सितंबर में एकादशी कब है 2025? जानें परिवर्तिनी और इंदिरा एकादशी की सही डेट, टाइम और महत्व

सितंबर में एकादशी कब है 2025? नोट करें परिवर्तिनी और इंदिरा एकादशी की सही तारीख, मुहूर्त और पारण समय
September me Ekadashi kab hai 2025? (सितंबर में एकादशी कब है 2025?) – भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आने वाली यह पवित्र तिथि, भक्तों को पापों से मुक्ति दिलाने वाली और पुण्य फलों को प्रदान करने वाली मानी जाती है। सितंबर 2025 का महीना आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस माह दो बहुत ही खास एकादशियां पड़ रही हैं – परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी।
एक एकादशी जहाँ भगवान विष्णु के शयन काल में करवट बदलने का प्रतीक है, तो वहीं दूसरी एकादशी पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी जाती है। ऐसे में इन दोनों व्रतों की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे महत्वपूर्ण, व्रत खोलने का सही पारण समय जानना अनिवार्य हो जाता है। आइए, इस लेख में हम सितंबर 2025 में आने वाली इन दोनों एकादशियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सितंबर 2025 एकादशी व्रत कैलेंडर (September 2025 Ekadashi Calendar)
एकादशी का नाम | पक्ष | तारीख और दिन |
परिवर्तिनी एकादशी (पद्मा/जलझूलनी एकादशी) | शुक्ल पक्ष | 3 सितंबर 2025, बुधवार |
इंदिरा एकादशी | कृष्ण पक्ष | 17 सितंबर 2025, बुधवार |
1. परिवर्तिनी एकादशी 2025 (Parivartini Ekadashi 2025)
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी, पद्मा एकादशी और जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह एकादशी इसलिए खास है क्योंकि चातुर्मास के दौरान योग निद्रा में लीन भगवान विष्णु इस दिन अपनी करवट बदलते हैं।
परिवर्तिनी एकादशी 2025: तिथि और समय (Date and Time)
- एकादशी तिथि का प्रारंभ: 3 सितंबर 2025, बुधवार को सुबह 03:53 बजे से
- एकादशी तिथि की समाप्ति: 4 सितंबर 2025, गुरुवार को सुबह 04:21 बजे पर
- व्रत का दिन: उदया तिथि के अनुसार, व्रत 3 सितंबर 2025, बुधवार को रखा जाएगा।
व्रत पारण का समय (Paran Time):
- पारण की तारीख: 4 सितंबर 2025, गुरुवार
- पारण का समय: दोपहर 01:36 बजे से शाम 04:07 बजे तक
- हरि वासर समाप्त होने का समय: सुबह 10:18 बजे (हरि वासर के बाद ही पारण करना चाहिए)
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व:
- मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के समान फल मिलता है।
- इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- यह व्रत सुख, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है।
2. इंदिरा एकादशी 2025 (Indira Ekadashi 2025)
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी पितृ पक्ष के दौरान आती है, इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
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इंदिरा एकादशी 2025: तिथि और समय (Date and Time)
- एकादशी तिथि का प्रारंभ: 17 सितंबर 2025, बुधवार को सुबह 12:21 बजे से
- एकादशी तिथि की समाप्ति: 17 सितंबर 2025, बुधवार को रात 11:39 बजे पर
- व्रत का दिन: व्रत 17 सितंबर 2025, बुधवार को ही रखा जाएगा।
व्रत पारण का समय (Paran Time):
- पारण की तारीख: 18 सितंबर 2025, गुरुवार
- पारण का समय: सुबह 06:07 बजे से सुबह 08:34 बजे तक
- द्वादशी समाप्त होने का समय: रात 11:24 बजे
इंदिरा एकादशी का महत्व:
- यह एकमात्र ऐसी एकादशी है जिसका व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- यदि किसी के पूर्वज जाने-अनजाने में किए गए पापों के कारण यमलोक में कष्ट भोग रहे हों, तो इस व्रत का पुण्य उन्हें अर्पित करने से वे नरक की यातनाओं से मुक्त हो जाते हैं।
- स्वयं व्रत करने वाले को भी मृत्यु के उपरांत वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
How-To: एकादशी व्रत की सामान्य पूजा विधि
- व्रत का संकल्प: दशमी तिथि की शाम को सूर्यास्त के बाद भोजन न करें। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- षोडशोपचार पूजन: भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, पंचामृत, तुलसी दल और नैवेद्य अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर पूजा करें।
- मंत्र जाप और कथा श्रवण: दिन भर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें और संबंधित एकादशी की व्रत कथा अवश्य पढ़ें या सुनें।
- रात्रि जागरण: रात में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना उत्तम माना जाता है।
- पारण: अगले दिन (द्वादशी को) शुभ मुहूर्त में ब्राह्मण को भोजन कराने और दान-दक्षिणा देने के बाद ही अपना व्रत खोलें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: सितंबर 2025 में पहली एकादशी कब है?
उत्तर: सितंबर 2025 में पहली एकादशी (परिवर्तिनी एकादशी) का व्रत 3 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा।
प्रश्न 2: इंदिरा एकादशी पितरों के लिए क्यों खास है?
उत्तर: क्योंकि यह श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) के दौरान आती है। इस दिन व्रत करके उसका पुण्य अपने पितरों को अर्पित करने से उन्हें नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और वे स्वर्ग को प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 3: क्या एकादशी व्रत में नमक खा सकते हैं?
उत्तर: एकादशी व्रत में साधारण नमक का सेवन वर्जित होता है। यदि आप फलाहार व्रत कर रहे हैं, तो सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 4: एकादशी व्रत का पारण कैसे किया जाता है?
उत्तर: एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में, शुभ मुहूर्त के अंदर ही किया जाना चाहिए। पारण करने से पहले ब्राह्मण को दान-दक्षिणा देना उत्तम माना जाता है।
प्रश्न 5: अगर एकादशी दो दिन पड़ रही हो तो व्रत किस दिन रखें?
उत्तर: ऐसी स्थिति में, गृहस्थ लोगों को पहले दिन और वैष्णव संप्रदाय या साधु-संतों को दूसरे दिन व्रत रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि, सटीक जानकारी के लिए हमेशा स्थानीय पंचांग का अनुसरण करना चाहिए।
निष्कर्ष
September me Ekadashi kab hai 2025, इस प्रश्न का उत्तर अब आपको स्पष्ट हो गया होगा। सितंबर का महीना भगवान विष्णु की कृपा और पितरों का आशीर्वाद एक साथ पाने का एक सुनहरा अवसर लेकर आ रहा है। परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी, दोनों ही अपने आप में अद्वितीय महत्व रखती हैं। इन तिथियों को अभी से अपने कैलेंडर में नोट कर लें और पूरे विधि-विधान से इन व्रतों का पालन कर पुण्य के भागी बनें।
(Disclaimer: यह लेख पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित है। तिथियों और मुहूर्त में स्थानीय भिन्नता हो सकती है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी विद्वान पंडित से परामर्श अवश्य करें।)