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विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध 2024 | World Population Day Essay 2024

जनसंख्या वृद्धि समस्या के कारण व समाधान, विश्व जनसंख्या दिवस 2024 निबंध (World population day essay speech,  theme and  population reason in hindi)

विश्व जनसंख्या दिवस निबंध World population day essay

जनसंख्या अर्थात एक सीमित क्षेत्र मे रहने वाले लोगों की संख्या से है. जब किसी रहवासी क्षेत्र में रहने वाले लोागों की संख्या आवश्यकता से अधिक हो जाए, तो उसे जनसंख्या वृद्धि कहते हैं. अब सवाल उठता है कि यह कैसे पता चलेगा कि किसी स्थान की जनसंख्या अधिक है. इसका उत्तर भी स्पष्ट है, जब किसी क्षेत्र के युवाओं के लिए आमदनी के साधन कम मतलब नौकरी के लिए भटकना पड़े या किसी परिवार को अपनी दो वक़्त की रोटी के लिए अत्याधिक परिश्रम करना पड़े, तो निश्चित ही वहा की जनसंख्या आवश्यकता से अधिक होने लगी हैं.

विश्व जनसंख्या दिवस हर वर्ष 11 जुलाई को पूरे विश्व में मनाया जाता है. सितम्बर 2016 तक की विश्व में जनगणना को देखे तो दुनिया में 7,342,686,578 लोग हैं जिनमें से 1,373,541,278 तक जनसंख्या केवल चीन में हैं और भारत में 1,266,883,598 की संख्या के साथ पूरी दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं. हालांकि यह डाटा थोड़ा पुराना हैं लेकिन अधिक पुराने नहीं हैं कि वर्तमान स्थिति का अनुमान नहीं लगाया जा सके. भारत का भी जनसंख्या विस्फोट में  महत्वपूर्ण  योगदान हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर जनसंख्या का आंकलन करे, तो ये कहना कतई गलत नहीं होगा कि विश्व में जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण विषय हैं.

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विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास (History of World population day)

विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने का उद्देश्य वर्तमान में बढ़ती आबादी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों और इससे जुड़े अन्य मुद्दों और इसके महत्व की ओर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है. इस दिन का निर्धारण 1989  में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तत्कालीन गवर्निंग काउंसिल द्वारा किया गया था. इसे मनाने का सुझाव डॉक्टर के.सी. जैक्रियाह (Dr KC Zachariah) ने दिया था. जिन्होंने दुनिया को विश्व की जनसंख्या के 5 बिलियन तक पहुचने का आंकड़ा बताया था. उस समय वो वर्ल्ड बैंक में सीनियर डेमोग्राफर के तौर पर काम कर रहे थे. इस प्रकार पहली बार इसे 11 जुलाई 1987 को मनाया गया.

1987 में 5 बिलियन तक जनसंख्या पहुचने के बाद यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम ने यह दृढ़ निश्चय किया कि इस दिन छुट्‌टी रखी. ताकि बढ़ती आबादी और इसके दुष्प्रभावों की ओर विश्व के लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सके. और इसी कारण 1989 में इस दिन को मनाना शुरू किया गया.

दिसंबर 1990 में रिजोल्यूशन 45/216 से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जनसंख्या के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य के साथ विश्व जनसंख्या दिवस मनाया और इसमें पर्यावरण और इसके समग्र विकास के मुद्दों को भी शामिल किया गया.

विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य  (Objectives of World population day)

बीते करीब 2 दशक से मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य जन्मदर (बर्थ रेट) पर लगाम और जनसंख्या में अनियमितता जैसे विषय को मुख्य धारा में लाकर दुनिया को इसके प्रति सजग करना हैं.

वर्तमान परिस्थितियों में भी विश्व की जनसंख्या लगभग 7 बिलियन हैं और यूएन की रिपोर्ट के अनुसार ये बहुत तेजी से बढ़ रही हैं और प्रति वर्ष लगभग 83 बिलियन इंसानों की वृद्धि हो रही हैं.

यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम की गवर्निंग काउंसिल का उद्देश्य विश्व में फैली प्रजनन सम्बन्धित समस्यायों की ओर ध्यान आकर्षित करना हैं, इसके कारण स्वास्थ सम्बन्धित समस्याएं भी बढ़ रही हैं और दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही हैं, यह भी देखने में आया हैं कि, रोजाना करीब 800 महिलाएँ बच्चे को जन्म देते समय मरती हैं.इस तरह हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाने से लोगों में प्रजनन सम्बन्धित जानकारियों के प्रति जागरुकता लायी जा सकती हैं.

