News

Phulera Dooj 2022 Kab Hai | फुलेरा दूज 2022 में कब हैं तारीख, महत्व

महत्वपूर्ण जानकारी

  • दिनांक: शुक्रवार, 04 मार्च 2022
  • द्वितीया तीथी शुरू – मार्च 03, 2022, को  09:36 PM से।
  • द्वितीया तीथि समाप्त – मार्च 04, 2022 को 08:45 PM तक।
  • क्या आप जानते हैं: फुलेरा दूज एक ऐसा अबूझ मुहूर्त हैं, इस दिन सभी प्रकार के पाप माफ होते हैं। इस दिन सभी शुभ कार्य विशेषकर विवाह समारोहों में फुलेरा दूज के दिन किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है। इस दिन भारत वर्ष में सर्वाधिक विवाह संपन्न होते हैं।

दोस्तों पोस्ट के जरिए हम जानेंगे Phulera Dooj 2022 Kab Hai | फुलेरा दूज 2022 में कब हैं तारीख, महत्व फुलेरा दूज कब है? फुलेरा दूज 2022 तारीख, फुलेरा दूज का महत्व तथा फुलेरा दूज से संबंद्धित अन्य धार्मिक जानकारी। आपकों मालूम होना चाहिए कि भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए फुलेरा दूज का त्यौहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है।  फुलेरा दूज का त्यौहार होली पर्व के  के आने के संकेत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन श्री कृष्ण जी के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है।  कृष्ण भक्तों को इस दिन प्रभु श्री कृष्ण के विशेष दर्शन होतें हैं. चलिए अब हम सब फुलेरा दूज 2022 कब है? (Phulera Dooj 2022) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.

फुलेरा दूज 2022 में कब है? (Phulera Dooj 2022)

फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्यौहार मनाया जाता है. साल 2022 में फुलेरा दूज का त्यौहार 04 मार्च 2022, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा.

फुलेरा दूज 2022 तारीख04 मार्च 2022, शुक्रवार
Phulera Dooj 2022 Date04 March 2022, Friday

अब हम लोग फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.

फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि के बारे में जानकारी

आपकों उपरोक्त लेख में बताया गया है कि, फुलेरा दूज का त्यौहार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाई जाती है. इस कारण से हम सबको फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि के प्रारम्भ और समाप्त होने के समय के बारे में जानकारी अवस्य होनी चाहिए.

फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि प्रारंभ03 मार्च 2022, गुरुवार
09:36 pm
फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीय तिथि समाप्त04 मार्च 2022, शुक्रवार
08:45 pm

फुलेरा दूज का महत्व | Importance of Phulera Dooj

  • फुलेरा दूज पावन उत्सव है।
  • उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से ब्रज क्षेत्र के लिए फुलेरा दूज का उत्सव उल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • फुलेरा दूज को होली के आगमन और होली की तैयारी के त्यौहार के रूप में जाना जाता है.
  • यह दिन श्री कृष्ण के भक्तों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण दिन होता है.
  • फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण का फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाता है.
  • इस दिन फूलों की रंगोली भी बनाई जाती है.
  • श्री कृष्ण की मंदिरों को फूलों से सजाया जाता हैं.
  • कृष्ण के संग फूलों की होली खेली जाती है.
  • फुलेरा दूज के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है.
  • किसी भी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए फुलेरा दूज का दिन पवित्र होता है।
  • फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करना, श्री कृष्ण के भजन, मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना बेहद ही शुभ माना गया है।
  • इस दिन से गुलरियाँ बनाने का कार्य प्रारम्भ किया जाता है।
  • गुलरियाँ गाय के गोबर से बनाई जाती है. इसका इस्तेमाल होलिका दहन के दिन किया जाता है.लों से सजाया जाता है. फूलों की होली इस दिन खेली जाती है।
फुलेरा दूज का त्यौहार कब मनाया जाता है?

फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्यौहार मनाया जाता है.

फुलेरा दूज के त्यौहार को अन्य किन नामों से जाना जाता है?

आप सबको बता दें की फुलेरा दूज त्यौहार को फुलैरा दूज, फुलरिया दूज नामों से जाना जाता है.

फुलेरा दूज का त्यौहार किस भगवान से समबंद्धित त्यौहार है?

फुलेरा दूज का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण और राधा जी से संबंद्धित है.

इसे भी पढ़े :

Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status