जानें पीरियड्स क्या होते हैं और क्यों होते हैं?
किशोरी लड़कियों के जीवने में पीरियड्स की शुरुआत एक बेहद ही महत्वपूर्ण घटना होती है। पीरियड्स बचपन से वयस्कता में प्रवेश करने का चिह्न हैं। पहले पीरियड्स की शुरुआत हमेशा अप्रत्याशित रूप से होती हैं, लेकिन यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि पीरियड्स में हार्मोनल बदलावों के कारण बहुत सारे शारीरिक बदलाव भी होते हैं।
इतना ही नहीं पीरियड्स की शुरुआत के साथ ही टीनएज लड़कियों में मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक बदलाव भी होते हैं। पीरियड्स को मेंस्ट्रुएशन भी कहा जाता है, जो कि लड़कियों के लिए बड़े होने की एक प्राकृति प्रक्रिया है।
पीरियड्स या मेंस्ट्रुएशन में यूट्रेस की लाइनिंग ब्लड के साथ बहते हुए वेजाइना से बाहर निकल आती है। देशी भाषा में इसे ऐसा समझा जा सकता है कि पीरियड्स के दौरान वेजाइना से ब्लीडिंग होना है। आमतौर पर लड़की की आयु जब 9-14 वर्ष के बीच होती है तब पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। कई लड़कियों को 9 वर्ष के होने से पहले पीरियड्स शुरू हो जाते हैं तो किसी के 14 वर्ष के होने के बाद भी ठीक से नहीं शुरू होते।
टीनएज अवस्था में लड़कियों के शरीर में परिवर्तन होते हैं जो पीरियड्स के जल्द शुरू होने का संकेत भी देते हैं। उनमें से कुछ ये हैं:
● स्तन विकास जो 8 से 13 वर्ष की आयु के बीच शुरू हो जाता है।
● हिप्स आकार में चौड़े होने लग जाते हैं।
● हाइट भी बढ़ने लगती है।
● हार्मोनल गतिविधि के कारण पिंपल्स, पसीना और अजीबोगरीब शरीर की बदबू महसूस होती है।
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● 10 से 14 साल की उम्र के बीच, जेनिटेल क्षेत्र और बगल में बाल उगने लगते हैं।
● प्यूबर्टी के दौरान, लड़कियां अत्यधिक संवेदनशील, भावनात्मक या परेशान महसूस कर सकती हैं।
● अतिरिक्त बलगम जैसा वेजाइनल डिस्चार्ज, लड़किया अपनी अंडरवियर में महसूस कर सकती हैं। यह डिस्चार्ज आमतौर पर एक लड़की को पहली होने वाले पीरियड्स से लगभग 6 महीने पहले शुरू होता है।
पीरियड होने के क्या कारण हैं?
पीरियड्स शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। जिसे निम्न तरीके से समझा जा सकता है:
● हर माह महिला के शरीर में एक अंडा बनता है।
● चक्र के बीच में (28 दिनों केचक्र में 12-15 दिन पर) ओवरीज में से एक अंडा रिलीज होता है । इसे ‘ओव्यूलेशन’ कहते हैं।
● अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से वोम्ब या यूट्रस में चला जाता है। इसी दौरान, शरीर के टिशूज और ब्लड सेल्स यूट्रस की वॉल पर लाइनिंग बनाना शुरू कर देते हैं।
● यदि अंडे को फर्टिलाइज नहीं किया जाता है, तो यूट्रस की लाइनिंग टूट जाती है और ब्लीडिाग होने लग जाती है, जिससे पीरियड्स होते हैं।
● यदि अंडे को स्पर्म सेल्स के द्वारा फर्टिलाइज किया जाता है, तो यह यूट्रस की वॉल से जुड़ जाता है, जो समय के साथ एक बच्चे में विकसित होता है।
● एक अंडा रिलीज होने के बाद, प्रक्रिया फिर से शुरू होती है।
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