श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) : श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन Lyrics in Hindi
श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) : श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन, श्री राम जी की यह बेहद ही प्रचलित स्तुति है. इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी की वीरता, शौर्य और उनके गुणों का बखान किया गया है. बता दें कि, यह स्तुति संस्कृतमय अवधी भाषा में है. इसमें कई अलंकारों का इस्तेमाल किया गया है. श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन भजन मन को मंत्र मुग्ध करने वाला भजन है. हनुमान और श्री राम मंदिरों में आरती के समय इस स्तुति को गाया जाता है. सनातन संस्कृति में मान्यता है कि, श्री राम स्तुति को पढ़ने से मन को अगाध शांति मिलती है. स्तुति का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है. चलिए पोस्ट के जरिए हम जानें श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) : श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन Lyrics in Hindi
श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti)
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं ।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज, पद कंजारुणं ॥1॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरज सुन्दरम ।
पट पीत मानहु तडित रुचि शुचि नौमी जनक सुतावरं ॥2॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम् ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥3॥
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धुषणं ॥4॥
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम् ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु कामादी खल-दल गंजनं ॥5॥
राम स्तुति छंद:
मनु जाहिं राचेऊ मिलहि सो बरु सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील स्नेह जानत रावरो ॥6॥
एहि भांति गौरी असीस सुनि सिय सहित हिय हरषि अली।
तुलसी भवानी पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥7॥
॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे॥
Shri Ramchandra Kripalu Bhajman (Shri Ram Stuti) lyrics in English
Shri Ramachandra Kripalu Bhajman, Harana Bhavabhaya Daarunam।
Navakanja Lochan Kanj Mukhkar, Kanj Pad Kanjarunam ॥1॥
Kandarp Aganit Amit Chhavi Nav Neel Neeraj Sundaram।
Pat peet Maanahum Tadit Ruchi Shuchi, Noumi Janak Sutavaram ॥2॥
Bhaju Deebandhu Dinesh Danav, Daityavansh Nikandanam ।
Raghunand Aanand Kand Kaushalchand Dasharath Nandanam ॥ 3॥
Sir Mukut Kundal Tilak Chaaru, Udaaru Ang Vibhushanam ।
Aajaanu Bhuj Shar Chaap dhar, Sangraam jit khar Dhushanam ॥ 4॥
Iti Vadti Tulsidas Shankar, Shesh Muni Man ranjanam ।
Mam Hriday kanj Nivaas Kuru, Kaamaadi Khal-dal Ganjanam ॥ 5॥
Shri Ram Stuti Chhand:
Manu Jaahin Raacheu Milihi so baru, Sahaj Sundar Sanvaro ।
Karuna Nidhaan Sujaan Sheel, Sneh Jaanat Ravro ॥ 6॥
Ehi Bhaanti Gauri Asees Suni Siya, Sahita Hiyan Harashi Ali ।
Tulsi Bhavaanihi Pooji Puni Puni, Mudit Man Mandir Chalee ॥7॥
॥ Sortha ॥
Jaani Gauri Anukool, Siya Hiya Harshu Na Jaye Kaheen ।
Manjul Mangal Mool, Vam Ang Pharkan Lage ॥
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