Educationखबर दस्त

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर क्या है: जानें भारत की इस नई शक्ति के बारे में सब कुछ

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर क्या है: जानें भारत की इस नई शक्ति के बारे में सब कुछ (A to Z गाइड)

लेखक के बारे में:
यह लेख प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ. अभिनव प्रकाश (उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग में पीएचडी) और विज्ञान पत्रकार सुश्री. नेहा देसाई के संयुक्त शोध और अनुभव पर आधारित है। डॉ. प्रकाश C-DAC के साथ कई परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं, जबकि सुश्री. देसाई ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्रिकाओं के लिए लिखा है। इस लेख में दी गई जानकारी C-DAC (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग)MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय), और DST (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) जैसे आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है, ताकि पाठकों को सटीक, विश्वसनीय और प्रामाणिक जानकारी मिल सके।


21वीं सदी में, किसी भी देश की वैश्विक ताकत सिर्फ उसकी सेना या अर्थव्यवस्था से नहीं, बल्कि उसकी तकनीकी और कंप्यूटिंग शक्ति से भी मापी जाती है। इसी शक्ति की वैश्विक दौड़ में, भारत ने एक और बड़ी और महत्वपूर्ण छलांग लगाई है, जिसने दुनिया को अपनी तकनीकी आत्मनिर्भरता का एक और प्रमाण दिया है। यह छलांग है – परम रुद्र सुपरकंप्यूटर (Param Rudra Supercomputer)

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर सिर्फ एक मशीन नहीं है; यह भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के अथक परिश्रम, नवाचार और “मेक इन इंडिया” की प्रबल भावना का एक जीवंत प्रतीक है। यह उस महत्वाकांक्षी “राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन” (National Supercomputing Mission – NSM) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसका सपना भारत को दुनिया के सुपरकंप्यूटिंग मानचित्र पर एक अग्रणी और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में स्थापित करना है।

लेकिन यह परम रुद्र सुपरकंप्यूटर आखिर है क्या? यह हमारे घरों में मौजूद एक सामान्य कंप्यूटर से कितना अलग और कितना अधिक शक्तिशाली है? इसकी वास्तविक शक्ति कितनी है? और यह कैसे मौसम की सटीक भविष्यवाणी से लेकर जानलेवा बीमारियों के लिए नई दवाओं की खोज तक, हमारे जीवन के हर पहलू को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखता है?

आइए, इस विस्तृत और गहन लेख में हम भारत की इस नई तकनीकी शक्ति के हर पहलू को परत-दर-परत समझते हैं।

सुपरकंप्यूटर क्या होता है? (What is a Supercomputer?)

इससे पहले कि हम ‘परम रुद्र’ की विशेषताओं की गहराइयों में उतरें, यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि एक सुपरकंप्यूटर वास्तव में होता क्या है, और यह हमारे सामान्य कंप्यूटरों से कैसे अलग है।

एक सुपरकंप्यूटर एक सामान्य डेस्कटॉप या लैपटॉप की तरह नहीं होता है। यह एक अत्यंत उच्च-प्रदर्शन वाला कंप्यूटर होता है जिसे विशेष रूप से ऐसी जटिल और विशाल गणनाओं (Complex and Large-scale Calculations) को अविश्वसनीय गति से करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिन्हें हल करने में एक सामान्य कंप्यूटर को वर्षों, सदियों या शायद हजारों साल लग सकते हैं।

  • गति का पैमाना: जहाँ एक आधुनिक लैपटॉप की गति को GigaFLOPS (अरब गणना प्रति सेकंड) में मापा जा सकता है, वहीं सुपरकंप्यूटर की गति PetaFLOPS (10^15 या एक हजार खरब गणना प्रति सेकंड) में मापी जाती है। यह गति कल्पना से भी परे है।
  • कार्य करने का तरीका: आपका लैपटॉप या डेस्कटॉप सीरियल प्रोसेसिंग (Serial Processing) पर काम करता है, यानी एक समय में एक कार्य करता है। इसके विपरीत, सुपरकंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग (Parallel Processing) का उपयोग करता है। यह एक विशाल समस्या को हजारों या लाखों छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है और अपने हजारों प्रोसेसरों को एक साथ उन टुकड़ों को हल करने के लिए लगा देता है, जिससे परिणाम बहुत तेजी से प्राप्त होता है।
  • संरचना: यह एक एकल मशीन नहीं होती, बल्कि यह हजारों या लाखों प्रोसेसर (जिन्हें ‘नोड्स’ कहा जाता है) का एक विशाल नेटवर्क होता है जो एक विशालकाय मस्तिष्क की तरह एक साथ मिलकर काम करते हैं।

