ज्वालामुखी (Volcano) क्या है: प्रकार, तथ्य और 50 सबसे ऊँचे ज्वालामुखियों की सूची

ज्वालामुखी (Volcano) क्या है: प्रकार, तथ्य और 50 सबसे ऊँचे ज्वालामुखियों की सूची
ज्वालामुखी (Volcano), प्रकृति की सबसे शक्तिशाली और विस्मयकारी रचनाओं में से एक है। यह पृथ्वी की सतह पर एक ऐसा छिद्र या दरार है, जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, राख और गैसें बाहर निकलती हैं। यह एक ऐसा ‘आग का दरिया’ है जिसे देखना एक हैरतअंगेज और रोमांचक अनुभव होता है।
“ओजोस डेल सलाडो धरती का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी (Volcano) है। 6,893 मीटर ऊँचा यह ज्वालामुखी दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना में स्थित है, जबकि पृथ्वी का सबसे विशाल ज्वालामुखी (क्षेत्रफल और आयतन की दृष्टि से) प्रशांत महासागर में स्थित है।”
आज इस लेख में, हम ज्वालामुखी (Volcano) के अर्थ, उसके बनने की प्रक्रिया, प्रकार और दुनिया के सबसे ऊँचे, बड़े और खतरनाक ज्वालामुखियों से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
ज्वालामुखी (Volcano) का अर्थ और यह कैसे बनता है?
Volcano (वोल्केनो) का हिंदी में सीधा अर्थ है – ज्वालामुखी। यह एक भूवैज्ञानिक संरचना है जो पृथ्वी के आंतरिक भाग को उसकी सतह से जोड़ती है।
आप सोच रहे होंगे कि यह आग आखिर आती कहाँ से है? हमारी पृथ्वी, जो ऊपर से शांत और ठंडी दिखाई देती है, अंदर से एक धधकता हुआ आग का गोला है। इसके केंद्र का तापमान लगभग 6000 डिग्री सेल्सियस तक माना जाता है। पृथ्वी की भूपर्पटी (Crust) कई विशाल टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी हुई है। जब ये प्लेटें टकराती हैं या एक-दूसरे से दूर जाती हैं, तो पृथ्वी के मेंटल में मौजूद पिघली हुई चट्टानें, जिन्हें मैग्मा (Magma) कहा जाता है, ऊपर की ओर उठती हैं। जब यह मैग्मा दबाव के कारण पृथ्वी की सतह को तोड़कर बाहर निकलता है, तो इसे लावा (Lava) कहते हैं और इसी प्रक्रिया को ज्वालामुखी विस्फोट कहा जाता है।
ज्वालामुखी के प्रकार (Types of Volcano)
ज्वालामुखियों को उनकी सक्रियता और उद्गार की प्रकृति के आधार पर मुख्य रूप से वर्गीकृत किया जाता है।
1. सक्रियता के आधार पर (Based on Activity)
जाग्रत/सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcano): ये वे ज्वालामुखी हैं जिनमें हाल ही में विस्फोट हुआ है या जिनमें विस्फोट होने की संभावना बनी रहती है। इनसे लगातार गैस और धुआं निकलता रहता है।
प्रसुप्त/सुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano): ये वे ज्वालामुखी हैं जो लंबे समय से शांत हैं, लेकिन भविष्य में कभी भी सक्रिय हो सकते हैं। ये सबसे खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि इनके अचानक विस्फोट से भारी तबाही हो सकती है।
विलुप्त/मृत ज्वालामुखी (Extinct Volcano): ये वे ज्वालामुखी हैं जिनके भविष्य में सक्रिय होने की कोई संभावना नहीं होती। ये हजारों वर्षों से शांत हैं।
2. उद्गार की प्रकृति के आधार पर (Based on Nature of Eruption)
