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पोस्टमार्टम के बारे में रोचक तथ्य । Interesting facts about post mortem in Hindi

पोस्टमार्टम के बारे में रोचक तथ्य । Interesting facts about post mortem in Hindi

मृत्यु जीवन का कटू सत्य है. अप्राकृतिक कारणों से मौत हो जाने पर शव का पोस्टमॉर्टम किया जाता है. मृत शरीर का चिकित्सकों द्वारा बारिकी से जांच कर मौत के कारणों का पता लगाया जाता है. पोस्टमार्टम शासकीय चिकित्सकों द्वारा सिविल अस्पताल में किया जाता है. चिकित्सक मृत के शरीर से विसरा निकालता है. जिसे जांच के लिए लैब में भेजा जाता है. इससे यह पता लगाया जाता है, कि मौत की वजह क्या है. आइए लेख के जरिए हम पोस्टमार्टम के बारे में रोचक तथ्य । Interesting facts about post mortem in Hindi को जानें.

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ग्राफिक डिजाइन : कमलेश वर्मा
  • पोस्टमॉर्टम के दौरान लाश को नंगा किया जाता है. लाश को नंगा कर उसके अंगों की बारीकी से जांच की जाती है। विशेषज्ञ महिला डॉक्टर के नहीं होने  की दशा में महिला शवों का पोस्टमॉर्टम पुरुष डॉक्टर करते हैं.
  • पोस्टमॉर्टम के बाद शवों में सुंगधित पॉउडर डाला जाता है. जिससे बदबू नहीं आएं.
  • पोस्टमॉर्टम करने के पूर्व शवों को चीरने का काम स्वीपर द्वारा किया जाता है.
  • पोस्टमॉर्टम में शव के अंदर से शरीर के कुछ अवशेष निकाले जाते है, जिसे विसरा कहते हैं.
  • पोस्टमार्टम करने से पूर्व मृत व्यक्ति के सगे संबंधियों से इजाजत ली जाती है.
  • मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम मृत्यु के 6 से 10 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए.
  • रात में कभी नहीं किया जाता है पोस्टमार्टम. कारण रात के दौरान शव पर लगे घाव का निशान बैंगनी रंग का दिखाई देने लगता है.
  • अहमदाबाद के एक पोस्टमॉर्टम हाउस में काम करने वाले बाबूभाई सितापारा वाघेला कई सालों से डेड बॉडीज को चीरने-फाड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने रूम के अंदर आज तक जो भी देखा, उसे एक डायरी में लिखा है.
  • यदि सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाए या किसी की गोली मारकर हत्या कर दी जाए तो शव का पोस्टमॉर्टम होता है. ऐसे मामले में आमतौर पर विसरा जांच की जरुरत नहीं होती, लेकिन डेड बॉडी देखने के बाद अगर मौत संदिग्ध लगे यानी जहर देने की आशंका हो तो विसरा की जांच की जाती है.
  • सीआरपीसी की धारा-293 के तहत एक्सपर्ट व्यू एडमिशिबल एविडेंस होता है जिसे विसरा रिपोर्ट एक्सपर्ट व्यू कहा जाता है. यह कोर्ट में मान्य साक्ष्य है.

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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