करवा चौथ 2025: जानें सही तारीख, पूजा मुहूर्त, चाँद निकलने का समय और व्रत कथा
करवा चौथ 2025: जानें पति की लंबी आयु के इस व्रत की सही तारीख, मुहूर्त, कथा और चंद्रोदय का समय
What is the story behind Karwa Chauth vrat in hindi? (करवा चौथ व्रत के पीछे की कहानी क्या है?) – कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आते ही, हर सुहागिन महिला के मन में प्रेम, त्याग और समर्पण का यह महापर्व, करवा चौथ, एक नई उमंग लेकर आता है। यह सिर्फ एक दिन का निर्जला व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के अटूट रिश्ते, विश्वास और एक-दूसरे के प्रति प्रेम का सबसे सुंदर उत्सव है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घाययु, अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के लिए सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए कठिन तपस्या करती हैं।
लेकिन इस व्रत की शुरुआत कैसे हुई? वह कौन सी पौराणिक कथा है जो इस व्रत को इतना शक्तिशाली बनाती है? करवा चौथ 2025 में कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, और आपके शहर में चाँद कब निकलेगा? आइए, इस लेख में हम इस पवित्र त्योहार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को विस्तार से जानते हैं।
करवा चौथ 2025: सही तारीख और शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2025 Date & Time)
पंचांग के अनुसार, साल 2025 में करवा चौथ की तिथि और मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- करवा चौथ की तारीख: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
- चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 10 अक्टूबर 2025 को सुबह 06:44 बजे से
- चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 11 अक्टूबर 2025 को सुबह 08:35 बजे पर
- करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:57 बजे से शाम 07:12 बजे तक (अवधि: 1 घंटा 15 मिनट)
- करवा चौथ व्रत का समय: सुबह 06:19 बजे से रात 08:18 बजे तक (अवधि: 13 घंटे 59 मिनट)
- चंद्रोदय का अनुमानित समय: रात 08:18 बजे
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करवा चौथ की पौराणिक व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)
इस व्रत से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा रानी वीरवती की है, जो इस व्रत के महत्व को दर्शाती है।
बहुत समय पहले, वीरवती नाम की एक खूबसूरत रानी थी, जो सात प्यारे भाइयों की अकेली बहन थी। उसका विवाह एक पराक्रमी राजा से हुआ। विवाह के बाद जब वह पहली बार अपने मायके आई, तो कार्तिक मास में करवा चौथ का व्रत पड़ा। वीरवती ने भी अपनी भाभियों के साथ पति की लंबी आयु के लिए यह कठिन निर्जला व्रत रखा।
लेकिन शाम होते-होते, वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी और उसकी हालत बिगड़ने लगी। अपनी प्यारी बहन की यह दशा देखकर सातों भाई बहुत दुखी हुए। उन्होंने अपनी बहन का व्रत तुड़वाने के लिए एक उपाय सोचा। उन्होंने पास के एक पीपल के पेड़ के पीछे एक बड़ा सा आईना लगाया और उसके पीछे आग जला दी। दूर से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे चाँद निकल आया हो।
भाइयों ने आकर वीरवती से कहा, “देखो बहन, चाँद निकल आया है। अब तुम अर्घ्य देकर भोजन कर सकती हो।” अपनी भोली बहन ने उनकी बात पर विश्वास कर लिया और नकली चाँद को अर्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ दिया। जैसे ही उसने भोजन का पहला निवाला मुँह में डाला, उसे अपने पति के बीमार होने का समाचार मिला।
दुखी वीरवती जब अपने ससुराल पहुंची, तो उसने अपने पति को मृत पाया। वह विलाप करने लगी। उसकी भक्ति और विलाप को देखकर देवी प्रकट हुईं और उसे बताया कि उसके भाइयों के छल के कारण उसका व्रत खंडित हो गया था, जिस कारण यह अनहोनी हुई। वीरवती ने देवी से क्षमा याचना की और अपने पति के प्राण वापस लौटाने का उपाय पूछा। तब देवी ने उसे अगले वर्ष पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पुनः करवा चौथ का व्रत करने की सलाह दी। वीरवती ने वैसा ही किया, और उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर यमराज ने उसके पति के प्राण लौटा दिए।
