Newsखबर दस्त

यहां जमीन की बजाय दीवारों पर होती है खेती

यहां जमीन की बजाय दीवारों पर होती है खेती, धान, गेहूं के साथ उगाई जाती है सब्जियां । vertical farming method in hindi

Vertical Farming – सदियों से किसानों की भूमि रही भारत वर्ष में कृषि के नए-नए आयाम देखने को मिलते है. भारतीय लोग खेती-किसानी की बात हो तो ज़मीन के बिना ये संभव ही नहीं, चाहे अच्छी पैदावार की बात हो, या बेहतर फ़सल उत्पादन की। ये सब ज़मीन पर ही संभव है. वह भी अच्छी मिट्टी होने पर. यदि भारत के रैतीले प्रदेश राजस्थान की बात करें तो वहाँ भी खेती-किसानी की बात करना बेईमानी होगी. हांलाकि, भारत इस मामले में खुश क़िस्मत देश है जहाँ खेती के ज़मीन नदियों का जल अमृत के समान है. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जिनके पास सबकुछ है पर कुदरत की दी हुई खेती लायक ज़मीन नहीं है.

दोस्तों आज हम लेख के जरिए आपकों एक ऐसे ही देश के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसके पास बेहतर सैनिक, ख़ूब पैसा, दुनिया में पहचान सब कुछ है. आपकों तो बेहतर तरीके से पता ही होगा कि, वहाँ बंजर ज़मीन के चलते खेती संभव नहीं है. खेती को लेकर लोगों का जूनून तो देखिएं कि, वहाँ के लोगों ने इसका भी तोड़ निकाला है. वह तोड़ क्या है आइए आपको बताते हैं…

vertical-farming-method-in-hindi

इजराइल है वह देश (Israel)

इजराइल (Israel) देश के सैनिकों के किस्से-कहानियां तो आपने कई बार सुनी होगी. बहुत ही रोचक और सुनने लायक होते है, लेकिन आप शायद ही जानते हों इजराइल के पास खेती लायक ज़मीन भी नहीं है. वहाँ के लोग दीवारों पर खेती करते हैं. इस तरह की खेती को वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) के नाम से जाना जाता है. इस तकनीक में घरों की दीवारों पर छोटे-छोटे गमलों के माध्यम से खेती की जाती है.

vertical-farming-method-in-hindi

गूगल, फेसबुक ने दिया मदद का हाथ

इजरायल की इस ‘वर्टिकल फार्मिंग’ (Vertical Farming) को अब गूगल (Google) और फ़ेसबुक (Facebok) की तरफ़ से भी सहयोग प्राप्त हुआ है. ग्रीनवाॅल (Green Wall) कंपनी की तरफ़ से इसके संस्थापक पयोनिर गाइ बारनेस (Payoneer Gauy Barnes) ने बताया कि जब से उन्हें गूगल और फ़ेसबुक का साथ मिला है, उनकी वर्टीकल खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. आज वहाँ के लोग इस तकनीक की मदद से दीवारों पर ही फल सब्जी से लेकर दूसरी फसलें भी उगा रहे हैं.

कैसे होती है ‘वर्टिकल फार्मिंग’ (Vertical Farming)

दोस्ताें यदि आपने भी ‘वर्टिकल फार्मिंग’ (Vertical Farming) चिड़िया यानी इस विषय के बारे में पहली बार सुना है तो आपके दिमाग़ में भी एक सवाल का उठना लाजमी है कि आख़िर इस तरह की खेती कैसे की जाती होगी. चलिए ज्यादा दिमाग पर जोर मत डालिए, हम आपको बता दें कि इस तरह की खेती के लिए छोटे-छोटे गमले दीवारों पर इस तरह से रख दिए जाते हैं, ताकि वह दीवारों से गिरे ना. जिसके बाद बाद इस गमले में जिस भी सीजन की फसल बोनी है,  तो उन्हें बाहर निकाल लिया जाता है.  बुआई के बाद फिर से दीवारों में सेट कर दिया जाता है. इन गमलों में पानी देने की भी उचित व्यवस्था की जाती है, ताकि फ़सल सूखे ना.

vertical-farming-method-in-hindi

इन देशों ने भी अपनाई है ‘Vertical Farming’

‘वर्टिकल फार्मिंग’ (Vertical Farming) आज केवल इजराइल (Israel) तक सीमित नहीं है. बल्कि जिन भी देशों में जगह की कमी या ज़मीन में कमी के चलते खेती संभव नहीं है, वहाँ इस तरह की खेती जा रही है. आज इजरायल के साथ-साथ यूरोप (Europe) , अमेरिका (America) और चीन (China) जैसे देशों में ‘वर्टीकल फार्मिंग’ विस्तार कर चुकी है.

पर्यावरण के लिए है वरदान

‘वर्टिकल फार्मिंग’ आधुनिक देशों के लिए एक प्रकार का वरदान है, जो कि सिर्फ़ खाने-पीने की चीजें ही नहीं देती ये खेती आज पर्यावरण के लिए भी वरदान साबित हुई है. इस तरह की खेती करने से घर गर्मियों के मौसम में गर्म नहीं होते. साथ ही आसपास के इलाके में हवा में नमी बनाए रखते हैं. देखा तो ये भी गया है कि इस तरह की खेती अपनाने से ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आती है. अन्य कृषि के मुकाबले ‘वर्टिकल फार्मिंग’ में तीन गुना ज़्यादा पैदावार होती है.

भारत में भी हो चुकी है शुरुआत (Vertical Farming in India)

आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘वर्टिकल फार्मिंग’ (Vertical Farming) के मामले में आज भारत देश भी पीछे नहीं है. जिस प्रकार दिनों दिन आबादी बढ़ रही है लोगों को इस प्रकार की खेती करने और सोचने को मजबूर कर दिया है. वर्तमान में भारत के महानगर जैसे- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि महानगरों में छतों पर खेती और फूल पौधे लगाने की शुरूआत हो चुकी है. हांलाकि, भारत में इस प्रकार की खेती मजबूरी में नहीं की जाती. महानगरों के लोग घर की सौंदर्यता को बढ़ाने और प्रकृति के नज़दीक आने के लिए इस तरह की खेती करते हैं.

इसे भी पढ़े :

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

Back to top button
DMCA.com Protection Status
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024 Amarnath Yatra Start and End Date 2024 बाइक शायरी – Bike Shayari Tribal leader Mohan Majhi to be Odisha’s first BJP CM iOS 18 makes iPhone more personal, capable, and intelligent than ever चुनाव पर सुविचार | Election Quotes in Hindi स्टार्टअप पर सुविचार | Startup Quotes in Hindi पान का इतिहास | History of Paan महा शिवरात्रि शायरी स्टेटस | Maha Shivratri Shayari सवाल जवाब शायरी- पढ़िए