केंद्रीय उद्भेदन वाले ज्वालामुखी (Central Eruption Volcanoes): इनमें लावा, गैस और राख एक संकरी नली (Vent) से भयंकर विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ये बहुत विनाशकारी होते हैं और अक्सर भूकंप का कारण बनते हैं।
दरारी उद्भेदन वाले ज्वालामुखी (Fissure Eruption Volcanoes): इनमें लावा बिना किसी बड़े विस्फोट के एक लंबी दरार से धीरे-धीरे बाहर निकलता है और एक बड़े क्षेत्र में फैल जाता है। भारत का दक्कन का पठार इसी प्रकार के उद्भेदन से बना है।
तुलना तालिका: दुनिया के कुछ प्रसिद्ध ज्वालामुखी
ज्वालामुखी (Volcano) | प्रकार (Type) | स्थान (Location) | विशेषता (Feature) |
ओजोस डेल सलाडो | सक्रिय (Active) | अर्जेंटीना/चिली | दुनिया का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी |
मौना किया | सुप्त (Dormant) | हवाई, अमेरिका | आधार से शिखर तक सबसे ऊँचा पर्वत |
टमू मस्सिफ | विलुप्त (Extinct) | प्रशांत महासागर | दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी (क्षेत्रफल में) |
माउंट विसुवियस | सक्रिय (Active) | इटली | पोम्पेई शहर को नष्ट करने के लिए प्रसिद्ध |
क्राकाटोआ | सक्रिय (Active) | इंडोनेशिया | 1883 का विनाशकारी विस्फोट |
दुनिया के ज्वालामुखियों से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य
1. दुनिया का सबसे विशाल ज्वालामुखी (Largest Volcano in the World)
टमू मस्सिफ (Tamu Massif) पृथ्वी का सबसे विशाल ज्वालामुखी (Volcano) है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 310,800 वर्ग किलोमीटर है (लगभग न्यू मेक्सिको राज्य के बराबर)। यह प्रशांत महासागर में जापान के तट से लगभग 1600 किलोमीटर दूर स्थित है। इसकी विशालता के बावजूद, यह 2013 तक दुनिया की नजरों से छिपा रहा क्योंकि इसका शिखर समुद्र तल से 2000 मीटर नीचे है।
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2. दुनिया का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी (Highest Active Volcano)
अर्जेंटीना और चिली की सीमा पर स्थित ओजोस डेल सलाडो (Ojos del Salado) समुद्र तल से 6,893 मीटर (22,615 फीट) की ऊंचाई के साथ दुनिया का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी (Volcano) है।
3. आधार से शिखर तक सबसे ऊँचा पर्वत
हालांकि माउंट एवरेस्ट समुद्र तल से सबसे ऊँचा पर्वत है, लेकिन अगर आधार से शिखर तक की कुल ऊँचाई मापी जाए, तो हवाई (अमेरिका) का मौना किया (Mauna Kea) ज्वालामुखी सबसे ऊँचा है। इसका अधिकांश हिस्सा समुद्र के नीचे है, और इसकी कुल ऊँचाई 10,000 मीटर (33,000 फीट) से भी अधिक है, जो माउंट एवरेस्ट से भी ज्यादा है।
4. दुनिया का सबसे छोटा ज्वालामुखी
फिलीपींस में स्थित ताल ज्वालामुखी (Taal Volcano) दुनिया का सबसे छोटा ज्वालामुखी माना जाता है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से सिर्फ 311 मीटर (1,020 फीट) है।
HowTo: ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान सुरक्षित कैसे रहें?
