Nagda News. कोरोना महामारी ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया। उद्योग प्रबंधन ने इस महामारी की आड़ में उद्योग में कार्यरत हजारों ठेका श्रमिकों को कार्य ना होने का बहाना बनाकर बाहर कर दिया और आज जब उद्योग 100% से ज्यादा अपना उत्पादन कर रहा है।
तब भी ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन ठेका श्रमिकों को काम पर रखने के लिए तैयार नहीं प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण नागदा शहर मैं अशांति भड़क सकती है। जिसकी समस्त जवाबदारी grasim industries limited nagda की होगी। यह बात गुरुवार दोपहर को जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ने सुबोध स्वामी ने ग्रेसिम उद्योग के ठेका श्रमिकों द्वारा एसडीएम कार्यालय के घेराव के दौरान अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी के समक्ष कही।
स्वामी ने कहा कि हजारों ठेका श्रमिकों को बेरोजगार कर ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन अन्य राज्यों व अन्य क्षेत्रों से श्रमिकों को लाकर सस्ती दरों पर काम करवा रहा है। वहीं कई श्रमिकों को मात्र गेट पास की पर्ची बनाकर श्रम कानूनों का सीधा सीधा उल्लंघन कर सस्ती दरों में काम करवाया जा रहा है।
जिसके कारण विगत 25 से 30 वर्षों से उद्योग में काम कर रहे श्रमिक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रमिक परिवार को बमुश्किल एक समय का खाना मिल पा रहा है। इस गंभीर परिस्थितियों को शासन प्रशासन संज्ञान में लें और इसका निराकरण करें अन्यथा मजबूरन हमें जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करना पड़ेगा।
इस अवसर पर ठेका श्रमिक रतन सिंह व रमेश गौतम ने कहा कि ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन श्रम कानूनों का उल्लंघन कर ही रहा है। वही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों की भी अवहेलना कर रहा है। हमारा परिवार किस तरह अपना जीवन गुजर बसर कर रहा यह हम ही जानते हैं।
अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम परिवार सहित कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी के नाम दिया ज्ञापन के साथ लगभग 63 ठेका श्रमिकों ने अपनी पृथक-पृथक शिकायतें संलग्न की है।
अनुविभागीय अधिकारी महोदय को दिया ज्ञापन में श्रमिकों को काम पर रखे जाने उन्हें वेतन दिलाए जाने और अवैध श्रमिक परिवर्तन नीति के अंतर्गत मजदूरों को गेटपास बनाकर काम करवाए जाने को तत्काल बंद कराए जाने की मांग रखी गई है।