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 शील की शक्ति – बच्चों के लिए नैतिक कहानी | Class 8 Hindi Moral Story

कहानी: शील ही सच्चा ऐश्वर्य

“यदि धन चला गया तो कुछ नहीं गया, यदि स्वास्थ्य चला गया तो बहुत कुछ चला गया, पर यदि शील चला गया तो सब कुछ चला गया।”
– चाणक्य

प्रस्तावना

प्राचीन काल में दैत्यराज प्रह्लाद ने अपने चरित्र बल से स्वर्ग पर विजय प्राप्त की थी। यह कहानी बताती है कि कैसे शील (सदाचार) के बिना धन, बल और यश सभी व्यर्थ हैं।


कथा का सार

1. इंद्र की चिंता

जब प्रह्लाद ने अपने शील के बल पर इंद्र से स्वर्ग छीन लिया, तो इंद्र ने बृहस्पति और शुक्राचार्य से सलाह ली। अंततः उन्हें प्रह्लाद से ही ज्ञान प्राप्त करने को कहा गया।

2. ब्राह्मण का छद्म वेश

इंद्र ने ब्राह्मण का रूप धरकर प्रह्लाद की सेवा की और अंततः उनसे शील का वरदान माँगा। प्रह्लाद ने उन्हें वर दे दिया, और तभी उनके शरीर से शील, धर्म, सत्य, सदाचार, बल और लक्ष्मी एक-एक करके निकल गए।

3. शील के जाने का परिणाम

  • शील → धर्म → सत्य → सदाचार → बल → लक्ष्मी
    जैसे ही शील चला गया, सभी गुण और ऐश्वर्य भी प्रह्लाद को छोड़कर इंद्र के पास चले गए।

4. नैतिक शिक्षा

  • शील (चरित्र) ही सभी सद्गुणों की जड़ है।

  • धन, बल और यश सभी शीलवान व्यक्ति के पास स्वतः आ जाते हैं।

  • जीवन में चरित्र निर्माण सबसे महत्वपूर्ण है।


तुलना तालिका: शील बनाम धन

गुणशील (चरित्र)धन
टिकाऊपनस्थायी, कभी नष्ट नहीं होताअस्थायी, चला जा सकता है
महत्वसभी सद्गुणों की नींवभौतिक सुख प्रदान करता है
प्राप्तिसेवा, सदाचार और संयम सेमेहनत, भाग्य या अन्य साधनों से
हानियदि खो जाए तो सब कुछ खो जाता हैखोने पर फिर से कमाया जा सकता है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. शील क्या है?

शील का अर्थ है चरित्र, सदाचार और नैतिकता। यह व्यक्ति के आचरण की पवित्रता को दर्शाता है।

2. क्या धन से ज्यादा महत्वपूर्ण शील है?

हाँ! धन तो आता-जाता रहता है, लेकिन शीलवान व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है।

3. इस कहानी से क्या सीख मिलती है?

  • चरित्र ही सच्ची संपत्ति है।

  • बिना शील के धन, बल और यश सभी नष्ट हो जाते हैं।


कैसे बनाएं मजबूत चरित्र? (HowTo)

  1. सत्य बोलें – झूठ से बचें।

  2. संयम रखें – लालच और क्रोध पर नियंत्रण रखें।

  3. दूसरों की मदद करें – सेवाभाव रखें।

  4. अनुशासन में रहें – नियमित दिनचर्या बनाएँ।

  5. अच्छी संगति में रहें – बुरे लोगों से दूर रहें।


निष्कर्ष

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चरित्रहीन व्यक्ति का ऐश्वर्य, बल और धन सभी कुछ नष्ट हो जाता है। इसलिए, हमें हमेशा शीलवान बनने का प्रयास करना चाहिए।

“शील से तीनों लोक जीते जा सकते हैं। चरित्रवानों के लिये संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं है।”
महाभारत

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।
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