Newsबड़ी खबर

90 साल की दादी माँ बैग बनाकर करती हैं कमाई

हौंसले कभी उम्र के मोहताज नहीं होते हैं. यह कहावत तो हम सबने सुनी हीं है, कई लोग अपनी उम्र से जीतकर अपने जज्बे को ज़िंदा रखने में कामयाब रहते हैं और सबके लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाते हैं. ऐसी ही बुज़ुर्ग महिला हैं, असम के दुबरी की रहने वाली 90 वर्षीय लतिका चक्रवर्ती, जो अपने बिजनेस के कारण देश में ही नहीं विदेशों में भी पहचानी जाती है. दो वर्ष पूर्व पुरानी मशीन से शुरू किया गया उनका बैग बनाने का बिजनेस आज विदेशों से भी ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहा है.

meet-90-years-old-latika-dadi-who-sold-hand-made-bags

66 साल पुरानी सिलाई मशीन से बनाती हैं पोटली बैग

90 साल की लतिका जी को किशोर अवस्था से ही सिलाई, कढ़ाई करना पसंद है. अपने बच्चों के लिए वे ख़ुद ही कपड़े सिलकर उन्हें पहनाया करती थीं. फिर जब वह बच्चे बड़े हुए तो उन्होंने कपड़े बनाना छोड़ कर कपड़ों के बैग व गुड़िया बनाने की ओर रुझान दिखाया. जब भी कोई विशेष अवसर होता है तो लतिका अपने हाथों से बनी हुई चीजें सब को उपहार में दिया करती हैं. दो साल पहले जब उनकी बहू ने उन्हें पोटली बैग बनाकर बेचने का सुझाव दिया, तो उन्हें यह सुझाव पसंद आया और वे अपनी 66 वर्ष पुरानी सिलाई मशीन से पोटली बैग बनाकर बेचने लगीं.

meet-90-years-old-latika-dadi-who-sold-hand-made-bags

ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने से डिमांड बढ़ी

लतिका ने पोटली बैग बनाने का व्यवसाय तो शुरू कर दिया लेकिन बाजार में  लोगों तक अपने बैग पहुँचाने और ग्राहक खोजने की परेशानी उनके सामने पहाड़ बनकर खड़ी थी. फिर उनके बेटे ने उनकी सहायता की और उन्हें एक वेबसाइट बनाकर दिया. फिर उन्होंने ऑनलाइन बिजनेस शुरू कर दिया जो काफ़ी अच्छा चलने लगा. फिर क्या था, धीरे-धीरे करके उनके बैग बहुत पसंद किए जाने लगे.

कई शहरों में रहने का अनुभव भी काम आया

मालूम हो कि, लतिका के पति सर्वे ऑफ़ इंडिया में कार्यरत थे. उस दौरान उनका तबादला अलग-अलग शहरों में होता रहता था. लतिका में सिलाई का हुनर तो था ही, कुछ सीखने की भी चाहत थी, इसलिए वे जिस भी शहर में गयीं, वहाँ से कोई न कोई नई डिजाइन सीखती गयीं. जिनका उन्हें इस्तेमाल करके वे अपने हिसाब से नई-नई डिजाइनें बनाया करती हैं. ख़ास बात तो यह है कि बैग में अधिकतर डिजाइन बनाने के लिए वे अपने पुराने सूट और साड़ियों का ही उपयोग करती हैं. उनके साथ इस काम में उनकी पुत्रवधू भी सहायता किया करती है.

meet-90-years-old-latika-dadi-who-sold-hand-made-bags

10 डॉलर में बिकता है एक बैग, कई देशों से बैग मंगाते हैं लोग

अब तो लतिका के बनाए गए बैग्स पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गए हैं और मांग भी बढ़ गई है. ओमान, न्यूजीलैंड, जर्मनी आदि कई देशों से लोग उनके बनाए बैग ऑर्डर किया करते हैं. उन्हें एक बैग बनाने में कई दिन लग जाते हैं, इसी वज़ह से उन्होंने इसकी क़ीमत भी अधिक रखी है. उनके द्वारा बनाए गए बैग का मूल्य प्रति बैग 10 डॉलर है.

लतिका जी के इस हौंसले और जज़्बे को न्यूजमग.इन टीम सलाम करते हैं.

इसे भी पढ़े :

Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
DMCA.com Protection Status
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2024 Amarnath Yatra Start and End Date 2024 बाइक शायरी – Bike Shayari Tribal leader Mohan Majhi to be Odisha’s first BJP CM iOS 18 makes iPhone more personal, capable, and intelligent than ever चुनाव पर सुविचार | Election Quotes in Hindi स्टार्टअप पर सुविचार | Startup Quotes in Hindi पान का इतिहास | History of Paan महा शिवरात्रि शायरी स्टेटस | Maha Shivratri Shayari सवाल जवाब शायरी- पढ़िए