भारत मे जनसंख्या वृद्धि के कारण (Reason of Indian population )

दूसरा मत यह है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती. फिर चाहे वह अति किसी देश मे रहने वाले लोगों की जनसंख्या ही क्यों न हो. अब जब हम भारत की बात करते हैं, तो यहा की जनसंख्या वृद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत जनसंख्या के मामले मे विश्व मे दूसरे स्थान पर आता है. जनसंख्या विस्फोट के मामले मे चीन सबसे आगे है, परंतु वह दिन भी दूर नहीं जब भारत चीन से भी आगे निकल जाएगा.

भारत वर्ष में इस बढ़ती हुई जनसंख्या का कारण आज भी लोगो की अशिक्षा व अंधविश्वास है. भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अभी भी कुछ लोगों के बीच में पौराणिक अवधारणा है कि जितने लोग कमाने वाले होंगे उतनी ही अधिक आमदनी होगी. लेकिन इस प्रकार की मानसिकता वाले लोग यह भूल जाते है, कि जितने लोग कमाएंगे उतने ही खायेंगे भी. अगर किसी माता पिता की ज्यादा संताने होंगी, तो यह संभव नहीं कि वे आज के समय मे सभी को बेहतर शिक्षा और अन्य सुविधाए दे पाये. परंतु इसी के विपरीत किसी की एक या केवल दो संताने है, तो उन माता पिता का पूरा ध्यान अपने बच्चो पर केन्द्रित रहता है तथा वे अपने बच्चो को बेहतर परवरिश दे पाते है. लेकिन अब आवश्यकता यह है कि भारत जैसे अंधविश्वासी देश मे बच्चों को भगवान की देन ना मानकर यह समझा जाए, कि जनसंख्या नियंत्रण हमारे हाथो मे है, हम चाहे तो इस पर नियंत्रण कर सकते हैं.

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जनसंख्या पर नियंत्रण कैसे किया जाए (Importance of population control) : 

किसी रूम में कम्प्युटर के सामने बैठकर यह तय कर पाना की भारत जैसे अनेकता से भरे देश मे जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कैसे किया जाए, असंभव है. लेकिन फिर भी ऐसी कई बातें है जिन्हें यदि हर इंसान ध्यान में रखें, तो शायद जनसंख्या वृद्धि की दर कम होगी. कुछ कारण ऐसे है जिनपर मैं यहाँ प्रकाश डालना चहूंगा .

  • बच्चियां जिनका विवाह कम आयु में हो गया है, वे केवल दो बच्चों को जन्म देने की सोच रखे तथा अपने परिवार को एक अच्छी परवरिश दें.
  • परिवार कल्याण जैसे कार्यक्रमों को समझे तथा उन्हे इस्तेमाल में लाए. विज्ञापनों के द्वारा दी जाने वाली जानकारी को समझने की कोशिश करें.
  • हमारी आने वाली पीढ़ी को शिक्षित और नए विचारों से सक्षम बनाए.
  • यह विचार करने योग्य बात है कि भारत के उत्तरी राज्यों में जनसंख्या वृद्धि की दर ज्यादा हैं.

2024 में विश्व जनसंख्या दिवस कब  है? (World population day 2019 date)

2024 में भी ये प्रति वर्ष की भांति 11 जुलाई को ही मनाया जाएगा, इस बार 32 वां विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाएगा.

विश्व जनसंख्या दिवस 2019 थीम और नारा (World population day themes and slogan )

यूनाइटेड नेशन द्वारा प्रति वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस के लिए विभिन्न प्रकार की थीम रखी जाती हैं, और थीम को मद्देनजर रख कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं. 2018 में इसकी थीम- “फैमिली प्लानिंग एक मानवाधिकार” थी. 2019 के लिए भी कोई थीम होगी, लेकिन अभी तक इससे सम्बन्धित जानकारी की घोषणा नहीं हुई हैं. गत 5 वर्षों में इसके लिए निम्न थीम का उपयोग हुआ हैं

वर्ष (Year)थीम (Theme)
2014जनसंख्या से सम्बंधित मुद्दों में युवाओं के योगदान को देखने का समय  (अ टाइम टू रिफ्लेक्ट ऑन पोप्युलेशन ट्रेंड्स एंड रिलेटेड इश्यू एंड इन्वेस्टिंग इन यंग पीपल) [A time to reflect on population trends and related issues” and “Investing in Young People]
2015आपातकाल में जनसंख्या की अतिसम्वेदनशील स्थिति (वलनरेबल पोप्युलेशन इन इमरजेंसी) [Vulnerable Populations in Emergencies”
2016टीनएज की लडकियों पर ध्यान देना (इन्वेस्टिंग इन टीनएज गर्ल) [Investing in teenage girls]
2017परिवार नियोजन: नागरिकों का सशक्तीकरण,विकासशील देश