तभी से यह मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा और बिना किसी छल-कपट के करने से पति पर आने वाले सभी संकट टल जाते हैं।
सरगी का महत्व (Significance of Sargi)
करवा चौथ व्रत की शुरुआत ‘सरगी’ से होती है। यह एक विशेष भोजन की थाली होती है जो सास अपनी बहू को सूर्योदय से पहले खाने के लिए देती है। इसमें फल, मिठाई, मेवे और अन्य पौष्टिक चीजें होती हैं, ताकि बहू को दिन भर व्रत के लिए ऊर्जा मिल सके। यह सास और बहू के बीच प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक है।
How-To: करवा चौथ की सरल पूजा विधि (Step-by-Step Puja Vidhi)
- संकल्प: सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और निर्जला व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की तैयारी: शाम को पूजा स्थल पर एक चौकी पर देवी पार्वती, भगवान शिव और श्री गणेश की तस्वीर स्थापित करें। एक मिट्टी का करवा (जल से भरा हुआ) और एक पूजा की थाली तैयार करें।
- कथा श्रवण: शुभ मुहूर्त में, परिवार की सभी महिलाएं एक साथ बैठकर करवा चौथ की कथा पढ़ें या सुनें।
- चंद्रमा को अर्घ्य: जब चाँद निकल आए, तो एक छलनी से पहले चाँद को और फिर अपने पति के चेहरे को देखें।
- व्रत का पारण: चंद्रमा को जल का अर्घ्य दें और अपने पति के हाथों से जल पीकर और मिठाई खाकर अपना व्रत खोलें।
- आशीर्वाद: अंत में अपने पति और घर के सभी बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: करवा चौथ का व्रत कौन रख सकता है?
उत्तर: यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। हालांकि, कुछ अविवाहित लड़कियां भी अच्छे पति की कामना के साथ यह व्रत रखती हैं।
प्रश्न 2: 2025 में दिल्ली/मुंबई/लखनऊ में चाँद निकलने का समय क्या है?
उत्तर: करवा चौथ 2025 (10 अक्टूबर) को प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का अनुमानित समय रात 08:15 बजे से 08:45 बजे के बीच रहेगा। सटीक समय व्रत के दिन पंचांग के अनुसार बदल सकता है।
प्रश्न 3: अगर चाँद न दिखे तो व्रत कैसे खोलें?
उत्तर: यदि खराब मौसम के कारण चाँद दिखाई न दे, तो आप पंचांग में दिए गए चंद्रोदय के समय पर, मन में चंद्रमा का ध्यान करके और भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन करके उन्हें अर्घ्य दे सकती हैं और व्रत खोल सकती हैं।
प्रश्न 4: क्या इस व्रत में पानी पी सकते हैं?
उत्तर: परंपरागत रूप से यह एक ‘निर्जला’ व्रत है, जिसमें सूर्योदय से चंद्रोदय तक पानी भी नहीं पिया जाता। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से आप फलाहार या जल ग्रहण कर सकती हैं।
प्रश्न 5: पहली बार करवा चौथ का व्रत कैसे करें?
उत्तर: पहली बार व्रत (जिसे ‘उद्यापन’ भी कहते हैं) शुरू करने से पहले, घर के बड़ों या किसी पंडित से सही विधि और परंपराओं के बारे में जानकारी अवश्य ले लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
करवा चौथ का व्रत केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में पारिवारिक मूल्यों, प्रेम और त्याग का एक गहरा प्रतीक है। What is the story behind Karwa Chauth vrat in hindi का उत्तर हमें रानी वीरवती के अटूट विश्वास और प्रेम की याद दिलाता है। 2025 में, इस पावन पर्व को पूरे विधि-विधान, श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाएं और अपने वैवाहिक जीवन को और भी मजबूत बनाएं।
(Disclaimer: यह लेख पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित है। तिथियों और मुहूर्त में स्थानीय भिन्नता हो सकती है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी विद्वान पंडित से परामर्श अवश्य करें।)