इन्हें मौसम की भविष्यवाणी, जलवायु मॉडलिंग, क्वांटम भौतिकी, दवा डिजाइन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल प्रशिक्षण और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर: एक विस्तृत परिचय

परम रुद्र भारत का एक अत्याधुनिक, स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सुपरकंप्यूटर है, जो देश की उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (High-Performance Computing – HPC) क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाता है।

  • निर्माता: इसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) द्वारा विकसित किया गया है। C-DAC भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है और भारत में सुपरकंप्यूटिंग का पर्याय माना जाता है।
  • ‘परम’ श्रृंखला की विरासत: ‘परम’ (PARAM) भारत की स्वदेशी सुपर कंप्यूटरों की एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक श्रृंखला है। संस्कृत में “PARAM” का अर्थ “सर्वोच्च” (Supreme) है। इस श्रृंखला की शुरुआत 1991 में PARAM 8000 के साथ हुई थी, जब अमेरिका ने भारत को सुपरकंप्यूटर देने से इनकार कर दिया था। इस इनकार ने भारत को अपनी तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित किया और PARAM 8000 ने भारत को उन चुनिंदा देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल कर दिया जिनके पास अपनी सुपरकंप्यूटिंग तकनीक थी। परम रुद्र इसी गौरवशाली विरासत का नवीनतम और अधिक शक्तिशाली अध्याय है।
  • मिशन: इसे राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटING मिशन (NSM) के तहत स्थापित किया गया है, जो भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की एक महत्वाकांक्षी संयुक्त पहल है।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM): एक आत्मनिर्भर भारत का विजन

परम रुद्र के महत्व को पूरी तरह से समझने के लिए, NSM के दृष्टिकोण को समझना आवश्यक है। 2015 में लॉन्च किए गए इस सात-वर्षीय मिशन का मुख्य उद्देश्य है:

  1. आत्मनिर्भरता (Self-Reliance): भारत को सुपरकंप्यूटिंग के क्षेत्र में डिजाइनिंग, विकास, निर्माण और संचालन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाना।
  2. अनुसंधान और विकास को बढ़ावा: देश भर के शैक्षणिक संस्थानों (जैसे IITs, IISc, NITs) और अनुसंधान प्रयोगशालाओं को विश्व स्तरीय उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) सुविधाएं प्रदान करना ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और नवाचार को गति दे सकें।
  3. एक राष्ट्रीय ग्रिड का निर्माण: देश में स्थापित सभी सुपर कंप्यूटरों को एक राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (National Knowledge Network – NKN) के माध्यम से एक राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड से जोड़ना। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का कोई भी योग्य शोधकर्ता, चाहे वह किसी भी कोने में हो, इन शक्तिशाली संसाधनों का उपयोग कर सके।

परम रुद्र इसी मिशन के तहत बनाए गए कई सुपर कंप्यूटरों में से एक है, जो इस राष्ट्रीय ग्रिड को शक्ति और क्षमता प्रदान करता है।


तुलना तालिका: सामान्य कंप्यूटर बनाम परम रुद्र सुपरकंप्यूटर

पहलू (Aspect)सामान्य कंप्यूटर (Desktop/Laptop)परम रुद्र सुपरकंप्यूटरअंतर का पैमाना
गति (Speed)GigaFLOPS (अरब गणना/सेकंड)PetaFLOPS (हजार खरब गणना/सेकंड)लाखों गुना तेज
प्रोसेसिंग का प्रकारसीरियल प्रोसेसिंग (एक समय में एक कार्य)पैरेलल प्रोसेसिंग (एक साथ हजारों कार्य)मौलिक रूप से भिन्न
आकार (Size)एक मेज पर फिट हो सकता हैकई बड़े कैबिनेट, एक पूरे कमरे की आवश्यकताविशाल
प्रोसेसर कोर (Cores)कुछ कोर (आमतौर पर 2 से 16)हजारों या लाखों कोरअत्यंत विशाल
मेमोरी (RAM)कुछ गीगाबाइट्स (GB) (जैसे 8GB, 16GB)कई टेराबाइट्स (TB) या पेटाबाइट्स (PB)लाखों गुना अधिक
उपयोग (Application)दैनिक कार्य, गेमिंग, ब्राउज़िंग, ऑफिस वर्कवैज्ञानिक सिमुलेशन, AI, मौसम पूर्वानुमान, दवा खोजअत्यधिक विशिष्ट
लागत (Cost)हजारों में (जैसे ₹50,000)करोड़ों में (सैकड़ों करोड़ रुपये)बहुत अधिक