(फैमिली प्लानिंग:एमपोवेरिंग पीपल,डेवेलपिंग नेशन) [Family Planning: Empowering People, Developing Nations”]

2018परिवार नियोजन  मानवाधिकार हैं (फैमिली प्लानिंग इज ह्यूमन राईट)[ Family Planning is a Human Right]

कैसे मनाया जाता हैं? (How to celebrate)

  • यह दिन युवा युवक-युवतियों के लिए होता हैं, जिससे समाज के हर वर्ग में जनसंख्या वृद्धि के प्रति जागरूकता लाई जा सके.
  • समाज में  प्रत्येक जोड़े को स्वास्थ सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक हैं.
  • लडकियों के अधिकारों की रक्षा करना और इसके लिए कानून बनाना भी इसमें शामिल हैं. विवाह  सम्बन्धों से जुडी जिम्मेदारियों के प्रति सजग होना जरुरी हैं.
  • ऐसे समारोह में हिस्सेदारी कर आम लोगों में जनसंख्या और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे बढ़ती जनसंख्या, जननी और बच्चे का स्वास्थ्य, गरीबी, मानवाधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार से सुरक्षा और निरोध के उपयोग पर जागरुकता लाई जा सकती हैं.
  • दूसरी ओर भारत जैसे विकासशील देशों में जहां अब भी बाल विवाह देखा जाता हैं और कम उम्र में ही गर्भधारण गम्भीर विषय है, यहाँ भी इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाया जा सकता हैं.
  • बालिका शिक्षा,बाल विवाहभी काफी महत्वपूर्ण और आवश्यक मुद्दे हैं, इन्हें भी विश्व जनसंख्या दिवस के जागरूकता अभियान में शामिल किया जा सकता हैं.

इवेंट्स (events)  

विश्व जनसंख्या दिवस पर पूरे विश्व में कई तरह के इवेंट्स आयोजित किये जाते हैं, जिनमें वाद-विवाद,शैक्षिक कार्यक्रम,जानकारियाँ देने सम्बन्धित विभिन्न कार्यशालाएं आयोजित करवाई जाती हैं.

10 अधिक जनसंख्या वाले देशो (Top 10 countries by population )

SNदेश का नामजनसंख्याविश्व मे प्रतिशत
1चीन137212000018.9%
2भारत127724000017.6%
3यूनाइटेड स्टेट3218400004.43%
4इंडोनेशिया2521648003.47%
5ब्राज़ील2049110002.82%
6पाकिस्तान1909330002.63%
7नाईजीरिया1736150002.39%
8बांग्लादेश1590380002.19%
9रशिया1460684002.01%
10जापान1271300001.75%

विश्व जनसंख्या दिवस पर नारे (WORLD POPULATION DAY SLOGANS)

  • विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य भविष्य में लोगों की भीड़ कम करना हैं.
  • विश्व जनसंख्या दिवस मनाने से जनसंख्या वृद्धि पर काबू किया जा सकता हैं.
  • जनसंख्या विस्फोट के कारण होने वाले शोषण से पृथ्वी को बचाए.
  • धरती पर रहने की पर्याप्त जगह बनाने के लिए इस केम्पेन में शामिल होना चाहिए.
  • जनसंख्या नियंत्रण के लिए अपने खुदके बच्चे को जन्म देने के स्थान पर एक बच्चा गोद ले.
  • धरती को जनसंख्या विस्फोट से बचाइए.
  • भुखमरी से बचने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करें.
  •  भविष्य के सुखद जीवन के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण करें.
  •  विश्व जनसंख्या दिवस मनाकर जनसंख्यावृद्धि के खिलाफ आवाज़ बुलंद की जा सकती हैं.
  •  जनसंख्या नियंत्रण करना मुश्किल हैं लेकिन असंभव नहीं.

भारत में बढती जनसंख्या को कैसे सरकार कैसे रोक सकती है ?

भारत विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, ऐसे में जनसंख्या पर रोक लगाना कितना आवश्यक है यह हम सब जानते हैं. भारत में जनसंख्या अधिक होने का एक कारण यह भी है की अभी भी लोग जागरूक नहीं है. ऐसे में सरकार चाहे तो समय-समय पर लोगों को बढती जनसंख्या के खतरों के बारें में बताकर उन्हें जागरूक कर सकती है. बढती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए सरकार चाहे तो कोई ऐसा नियम बना सकती है या कानून लागु कर सकती है जिसकी मदद से भारत में जनसंख्या को कंट्रोल किया जा सके.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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