NewsUjjain

कोई भी राजनेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता, जानें पौराणिक महत्व

कोई भी राजनेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता, जानें पौराणिक महत्व | Koi Bhi Neta Ujjain Me Raat Kyu Nahi Rukta

यदि आप महाकाल के भक्त हैं, तो उज्जैन और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से भली भांति परिचित होंगे। साथ ही इस बात से भी रुबरु होंगे कि, कोई भी राजा या नेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता है? यदि इस रहस्य और पौराणिक महत्व से आप बेखबर हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है। पोस्ट के जरिए आज हम आपकों बताएंगे कि, उज्जैन में कोई भी राजनेता या कोई भी राजशाही परिवार का सदस्य क्यों नहीं रात बीता सकता है।

कोई भी राजा या नेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता?

भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग उज्जैन महाकालेश्वर में भी है। जिसे उज्जैनवासी राजा महाकालेश्वर के नाम से पुकारते है। यह एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं, जिसके कारण इन्हें ही उज्जैन का राजाधिराज का दर्जा प्राप्त है। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पूरी दुनिया से लोग पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि और नागपंचमी के दिन यहां श्रद्धालुओं की संख्या देखते ही बनती है। पूरी दुनिया में नाग चंदेश्वर का इकलौता मंदिर राजा महाकाल के शिखर पर माैजूद है। खासियत यह है कि, मंदिर पूरे वर्ष में केवल नागपंचमी के दिन ही खुलता है। पौराणिक मान्यता है कि कोई भी राजनेता या राजशाही परिवार का सदस्य उज्जैन में नहीं रुक सकता हैं। क्योकि उज्जैन के राजा केवल महांकाल ही है, यदि कोई राजाशाही परिवार का सदस्य यहां रात बीताने की सोचता भी है तो उसे अनिष्ठता  का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं यदि कोई नेता या मंत्री उज्जैन की सीमा में भी रात रुक जाए तो उसे अपने पद को भी गवाना पड़ सकता है।

koi-bhi-neta-ujjain-me-raat-kyu-nahi-rukta
कोई भी राजनेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता

एक बार देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई उज्जैन में महांकाल के दर्शन के लिए आये थे। दर्शन के बाद उन्होंने रात्रि विश्राम उज्जैन में ही करने का निर्णय लिया। संयोगवश अगले दिन किन्ही कारणों से उनकी सरकार गिर गई थी। इसके बाद एक बार कर्नाटक के CM वाईएस येदियुरप्पा ने उज्जैन में रात्रि विश्राम किया था। जिसके मात्र 20 दिन बाद ही उन्हें किसी कारण से अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। है ना बेहद ही रोचक बात?

प्राचीन समय से ही राजा भोज के शासन काल से ही यहाँ कोई भी राजा रात नहीं रुकता है। इस बात का जिक्र सिंघासन बत्तीसी में भी मिलता है। वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यदि कभी उज्जैन आते हैं तो वह यहाँ रात नहीं रुकते हैं।

कोई भी राजनेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, दूषण नामक असुर ने उज्जैन वासियों का जीना दुष्वार कर दिया था। वह उज्जैन के लोगों को धार्मिक कार्य करने से रोकता था। असुर से तंग आकर उज्जैनवासियों ने भगवान शंकर से प्रार्थना की, कि वह इस असुर का वध करें। जिसके फलस्वरूप शंकर भगवान ने उज्जैन में अवतरित हो कर इस असुर का नाश किया था। जिसके बाद से ही वह यहीं निवास करते हैं।

 गोवर्धन पूजन के मंत्र  वक्रतुंड महाकाय मंत्र
 ॐ यन्तु नद्यो वर्षन्तु पर्जन्या प्रतिवेदन किसे कहते हैं?
एकात्मता स्तोत्र, मंत्र अर्थविद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती मंत्र
 हिंदी लोक में खोजें, ज्ञानकराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र
बुखार उतारने का मंत्रनिबंध लेखन की परिभाषा
प्रधानमंत्री जी को पत्र कैसे लिखेंआवेदन पत्र क्या होते हैं 
 ATM कार्ड के लिए पत्रखाता खुलवाने के लिए पत्र

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status