परम रुद्र की तकनीकी विशेषताएं: इसके अंदर की शक्ति

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर की अभूतपूर्व शक्ति उसके अत्याधुनिक हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और स्वदेशी डिजाइन में निहित है।

  1. क्लस्टर आर्किटेक्चर: यह एक विशाल क्लस्टर आर्किटेक्चर पर आधारित है। इसे ऐसे समझें कि हजारों बहुत शक्तिशाली कंप्यूटरों (जिन्हें कंप्यूट नोड्स कहा जाता है) को एक साथ जोड़कर एक विशालकाय मस्तिष्क बनाया गया है।
  2. हाइब्रिड कंप्यूटिंग पावर: इसमें अत्याधुनिक CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) और GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) का एक हाइब्रिड मिश्रण है।
    • CPUs: ये पारंपरिक, जटिल और सीरियल गणनाओं के लिए उत्कृष्ट हैं।
    • GPUs: ये समानांतर (Parallel) कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। एक GPU में हजारों छोटे कोर होते हैं, जो उन्हें AI, मशीन लर्निंग और ग्राफिकल सिमुलेशन जैसे कार्यों के लिए अविश्वसनीय रूप से तेज बनाते हैं।
  3. हाई-स्पीड इंटरकनेक्ट: यह सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। सभी कंप्यूट नोड्स को एक अत्यंत तेज गति वाले नेटवर्क, जिसे इंटरकनेक्ट (जैसे InfiniBand) कहते हैं, से जोड़ा गया है। यह सुनिश्चित करता है कि हजारों प्रोसेसर एक-दूसरे के साथ लगभग बिना किसी देरी (Latency) के भारी मात्रा में डेटा का आदान-प्रदान कर सकें।
  4. विशाल और तेज स्टोरेज: जटिल सिमुलेशन और AI मॉडल को विशाल डेटासेट की आवश्यकता होती है। परम रुद्र में एक समानांतर फाइल सिस्टम (Parallel File System) पर आधारित उच्च-गति और विशाल स्टोरेज प्रणाली (कई पेटाबाइट्स में) है, जो इन डेटासेट को तेजी से एक्सेस और प्रोसेस कर सकती है।
  5. ग्रीन कंप्यूटिंग और ऊर्जा दक्षता: सुपरकंप्यूटर एक छोटे शहर जितनी बिजली की खपत कर सकते हैं और बहुत अधिक गर्मी पैदा करते हैं। परम रुद्र को “ग्रीन कंप्यूटिंग” के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें डायरेक्ट लिक्विड कूलिंग (Direct Liquid Cooling – DLC) जैसी अत्याधुनिक शीतलन तकनीकों का उपयोग किया गया है। यह पारंपरिक एयर कूलिंग की तुलना में कहीं अधिक कुशल है और ऊर्जा की खपत को काफी कम करता है।

HowTo: परम रुद्र जैसे सुपरकंप्यूटर का उपयोग कैसे किया जाता है?

