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उज्जैन में गैंगवार : बदमाश दुर्लभ कश्यप की मौत, जमकर चली गोलियां

  • उज्जैन में देर रात 2 बजे हुई गोलीबारी की घटना से क्षेत्र में फैली दहशत
  • बिल्ली के बच्चों को पालने का शौकिन था दुर्लभ कश्यप
  • घटना 18/09/2020 की है।

उज्जैन । 19 वर्षीय उज्जैन के कुख्यात बदमाश दुर्लभ कश्यप की बीती रात गैंगवार में मौत हो गई। घटना रविवार-सोमवार दरमियानी रात करीब 2 बजे हेलावाड़ी क्षेत्र की है। घटना के बाद से हेलावाड़ी क्षेत्र में तनाव का माहौल है। वर्ग विशेष में हुई गोलीबारी के चलते पुलिस ने मौके पर भारी पुलिस फोर्स लगाया है।

क्या है पूरा मामला

बदमाश दुर्लभ कश्यप बीती रात 4-5 साथियों के साथ हेलावाड़ी में मौजूद जुम्मन चाचा की दुकान पर चाय पीने पहुंचा था। दुकान पर मौजूद शाहनवाज और शादाब से कश्यप का विवाद हो गया।

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मौके पर जांच करती उज्जैन पुलिस।

विवाद में दुर्लभ ने देशी कट्‌टा निकालकर शाहनवाज के कंधे पर गोली मार दी। शहनवाज ने मौके पर अपने अन्य साथियों को बुलवाकर गैंगवार शुरू कर दिया।

गैंगवार में दुर्लभ घेरा गया जिसे शादाब और उसके साथियों ने चाकू, तलवार और अन्य हथियारों से गोद दिया। हमले में दुर्लभ की मौके पर ही मौत हो गई। र्लभ के 4 साथी जान बचाकर भाग निकले। पुलिस ने दोनों पक्षो पर प्रकरण दर्ज कर आधादर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

कौन है दुर्लभ कश्यप

दुर्लभ कश्यप जीवाजीगंज के अब्दालपुरा निवासी मनोज कश्यप का पुत्र है। दुर्लभ की माता उज्जैन के क्षीरसागर क्षेत्र में पूर्व स्कूल टीचर रह चुकी है। पिता मुंबई में नौकरी के बाद इंदौर शिफ्ट हुए है। दुर्लभ संभ्रात परिवार है। बिल्लियों को पालने का शौकिन था। आठ प्रकरण दर्ज थे।

फेसबूक पर रंगदारी और सुपारी लेता था, उसकी पोस्ट देखकर कई युवा उसके मुरीद हो जाते थे और उसे जॉइन कर लेते थे जिनसे वह अपराध करवाता था, दुर्लभ की गैंग में 100 से ज्यादा युवा जुड़ गए थे जो रंगदारी, हफ्ता वसूली, लूटपाट करने लगे थे जब इसकी जानकारी तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर को लगी तो उन्होंने दुर्लभ गैंग का खुलासा करते हुए दो दर्जन से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया था।

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मृतक दुर्लभ कश्यप

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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