्त में डालकर गैस पर चढ़ा दें। करीब आधे घंटे में आपकी बिरयानी तैयार रहेगी.

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भारत में बिरयानी को अलग अलग जगह अलग अलग नाम से जाना जाता है। जैसे- दिल्ली बिरयानी, हैदरबाद बिरयानी, धकाईया बिरयानी, सिंधी बिरयानी और अफ़ग़ान बिरयानी वगैरा वगैरा।

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FAQ

Q.सबसे पहले बिरयानी किसने बनाई?

Ans. इतिहासकार लिजी कोलिंगहैम की मानें तो, बिरयानी मुगल साम्राज्य (1526-1857) की शाही रसोई में विकसित हुई। और यह भारत के देशी मसालेदार चावल के व्यंजन और फारसी पिलाफ का मिश्रण है।

Q.बिरयानी का आविष्कार कब हुआ?

Ans. इतिहासकारों का मानना ​​है कि बिरयानी फारस से उत्पन्न हुई थी। इसे मुगलों द्वारा भारत लाया गया था। मुगल शाही रसोई में बिरयानी को और विकसित किया गया था

Q.बिरयानी का नाम बिरयानी क्यों पड़ा?

Ans. बिरयानी शब्द की उत्पत्ति ‘ब्रिंज़’ शब्द से हुई है। फारसी में चावल को ब्रिज कहते हैं। फ़ारसी भाषा में “बिरयन” या “बेरियँ” शब्द से भी इसका संबंध है।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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