हालांकि भारत में सक्रिय ज्वालामुखी कम हैं, लेकिन यदि आप कभी ऐसी जगह पर हों जहाँ ज्वालामुखी विस्फोट का खतरा हो, तो इन कदमों का पालन करें:
चरण 1: आधिकारिक चेतावनियों का पालन करें (Follow Official Warnings)
स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी की गई चेतावनियों और निकासी के आदेशों का तुरंत पालन करें।
चरण 2: एक आपातकालीन किट तैयार रखें (Prepare an Emergency Kit)
अपनी किट में पानी, फर्स्ट-एड, टॉर्च, बैटरी, मास्क (N95), और कुछ सूखे खाद्य पदार्थ रखें।
चरण 3: घर के अंदर रहें (Stay Indoors)
ज्वालामुखी की राख बहुत हानिकारक हो सकती है। घर के अंदर रहें, सभी खिड़कियां, दरवाजे और वेंटिलेशन बंद कर दें।
चरण 4: अपनी आंखों और फेफड़ों की रक्षा करें (Protect Your Eyes and Lungs)
यदि बाहर निकलना आवश्यक हो, तो चश्मा पहनें और अपनी नाक और मुंह को एक नम कपड़े या N95 मास्क से ढकें ताकि राख अंदर न जाए।
चरण 5: पानी के स्रोतों से दूर रहें (Stay Away from Water Sources)
विस्फोट से कीचड़ का प्रवाह (Lahar) हो सकता है जो नदियों और घाटियों में तेजी से बहता है। इन क्षेत्रों से दूर रहें।
विश्व के 50 सबसे ऊँचे ज्वालामुखियों की सूची
यहाँ दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण और ऊँचे ज्वालामुखी (Volcano) पर्वतों की सूची दी गई है:
क्रमांक | पर्वत | ऊँचाई (मीटर) | स्थिति |
1 | ओजोस डेल सलाडो | 6,893 | अर्जेंटीना/चिली |
2 | टिपस | 6,660 | अर्जेंटीना/चिली |
3 | टुपुंगाटो | 6,570 | अर्जेंटीना/चिली |
4 | नेवाडो सजमा | 6,542 | बोलीविया |
5 | कोरोपुना | 6,425 | पेरू |
… | … | … | … |
50 | ताल | 311 | फिलीपींस |
(पूरी सूची के लिए, आप विश्वसनीय भौगोलिक स्रोतों का संदर्भ ले सकते हैं।)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions – FAQs)
प्रश्न 1: ज्वालामुखी विस्फोट क्यों होता है?
उत्तर: पृथ्वी के अंदर मौजूद अत्यधिक गर्मी और दबाव के कारण चट्टानें पिघलकर मैग्मा बन जाती हैं। जब यह मैग्मा गैसों के साथ मिलकर पृथ्वी की सतह को तोड़कर बाहर निकलता है, तो ज्वालामुखी विस्फोट होता है।
प्रश्न 2: क्या भारत में कोई सक्रिय ज्वालामुखी है?
उत्तर: हाँ, भारत में एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी (Volcano) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित बैरन द्वीप (Barren Island) है।
प्रश्न 3: “रिंग ऑफ फायर” क्या है?
उत्तर: “रिंग ऑफ फायर” प्रशांत महासागर के चारों ओर एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ दुनिया के लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं और 90% भूकंप आते हैं। यह टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं के कारण होता है।
निष्कर्ष
ज्वालामुखी (Volcano) पृथ्वी की एक विनाशकारी लेकिन आवश्यक प्रक्रिया है। यह हमें हमारे ग्रह की आंतरिक शक्ति की एक झलक देता है। जहाँ एक ओर इसके विस्फोट से भारी तबाही हो सकती है, वहीं दूसरी ओर ज्वालामुखी से निकली मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है और इससे कई मूल्यवान खनिज भी प्राप्त होते हैं।
उम्मीद है कि ज्वालामुखी (Volcano) पर यह विस्तृत लेख आपको पसंद आया होगा और आपको इस प्राकृतिक आश्चर्य के बारे में नई और रोचक जानकारी मिली होगी।
क्या आप किसी ज्वालामुखी के बारे में कोई और रोचक तथ्य जानते हैं? नीचे कमेंट्स में हमारे साथ साझा करें!