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भारत में होने वाले प्रमुख रोगों को संस्कृत में क्या कहते हैं? | Indian Disease Name in Sanskrit
आयुर्वेद की प्राचीन संस्कृति समेटे हुए भारत देश में सभी भाषाओं की जनक संस्कृत भाषा ही है. लेकिन क्या आप जानते है संस्कृत में प्रमुख रोगों के क्या नाम होते हैं? हम इस लेख के जरिए आपको बताएँगे की प्रमुख रोगों के बारे में तथा उन रोगों का मतलब क्या होता है. संस्कृत भाषा में प्रमुख रोगों के नाम | Disease Name in Sanskrit
- अस्थि भंग – हड्डी टूटना इसका अर्थ है इस अवस्था में हड्डियां अपनी स्थिति से अलग(खिसक)हो जाती है एवं टूट जाती हैं.
- वमन – उल्टी, इससे तो आप सभी भली भांति परिचित है, उल्टी आने के कई कारण हो सकते परंतु यह कभी-कभी अपच के कारण भी हो सकती हैं. खासकर गर्मियों के दिनों में उल्टी आना स्वाभाविक है.
- रक्तल्पता – खून की कमी इस स्थिति में शरीर में लाल रक्त कण निर्माण दर में कमी एवं नष्ट दर में वृद्धि हो जाती है.
- अजीरम अजीणर्म– अपच इस अवस्था में इंसान के पाचन तंत्र की शक्ति कमजोर पड़ जाती है एवं सुचारु ढंग से काम नहीं कर पाती हैं. इस अवस्था में पेट में गैस की परेशानी अधिक होती है. इससे बचाव के लिए दही का सेवन किया जाना चाहिए.
- अंध: – अंधापन/ दृष्टि हीनता ऐसी स्थिति में मनुष्य अपने समक्ष किसी भी वस्तु को देख नहीं सकता है यह ऐसी परिस्थिति होती है कि, इंसान के जन्म के अथवा आंख से जुड़ी समस्याओं के कारण भी हो सकती है.
- प्रतिशयाय– सर्दी जुखाम, सर्दी जुखाम होने का आम करण राइनोवायरस का संक्रमण है। इस अवस्था में छींक आना, गले में खराश एवं नाक बंद होना आदि समस्याएं देखी जाती है. इससे बचाव के लिए सुबह नित्य क्रिया से पूर्व गर्म पानी का सेवन करना चाहिए.
- वृकक संक्रमण – गुर्दे की बीमारी इस अवस्था में गुर्दे में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाती है जिससे गुर्दा संक्रमित हो जाता है.
- उदय पीड़ा – पेट दर्द वैसे तो पेट में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बदहजमी, गैस, उल्टी आना आदि.
- कमला पीलिया – जॉन्डिस इस अवस्था में खून में बिलाबीन के बढ़ जाने के कारण त्वचा, आंख एवं नाखून के सफेद भाग पीले नजर आते हैं. इस अवस्था में शरीर का रंग पीला पड़ जाता है, भोजन ठीक ढ़ग से पच नहीं पाता, और भूख लगना बंद हो जाती है.
- आंत्र ज्वर– थायराइड इसका मुख्य कारण भोजन में आयोडीन की कमी के कारण शरीर में थायराइड ग्रंथि में वृद्धि हो जाना है.
- मधुमेह – मधुमेह इस अवस्था में शरीर में इंसुलिन की मात्रा में वृद्धि हो जाती है. जिसे आम बाेलचाल की भाषा में डायबिटिज कहते हैं.
- शीत ज्वर/ विषम ज्वर – मलेरिया यह एक संक्रमित मच्छर (एनोफिलीज) के काटने से मनुष्य के रक्त प्रवाह में प्लॉस्मोडियम विवेस्क नामक वायरस के कारण होता है.
- अर्ध विभेदक – अर्ध कपारी इस अवस्था में मस्तिष्क के आधे भाग में दर्द रहता है. महिलाओं में परेशानी आम होती है.
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