महाकुम्भ मेला प्रयागराज 2025: कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी का ग्यारहवाँ दिवस
महिला नवोदय महासभा: एक प्रेरणादायक आयोजन
महाकुम्भ मेला प्रयागराज 2025: कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी का ग्यारहवाँ दिवस
23 जनवरी 2025 का दिन महाकुम्भ मेला प्रयागराज के लिए विशेष महत्व रखता है। सेक्टर-8 कैलाशपुरी मार्ग पर स्थित कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी में इस दिन ग्यारहवाँ दिवस बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर केडीवी मिशन (कबीर धर्म दास वंशावली मिशन) के तत्वावधान में महिला नवोदय महासभा का आयोजन किया गया। यह सभा समाज में महिलाओं की भूमिका, उनकी सशक्तिकरण, और केडीवी मिशन के प्रति उनकी भागीदारी पर केंद्रित थी।
महिला नवोदय महासभा: एक प्रेरणादायक आयोजन
Table of Contents
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इस विशेष सभा की अध्यक्षता केडीवी मिशन की राष्ट्रीय महिला प्रतिनिधि श्रीमती किरण मालपुरे दीदी जी ने की। उनके पावन सान्निध्य में सभा संपन्न हुई। जैसे ही वे सभामंच पर पहुँचीं, महिला प्रतिनिधियों और महिला मंडल के सदस्यों ने उनका हार्दिक स्वागत किया। फूलों और स्नेहपूर्ण अभिवादन से वातावरण भक्तिमय हो गया।
सभा में विभिन्न राज्यों से आई महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए। इन विचारों में महिला सशक्तिकरण, समाज में महिलाओं की भूमिका, और केडीवी मिशन के उद्देश्यों की गहन चर्चा हुई।
दीदी जी का प्रेरणादायक संदेश
श्रीमती किरण मालपुरे दीदी जी ने अपने संबोधन में केडीवी मिशन और सद्गुरु कबीर साहब के प्रति अटूट विश्वास पर जोर दिया। उन्होंने कहा,
“सद्गुरु कबीर साहब ने कहा है— ‘मैं तो हूँ विश्वास में।’ यह वाक्य हर अनुयायी के लिए एक मार्गदर्शक है। हमें साहब के प्रति अपना विश्वास कभी कमजोर नहीं करना चाहिए।”
उन्होंने मिशन की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी मिशन को आगे बढ़ाने में चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन हमें साहब के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखना है। विश्वास को कभी डगमगाने नहीं देना चाहिए, चाहे कैसी भी परिस्थिति आए।
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दीदी जी ने विशेष रूप से महिलाओं को जागरूक रहने और समाज में अपने अधिकारों के प्रति सजग होने का आह्वान किया। उन्होंने घरेलू हिंसा, बलात्कार, और महिलाओं पर हो रहे अन्य अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता को सबसे बड़ी शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि जब महिलाएँ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगी, तभी समाज में एक सकारात्मक बदलाव आ सकेगा।
महिला सशक्तिकरण और केडीवी मिशन की भूमिका
सभा के दौरान दीदी जी ने कहा कि केडीवी मिशन महिलाओं के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने महिला मंडल और नारी वीरांगना को एक “त्रिवेणी संगम” की उपमा दी। यह संगम समाज में महिलाओं की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने का माध्यम है।
उन्होंने महिलाओं को एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद और मनमुटाव को समाप्त कर हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। जब हम एकजुट होंगे, तभी हम वैश्विक स्तर पर अपने पंथ की पहचान स्थापित कर पाएंगे।
महिलाओं के अधिकार और उनकी भूमिका
सभा में महिला प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, स्वावलंबन और समाज में उनकी भूमिका पर जोर दिया। विभिन्न प्रांतों से आई महिला प्रतिनिधियों ने यह स्पष्ट किया कि केडीवी मिशन महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच है, जहाँ वे न केवल अपनी समस्याओं को साझा कर सकती हैं, बल्कि उनके समाधान के लिए भी कार्य कर सकती हैं।
विशेष अतिथियों का योगदान
कार्यक्रम में राष्ट्रीय उप महिला प्रतिनिधि श्रीमती स्वाति भैसे और मझले जीजा जी श्री पारख गबेल जी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए केडीवी मिशन का यह प्रयास अद्वितीय है। उन्होंने समाज में महिलाओं के योगदान को सराहा और उनके विकास के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
सद्गुरु कबीर साहब की शिक्षाएँ: प्रेरणा का स्रोत
सभा के दौरान सद्गुरु कबीर साहब की शिक्षाओं पर भी चर्चा की गई। उनके विचारों को सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया गया। कबीर साहब ने हमेशा प्रेम, समानता और सादगी का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज को एकजुट करने और सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में सहायक हैं।
दीदी जी ने कबीर साहब के एक दोहे का उल्लेख करते हुए कहा:
“सहज समाधि भली रे साथी, सहज भला जीवन।
सहज सुभाव कबीर का, सहज भला श्रवण।”
इस दोहे का संदेश स्पष्ट था— जीवन में सरलता और विश्वास का महत्व।
कार्यक्रम की सफलता
कार्यक्रम का समापन साहब के आशीर्वाद से सफलतापूर्वक हुआ। सभा के सभी प्रतिभागियों ने दीदी जी के संदेश और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस सभा ने न केवल महिलाओं को सशक्त किया, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी किया।
महाकुम्भ मेला 2025 में केडीवी मिशन की भूमिका
महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान केडीवी मिशन द्वारा आयोजित यह सभा एक ऐतिहासिक पहल थी। इसने न केवल महिलाओं को सशक्त बनाया, बल्कि समाज को भी जागरूक किया। केडीवी मिशन का यह प्रयास सद्गुरु कबीर साहब के विचारों को व्यापक स्तर पर फैलाने में सफल रहा।
निष्कर्ष
कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी में आयोजित ग्यारहवाँ दिवस और महिला नवोदय महासभा न केवल केडीवी मिशन के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक था। यह आयोजन महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
महाकुम्भ मेला 2025 में केडीवी मिशन का यह योगदान सद्गुरु कबीर साहब की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने और समाज को सकारात्मक दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
सप्रेम साहेब बन्दगी साहेब।
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