मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को सनातन धर्म में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. अपने पिता की मर्यादा रखने के लिए भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष का वनवास काटा था. इतना ही नहीं अपनी पत्नी सीता के लिए लंकापति रावण से युद्ध भी किया था. श्री राम की महिमा से हम सभी भली भांती परिचित है. चलिए श्री रामचन्द्र स्तुति | Shri Ramchandra Stuti को पोस्ट के जरिए पढ़ते हैं. बता दें कि, श्री राम स्तुति की रचना श्री गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी.
नमामि भक्तवत्सलं कृपालुशीलकोमलं,
भजामि ते पदाम्बुजं अकामिनां स्वधामदम् ।
निकामश्यामसुन्दरं भवाम्बुनाथमन्दरं,
प्रफुल्लकञ्जलोचनं मदादिदोषमोचनम् ॥ १ ॥
प्रलम्बबाहुविक्रमं प्रभोऽप्रमेयवैभवं,
निषङ्गचापसायकं धरं त्रिलोकनायकम् ।
दिनेशवंशमण्डनं महेशचापखण्डनं,
मुनीन्द्रसन्तरञ्जनं सुरारिबृन्दभञ्जनम् ॥ २ ॥
मनोजवैरिवन्दितं अजादिदेवसेवितं,
विशुद्धबोधविग्रहं समस्तदूषणापहम् ।
नमामि इन्दिरापतिं सुखाकरं सतां गतिं,
भजे सशक्तिसानुजं शचीपतिप्रियानुजम् ॥ ३ ॥
त्वदङ्घ्रिमूल ये नरा भजन्ति हीनमत्सराः,
पतन्ति नो भवार्णवे वितर्कवीचिसङ्कुले ।
विविक्तवासिनः सदा भजन्ति मुक्तये मुदा,
निरस्य इन्द्रियादिकं प्रयान्ति ते गतिं स्वकाम् ॥ ४ ॥
दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।