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अग्रकुब्जता (Lordosis) क्या होता है? इसके लक्षण, उपाय व व्यायाम

अग्रकुब्जता (Lordosis) क्या होता है? इसके लक्षण, उपाय व व्यायाम What Is The Meaning Of Lordosis In Hindi

इंसानी शरीर रीढ़ की हड्डी के सहारे खड़ा होता है. इसी रीढ़ की हड्डी में किसी न किसी कारण विकार उत्पन्न हो जाने पर स्कोलियोसिस, कुब्जता, स्वे बैक और अग्रकुब्जता के नाम से जाना जाता हैं. स्कोलियोसिस बीमारी से पीड़ित लोगों की रीढ़ घुमावदार होती है. यह इंसान के बैठते समय कंधों और कूल्हों में देखने को मिलता है. कुब्जता, ऊपरी पीठ में होती है, यह वृद्ध लोगों में आमतौर पर देखा जा सकता है.

अग्रकुब्जता  जब पीठ का निचला हिस्सा शरीर की बनावट से अधिक घुमावदार और गहरा होता है तो यही स्थिति अग्रकुब्जता या लोर्डोसिस कहलाती है.

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ग्राफिक डिजाइन कमलेश वर्मा

अग्रकुब्जता (लोर्डोसिस) के कारण | Lordosis is caused by

  • कई लोगों में यह आनुवांशिक होती, घर में किसी व्यक्ति के अग्रकुब्जता होने पर यह वंशानुगत भी देखने को मिलती है.
  • रीढ़ की हड्डी के बीच के भाग में सूजन आने के कारण भी यह विकार दिखाई देता है, जिसे  चिकित्सकीय भाषा में डिस्काइटिस कहते हैं.
  • अत्यधिक मोटापा भी इसका कारण हो सकता है. ऑस्टियोपोरोसिस, स्नायु डिस्ट्रॉफी भी अग्रकुब्जता का कारण बनते है.
  • जब रीढ़ आगे की तरफ खिसक जाती है और वक्रता बढ़ जाती है, तो यह अग्रकुब्जता को बढ़ावा देती है. इसे स्पोंडिलोलिस्थीसिस कहते हैं.

अग्रकुब्जता (लोर्डोसिस) के लक्षण | Lordosis symptoms

  • पीठ में दर्द
  • कमर, कूल्हे व पैर में दर्द
  • पैर या पंजों में सुई की चुभन जैसा महसूस होना
  • खड़े होने या चलने पर रीढ़ की हड्डी के निचले भाग में दर्द होना
  • बहुत देर तक कंप्यूटर के सामने बैठकर कार्य करने से पीठ में दर्द होना व बाइक आदि चलाने पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना

अग्रकुब्जता (लोर्डोसिस) के उपाय | Lordosis treatment at home

  • कार्य करने के दौरान बहुत देर तक एक ही अवस्था यानी सीटिंग नहीं करना चहिए.
  • इससे बचाव के लिए आयुर्वेद दवाओं की मदद लेना चाहिए.जैसे- बलारिष्ट, वातकुलान्तक रस, समीर पन्नग, महायोगराज गुग्गुल, महारास्नादी क्वाथ, निर्गुन्डी तेल आदि रोगी को उनके लक्षणों के अनुसार रोकथाम के लिए उपयोग किया जाता है.
  • यदि आपको अग्रकुब्जता के लक्षण दिखाई दें तो सोने के लिए समतल बिस्तर का प्रयोग करें.
  • इस तरह के रोग में नागरमोथा और गिलोय के रस का नियमित सेवन करना फायदेमंद है.
  • नाक में दो – दो बूंद गाय का घी डालना रामबाण उपचार बताया गया है.
  • प्रतिदिन योग करें, शुरुआत में कम समय से ही शुरू कर सकते हैं.
  • अग्रकुब्जता को कम करने के लिए कुछ सुधारात्मक अभ्यास किए जा सकते हैं, इसे ठीक करने में कई महीने लग सकते हैं, इसके लिए निरंतर ध्यान योग व व्यायाम कर सकते हैं.

अग्रकुब्जता में किए जाने वाले व्यायाम | lordosis exercises yoga

कुछ आसन से व्यायाम के जरिए काफी हद तक अग्रकुब्जता को कम किया जा सकता हैं–

  • पीठ के आराम हेतु आसन और व्यायाम  शशांकासन (खरगोश), भू नमनासन (पृथ्वी की वंदना), उत्थित लोलासन (शरीर के ऊपरी भाग (धड़) को झुलाना)
  • रीढ़ की लोच को बढ़ाने के लिए आसन और व्यायाम  मेरु पृष्ठासन (शरीर के ऊपरी भाग (धड़) को मोडऩा), मारजारी (बिल्ली), व्याघ्रासन (बाघ), त्रियक भुजंगासन (बलखाता नाग), धनुरासन (धनुष), अर्ध मत्स्येन्द्रासन (रीढ़ मोडऩा), खाटू प्रणाम (खाटू का अभिनंदन)
  • पीठ को पुष्ट करने के लिए आसन और व्यायाम  कटिचक्रासन (कूप), सेतु आसन, उष्ट्र आसन, चक्रासन
  • मेरुदंड की पार्श्व क्षमता में सुधार करने के लिए आसन और व्यायाम – गौ मुखासन, त्रिकोणासन, कश्यपासन

हमारे द्वारा बताए गए उपचार और आसन को रोगी के लक्षण के अनुसार उपयोग किए जाते हैं. यदि आप इन उपायों का प्रयोग करना चाहते हैं तो बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना न करें.

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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