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गोपालगंज के थावे का पेडिकिया मिठाई, जानें क्यों हैं प्रसिद्ध । Pedikia Mithai Thawe Gopalganj

गोपालगंज के थावे का पेडिकिया मिठाई, जानें क्यों हैं प्रसिद्ध। Pedikia Mithai Special Sweet Of Thawe Gopalganj In Hindi

भारतीय लोगों को व्यंजन के बाद मीठा खाना बेहद ही पसंद होता है. दूसरे शब्दों में कहा जाएं तो भारतीय मिठाई खाने के शौकिन होते है. कुछ इलाकों की पहचान तो वहां बनने वाली मिठाई के नाम से फेमस होती है. इसी में से एक है पेंडिकिया मिठाई (Pedikia Mithai). बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के थावे प्रखंड की प्रसिद्ध मिठाई पेंडिकिया पूरे भारत में अपनी पहचान बना चुकी है. अन्य प्रांतोंं में इसे गुजिया/गुझिया भी कहते हैं.

गोपालगंज के थावे का पेडिकिया मिठाई (Pedikia Mithai) का अपना एक विशेष स्थान है. पेडिकिया (Pedikia Mithai) दो प्रकार से बनाई जाती है एक रसदार भी होता है और दूसरा सूखा भी. दोनों के स्वाद में कांटे बराबर का अंतर है, लेकिन लाजवाब दोनों है. यह खोवे वाला भी होता है, सूजी वाला भी और कहीं-कहीं आटे का भी.

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हूबहू चंद्रकला कि तरह दिखने वाले पेडिकिया (Pedikia Mithai) के आकार में थोड़ा सा अंतर कर दिया जाए तो ये लौंगलत्ता की तरह हो जाता है. लेकिन, इसके इतिहास पर थावे में बात करेंगे तो लगेगा कि ये बहुत पुरानी मिठाई है और अपने आप में एक समृद्धि समेटे हुए है. वहां तो लोग कहते हैं पेडिकिया मतलब थावे.

यदि आप थावे मंदिर के समीप जाएंगे तो आपको दर्जनों दुकानें मिलेंगी. बेहद ही रोचक बात यह है कि, सभी दुकानें गौरी शंकर के नाम से है. एक ही लाइन में आपकों गौरी शंकर के नाम से 10 से ज्यादा दुकानें दिखेंगी.

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अब इसके पीछे का इतिहास ये है कि शुरू में गौरी शंकर के नाम से एक मिठाई की दुकान खुली. बाद में उने भाई-बच्चे अपनी अलग-अलग दुकानें करते गए और गौरी शंकर मिठाई की दुकान कई हो गई हैं. मतलब एक ही परिवार से निकलकर ढेर सारी दुकानें. हालांकि, कहा जाता है कि स्टेशन रोड पर एक प्राचीन पेड़िकिया की मिठाई (Pedikia Mithai) है और वह भी इसी परिवार की है.

स्वाद में है लाजवाब

खोवा, मेदा, चीनी और शुद्ध घी का बनने वाली (Pedikia Mithai) अपने स्वाद के लिए तो जाना जाता ही है, इससे स्वास्थ्य भी  बेहतर रहता है. लोग सुबह-सुबह नाश्ते में एक पेड़किया खाते हैं. इसमें मिला मेवा और घी लोगों को तंदरुस्त रखता है. थावे मंदिर पर सोमवार-शुक्रवार को मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में प्रसिद्ध पेड़िकिया मिठाई का क्विंटलों में विक्रय होता है. इतनी भारी मात्रा में विक्रय होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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