श्री तुलसी जी के फायदे, अशुभ होने से पूर्व क्यों सूख जाता है पाैधा (shri tulsi benefits in hindi)
दोस्तों क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि, घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित श्री तुलसी के पौधे पर होता है. अनिष्ठ का संकेत आने पर लाख कोशिशों के बाद धीरे-धीरे वो पौधा सूखने लगता है.
तुलसी का पौधा ऐसा है जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर परिवार को किसी अशुभ समाचार का सामना करना पड़ सकता है. हिंदू पुराणों और शास्त्रों के अनुसार माना जाए तो ऐसा इसलिए होता है कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है.
इसका कारण दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मी जी का निवास नही होता. ज्योतिष में उल्लेख मिलता है कि, ऐसा बुध के कारण होता है. बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़ पौधों का कारक ग्रह माना जाता है.
बुध ऐसा ग्रह है जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है. यदि कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध के कारक घर में मौजूद लोगों और वस्तुओं पर भी होता है. वहीं दूसरी ओर यदि कोई ग्रह शुभ फल देता है तो उसके शुभ प्रभाव से तुलसी का पौधा उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है. बुध के सकारात्मक प्रभाव से पौधे में फल फूल लगने लगते हैं.
घर में तुलसी के पौधे की उपस्थिति एक वैद्य समान तो है ही यह वास्तु के दोष भी दूर करने में सक्षम है. हमारे शास्त्र इस के गुणों से भरे पड़े है जन्म से लेकर मृत्यु तक काम आती है यह तुलसी…. कभी सोचा है कि मामूली सी दिखने वाली यह तुलसी हमारे घर या भवन के समस्त दोष को दूर कर हमारे जीवन को निरोग एवम सुखमय बनाने में सक्षम है.
माता का दर्जा रखने वाला श्री तुलसी का पौधा वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व रखता है. हम ऐसे समाज में निवास करते है कि सस्ती वस्तुएं एवम सुलभ सामग्री को शान के विपरीत समझने लगे है महंगी चीजों को हम अपनी प्रतिष्ठा मानते है कुछ भी हो तुलसी का स्थान हमारे शास्त्रों में पूज्यनीय देवी के रूप में है.
तुलसी को मां शब्द से अलंकृत कर हिंदू धर्म में लोग प्रतिदिन इसकी पूजा आराधना भी करते है. इसके औषधिय गुणों को आधुनिक रसायन शास्त्र भी मानता है इसकी हवा तथा स्पर्श एवम इसका भोग दीर्घ आयु तथा स्वास्थ्य विशेष रूप से वातावरण को शुद्ध करने में सक्षम होता है.
हिंदू धर्म ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि, श्री तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे मिलते है उनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से विद्यमान है सबके गुण अलग अलग है शरीर में नाक कान वायु कफ ज्वर खांसी और ह्दय की बीमारिओं पर खास असर डालती है. तुलसी की गंध हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले कई सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करती है.
प्रतिदिन श्री तुलसी की पत्ती सेवन करने से श्वास संबंधित कई रोगों में लाभ मिलता है. तुलसी की एक पत्ती का सेवन करने से सामान्य बुखार से बचे रहते हैं. मौसम परिवर्तन के समय होने वाली बीमारियों से बचाव हो जाता है, लेकिन हमें नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते रहना चाहिए.
प्रतिदिन चार पत्तियां तुलसी की सुबह खाली पेट ग्रहण करने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त आदि दोष दूर होने लगते है मां तुलसी के समीप आसन लगा कर यदि कुछ समय के लिए प्रतिदिन बैठा जाए तो श्वास के रोग अस्थमा आदि से जल्दी राहत मिलती है.
वास्तु दोष दूर करती है श्री तुलसी
- श्री तुलसी माता का गमला रसोई के समीप रखने से पारिवारिक विवाद समाप्त होते है पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से पुत्र यदि जिद्दी हो तो उसका हठ दूर होता है.
- यदि घर की कोई सन्तान अपनी मर्यादा से बाहर है. यानी कि नियंत्रण में नहीं है तो पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे में से तीन पत्ते किसी ना किसी रूप में सन्तान को खिलाने से सन्तान आज्ञानुसार व्यवहार करने लगती है.
- कन्या के विवाह में देरी हो रहा हो तो अग्नि कोण में तुलसी के पौधे को कन्या नित्य जल अर्पण कर एक प्रदक्षिणा करने से विवाह जल्दी और अनुकूल स्थान में होता है सारी बाधाए दूर होती है.
- यदि व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा तो दक्षिण-पश्चिम में रखे तुलसी कि गमले पर प्रति शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध अर्पण करें. साथ ही मिठाई का भोग रख कर किसी सुहागिन स्त्री को मीठी वस्तु देने से व्यवसाय में सफलता मिलती है.
- नौकरी में यदि उच्चाधिकारी की वजह से दुखी हो तो ऑफिस में खाली जमीन या किसी गमले आदि जहाँ पर भी मिट्टी हो वहां पर सोमवार को तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपडे़ में बाँध कर सुबह दबा दे सम्मन की वृद्धि होगी. नित्य पंचामृत बना कर यदि घर कि महिला शालिग्राम जी का अभिषेक करती है तो घर में वास्तु दोष हो ही नहीं सकता.
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