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मायोंग – भारत के काले जादू का गढ़ है ये गांव, हर घर में होता है जादू

Mayong- Land of Black Magic, History in Hindi : हिंदू मंदिरों के चमत्कारों की गाथा गाने वाले भारत देश में काला जादू एक छिपा हुआ इतिहास है. भारत के कई प्रांतों में ऐसे मंदिर हैं, जहां पर काले जादू के लिए तंत्र साधना की जाती है. आज हम आपको भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे है जिसे काले जादू का गढ़ माना जाता है. यहां पर करीब-करीब हर एक गांव में काला जादू किया जाता है.लोक कथाओं के अनुसार काले जादू से किसी पुतले पर सुई चुभोकर इंसान को तकलीफ दी जा सकती है. उसे वश कर मनचाहा कार्य करवाया जा सकता है. यही कारण है कि आज भी काले जादू का नाम आते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले नींबू, मिर्च, सुई, कपड़े की गुड़िया की छबि बनकर उभर आती है.

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भारत में काले जादू का प्रचलन युगों-युगों से रहा है, लेकिन असम का मायोंग गांव ऐसा है जिसे काले जादू का गढ़ माना जाता है. गांव की चर्चा इस कदर है कि, आम इंसान इस गांव का नाम लेने मात्र से सिहर जाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि पूरे विश्व में काले जादू की शुरुआत मायोंग गांव से ही हुई है. असम का ये छोटा सा गांव मायोंग गुवाहाटी से लगभग 40 किलो मीटर दूर है.

महाभारत काल का है इतिहास (History of Black Magic)
मायोंग नाम संस्कृत शब्द माया से लिया गया है. महाभारत में भी मायोंग का जिक्र आता है. माना जाता है की भीम का मायावी पुत्र घटोत्कच मायोंग का ही राजा था.

गायब कर दी थी पूरी सेना (Myth of Black Magic)
कहा जाता है 1332 में असम पर मुग़ल बादशाह मोहम्मद शाह ने एक लाख घुड़सवारों के साथ चढ़ाई की थी. तब यहां हज़ारों तांत्रिक मौजूद थे, उन्होंने मायोंग को बचाने के लिए एक ऐसी दीवार खड़ी कर दी थी जिसको पार करते ही सैनिक गायब हो जाते थे.

बौद्ध और हिन्दू लोग साथ करते थे काला जादू
मायोंग में दो कुंड है एक अष्टदल कुंड व दूसरा योनि कुंड. योनि कुंड पर हिन्दू व अष्टदल कुंड पर बौद्ध साधना किया करते थे. यहां 12 वीं शताब्दी की कई पांडुलिपियां मौजूद है. ये काले जादू के वे कीमती दस्तावेज़ हैं जिनका मूल्य केवल इस भाषा को समझने वाले ही बता सकते हैं.

बूढ़े मायोंग में होता है काला जादू
मायोंग में बूढ़े मायोंग नाम की एक जगह है, जिसे काले जादू का केंद्र माना जाता है, यहां शिव, पार्वती व गणेश की तांत्रिक प्रतिमा है, जहां सदियों पहले नरबलि दी जाती थी. यहां योनि कुंड भी है जिस पर कई मन्त्र लिखे हैं. पौराणिक मान्यता है कि मंत्र शक्ति के कारण ये कुंड हमेशा पानी से भरा रहता है.

यहां आने से क्यों डरते हैं लोग
पौराणिक किवदंति है कि, यहां लोग गायब हो जाते है या फिर जानवरों में बदल जाते हैं. इतना ही क भी कहा जाता है की यहां लोग सम्मोहन से जंगली जानवरों को पालतू बना लेते हैं. मायोंग गांव में काला जादू पीढ़ियों से चल रहा है. हालांकि नई पीढ़ियों को भी आवश्यक रूप से सिखाया जाता है.

भलाई के लिए करते है जादू
मायोंग के लोग काले जादू का उपयोग केवल समाज की भलाई के लिए करते है. हालांकि कई विधाएं जानते है लेकिन इसका इस्तेमाल केवल लोगों की बीमारियां ठीक करने और चोरों को पकड़ने के लिए करते है.

कैसे होता है काला जादू (Process of black magic, kala jadoo)
यह दुर्लभ प्रक्रिया है कुछ ही लोग इसे करने में सक्षम होते हैं. इसमें बेसन, उडद के आटे आदि से बनी गुड़िया का उपयोग होता है. जिस पर जादू करना होता है उसका नाम लेकर पुतले को जाग्रत किया जाता है.

अफ़्रीकी देशों में कहते है वूडू (Black Magic called voodoo in African countries)
सन 1847 में डेंटर नाम की वूडू देवी एक पेड़ से अवतरित हुई थी. उसने कई लोगों की बीमारियां और परेशानियां अपने जादू से दूर कर दी. जिसके बाद से वहां वूडू का प्रचलन शुरू हुआ. काला जादू के जानकारों का मत है कि, जादू और कुछ नहीं बस एक बंच ऑफ एनर्जी है. जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जाता है या कहें एक इंसान के द्वारा दूसरे इंसान पर भेजा जाता है. इसे Law of Conservation of Energy से समझा जा सकता है.

जिसके अनुसार‘’Energy may be transformed from one form to another, but it can not be created or destroyed’’. हिंदी में कहा जाए तो ऊर्जा को न ही पैदा किया जा सकता है और न ही इसे खत्म किया जा सकता है.

गीता में कहा गया है (Mythology)
हिंदू पौराणिक ग्रंथ गीता में अर्जुन ने भी कृष्ण से यही सवाल पूछा था कि आपका यह कहना है कि हर चीज एक ही ऊर्जा से बनी है और हर एक चीज दैवीय है, यदि वही देवत्व दुर्योधन में भी है, तो वह ऐसे काम क्यों कर रहा है? कृष्ण ने जवाब दिया, ‘ईश्वर निर्गुण है,दिव्यता निर्गुण है. उसका अपना कोई गुण नहीं है.’ अर्थात बस विशुद्ध ऊर्जा है. आप उससे कुछ भी बना सकते हैं. जो बाघ आपको खाने आता है, उसमें भी वही ऊर्जा है और कोई देवता, जो आकर आपको बचा सकता है, उसमें भी वही ऊर्जा है. बस ऊर्जा के कार्य करने का तरीका अलग-अलग है.

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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