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21 दिन का लॉकडाउन को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद लेखन

दोस्तों लेख के जरिए हम संवाद लेखन का एक बेहद ही प्रचलित उदाहरण जानेंगे जिसमें 21 दिन का लॉकडाउन को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद लेखन ।  Lockdown par do mitraon ke beech samvad – Samvad Lekhan

संवाद लेखन

किसी दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच की बातचीत को वार्तालाप , या कथोपकथन कहा जाता है। इस प्रक्रिया को व्याकरण की दृष्टि से संवाद भी कहा जाता है। संवाद के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों की अभिव्यक्ति कर पाता है। संवाद के दो माध्यम है मौखिक और लिखित । समाज में अपने विचारों के आदान-प्रदान की अभिव्यक्ति संवाद के माध्यम से संभव है।

मुकेश : अनिल, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने तो पूरी दुनिया का हाल ही बेहाल कर दिया है।

अनिल : तूमने सच कहा दोस्त, पूरी दुनिया इस कोरोना वायरस से परेशान है। कितने लोगों का रोजगार समाप्त हो गया है और कितने ही बच्चों के सिर से उनके माता पिता का साया उठ गया।

अनिल : मित्र वह तो अच्छा हुआ कि भारत सरकार ने इसे काबू करने के लिए 21 दिनों का कड़ा लॉकडाउन लगा दिया, नहीं तो मरने वालों की संख्या केवल में ही करोड़ों तक पहुंच जाती।

मुकेश : हां दोस्त, भले ही लॉकडाउन के कारण हमें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन संक्रमण पर काबू जल्द पा लिया गया।

मुकेश : यदि 21 दिनों का लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो, वायरस का संक्रमण इतनी तेजी से फैलता कि, सप्ताह भर में संक्रमित लोगों की संख्या चार गुना हो जाती।

अनिल : अरे मित्र! जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं उनके लिए तो यह और भी ज्यादा घातक है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तो अन्य लोगों से कमजोर ही होती है और वे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

मुकेश : इस वायरस से मरने वाले लोगों के तो शव भी उनके परिवार के लोगों तक को नहीं मिल पा रहे हैं।

अनिल : इतना कुछ हो रहा है लेकिन तब भी लोग इस वायरस से बचने के लिए जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए उनका पालन नहीं कर रहे हैं और संक्रमण बढ़ने में पूरा योगदान दे रहे हैं।

मुकेश : सही कह रहे हो मित्र। यदि इस वायरस से बचना है तो हमें दो गज की दूरी, मास्क का प्रयोग और नियमित रूप से हाथ धोने का पालन करना चाहिए। साथ ही टीकाकरण में भी भाग लेना चाहिए

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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