Newsधर्म

मोहिनी एकादशी 2024, पूजन विधि, व्रत कथा | Mohini Ekadashi Vrat 2024

मोहिनी एकादशी 2024 , पूजन विधि, व्रत कथा | Mohini Ekadashi Vrat 2024

महत्वपूर्ण जानकारी

  • मोहिनी एकादशी व्रत
  • रविवार, 19 मई 2024
  • मोहिनी एकादशी शुरू: 18 मई 2024 को रात 08:28 बजे
  • मोहिनी एकादशी समाप्त: 19 मई 2024 रात 10:09 बजे

वैशाख माह में शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी आती है. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi Vrat) 19 मई, 2024 , रविवार को मनाई जाएगी. द्वादशी के दिन एकादशी व्रत का पारण किया जाता है. पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता हैं, कि भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के वक्त देवताओं को अमृत का पान कराने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था. इसी कारण से इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है.

हिंदू धर्म में निहित पौराण‍िक मान्यताओं की मानें तो एकादशी सभी पापों को को दूर कर मृत्यु के उपरांत मोक्ष प्रदान करती है. इस व्रत के प्रभाव से उपासक के सभी दुखों से दूर होकर अंत में बैकुंठ धाम को जाता है. इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए. रात के समय श्री हरि का स्मरण करते हुए, भजन कीर्तन करते करना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि इस व्रत को दशमी तिथि से व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए.

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत की बेहद ही पवित्र और धार्मिक मान्यता है. इस व्रत में भगवान विष्णु के भिन्न-भिन्न अवतारों की उपासना की जाती है. मोह किसी भी चीज का हो, मनुष्य को कमजोर ही करता है इसलिए मोह से छुटकारा पाने की कामना रखने वाले इंसान के लिए ये व्रत बहुत उत्तम है.

इस एकादशी से और भी बहुत सारे फल और वरदान पाए जा सकते हैं, इस व्रत को करने से पाप का प्रभाव कम होता है और मन शुद्ध होता है. ऐसा माना जाता है कि यदि कोई विष्णु भक्त इस शुभ दिन पर उपवास रखता है, तो उसका जीवन सुखमय और समृद्ध हो जाता है. उपवास करने वाला व्यक्ति मोह माया के जंगल से निकलकर मोक्ष प्राप्ति की ओर बढ़ता है.

mohini-ekadashi-vrat
Mohini Ekadashi Vrat

मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त :

  • मोहिनी एकादशी व्रत
  • रविवार, 19 मई 2024
  • मोहिनी एकादशी शुरू: 18 मई 2024 को रात 08:28 बजे
  • मोहिनी एकादशी समाप्त: 19 मई 2024 रात 10:09 बजे

मोहिनी एकादशी व्रत पूजा विधि :

  • इस दिन अलसुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद पहले सूर्य को अर्घ्य दें और इसके बाद भगवान राम की आराधना करें.
  • कलश की स्थापना करें और भगवान विष्णु की आराधना करें.
  • भगवान राम का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें और प्रभु श्री राम को पीले फूल, फल, पंचामृत और तुलसी चढ़ाएं.
  • मोहिनी एकादशी व्रत के दिन मोहिनी एकादशी का पाठ पड़े या सुने.
  • रात्रि के समय श्री हरि का मनन करें और भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें.
  • द्वादशी के दिन एकादशी व्रत का पालन करें.
  • व्रत के दिन सबसे पहले भगवान का पूजन करें और ब्राह्मण या जरूरतमंदों को भोजन अर्पित करें और उन्हें दक्षिणा दें। इसके बाद ही खुद भोजन ग्रहण करें.
  • मोहिनी एकादशी के दिन मन को ईश्वर में लगाएं, गुस्सा करने और झूठ बोलने से बचें.

ये भी पढ़िए :  300+Animals name in Hindi and English | जानवरों के नाम 

मोहिनी एकादशी व्रत कथा :

धनपाल नाम का एक धनी व्यक्ति भद्रावती नाम के सुंदर गांव में निवास करता था. वह स्वभाव से बहुत गुणी और दान पुण्य करने वाला इंसान था. उनके पाँच पुत्रों थे जिसमें सबसे छोटे का नाम धृष्ट बुद्धि था, जो अपने पिता के धन को बुरे कामों में लुटता था. एक दिन धनपाल ने उसकी बुरी आदतों से परेशान हो कर उसे घर से बाहर निकाल दिया. सदमे में आकर इधर-उधर घूमने लगा. एक दिन किसी पुण्य के प्रभाव से महर्षि कौण्डिल्य के आश्रम पर जा पहुंचा। महर्षि गंगा में स्नान करके आए थे.

धृष्ट बुद्धि सदमे के भार से पीड़ित होकर, कौण्डिल्य ऋषि के पास गया और हाथ जोड़कर कहा, “ऋषि! मुझे पर दया करो और मुझे कोई उपाय बताओ जिससे मैं अपने दुखों से छुटकारा पा सकूं.” जिसके प्रतिउत्तर में कौण्डिल्य ने कहा, मोहिनी नामक प्रसिद्ध एकादशी का व्रत करो.” इस व्रत के पुण्य से कई जन्मों के पाप भी खत्म हो जाते हैं. धृष्ट बुद्धि ऋषि द्वारा बताई गई विधि के अनुसार उपवास किया. जिसके कारण वह पाप रहित हो गया और दिव्य शरीर धारण कर श्री विष्णुधाम चला गया.

mohini-ekadashi-vrat
mohini ekadashi vrat

मोहिनी एकादशी का महत्व :

हिंदू धर्म में प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन किया गया था, अमृत की प्राप्ति के बाद, देवताओं और राक्षसों में धक्का मुक्की होने लगी. स्वयं के बल पर देवता असुरों को पराजित नहीं कर सकते थे, इसलिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और असुरों को अपने प्रेम के जाल में फंसा लिया, और सारा अमृत देवताओं को पिला दिया जिससे देवताओं ने अमरत्व प्राप्त किया. इसी के चलते इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा गया. इस दिन विधिवत व्रत और उपासना से गौदान का पुण्य फल मिलता है.

इसे भी पढ़े :

Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status