एक आम उपयोगकर्ता सीधे सुपरकंप्यूटर का उपयोग नहीं कर सकता। यह एक विशेष संसाधन है जिसका उपयोग वैज्ञानिक और शोधकर्ता एक विशिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से करते हैं।

चरण 1: पहुंच के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करना (Submitting a Proposal for Access)

  • वैज्ञानिक, शोधकर्ता और शैक्षणिक संस्थान NSM पोर्टल के माध्यम से सुपरकंप्यूटिंग संसाधनों का उपयोग करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं। इस प्रस्ताव में उन्हें अपनी परियोजना, उसके उद्देश्य और उन्हें कितनी कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता है, यह बताना होता है।
  • एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति परियोजना की वैज्ञानिक योग्यता और राष्ट्रीय महत्व के आधार पर प्रस्ताव का मूल्यांकन करती है।

चरण 2: रिमोट एक्सेस प्राप्त करना (Getting Remote Access)

  • प्रस्ताव के अनुमोदन के बाद, शोधकर्ताओं को NKN जैसे एक सुरक्षित नेटवर्क के माध्यम से सुपरकंप्यूटर तक रिमोट एक्सेस दिया जाता है। वे अपने संस्थान की लैब में बैठे-बैठे ही सुपरकंप्यूटर पर लॉगिन कर सकते हैं।

चरण 3: प्रोग्रामिंग और जॉब सबमिशन (Programming and Job Submission)

  • शोधकर्ता अपने जटिल प्रोग्राम (अक्सर C++, Fortran, या Python जैसी समानांतर प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखे गए) को सुपरकंप्यूटर पर अपलोड करते हैं।
  • वे एक ‘जॉब शेड्यूलर’ (Job Scheduler) सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपनी गणना को एक ‘जॉब’ के रूप में सबमिट करते हैं। यह सॉफ्टवेयर एक ट्रैफिक कंट्रोलर की तरह काम करता है, जो विभिन्न उपयोगकर्ताओं से आने वाली हजारों जॉब्स को कतार में लगाता है और उन्हें कुशलतापूर्वक प्रोसेसर आवंटित करता है।

चरण 4: गणना, परिणाम और विश्लेषण (Computation, Results, and Analysis)

  • सुपरकंप्यूटर हजारों प्रोसेसरों पर उस जॉब को समानांतर रूप से चलाता है, जिसमें कुछ घंटों से लेकर कई दिन या हफ्ते लग सकते हैं।
  • गणना पूरी होने के बाद, परिणाम (आउटपुट डेटा) उत्पन्न होता है, जो अक्सर टेराबाइट्स में होता है। शोधकर्ता इस डेटा को विश्लेषण के लिए डाउनलोड करते हैं और अपने शोध निष्कर्ष निकालते हैं।

परम रुद्र के उपयोग और अनुप्रयोग: यह भारत को कैसे सशक्त करेगा?

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर की शक्ति का उपयोग भारत की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान करने और अनुसंधान के नए द्वार खोलने के लिए किया जाएगा।

  1. मौसम पूर्वानुमान और जलवायु मॉडलिंग:
    भारत की अर्थव्यवस्था और करोड़ों लोगों का जीवन मानसून पर निर्भर करता है। परम रुद्र जैसे सुपरकंप्यूटर वायुमंडलीय डेटा के विशाल सेट का विश्लेषण करके अधिक सटीक और लंबी अवधि के मौसम पूर्वानुमान प्रदान कर सकते हैं। यह किसानों को अपनी फसलों की योजना बनाने में, और सरकारों को चक्रवात, बाढ़ या सूखे जैसी आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेगा।
  2. दवा डिजाइन और जीनोमिक्स (Drug Design and Genomics):
    नई दवाओं और टीकों की खोज एक बहुत ही महंगी और समय लेने वाली प्रक्रिया है। परम रुद्र हजारों आणविक संरचनाओं का अनुकरण (Simulate) करके यह अनुमान लगा सकता है कि कौन सी दवा किसी विशेष वायरस या बीमारी के खिलाफ सबसे प्रभावी होगी। यह COVID-19 जैसी महामारियों के खिलाफ लड़ाई में तेजी ला सकता है और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए व्यक्तिगत दवाएं विकसित करने में मदद कर सकता है।
  3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग:
    AI मॉडल, विशेष रूप से डीप लर्निंग मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए भारी कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है। परम रुद्र भारत के AI स्टार्टअप्स, छात्रों और शोधकर्ताओं को अपने मॉडल को तेजी से प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा, जिससे भारत AI के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी बन सकेगा और स्वदेशी AI समाधान विकसित कर सकेगा।
  4. विज्ञान और इंजीनियरिंग सिमुलेशन:
    • एयरोस्पेस: नए विमानों, ड्रोन और ISRO के अंतरिक्ष यानों के डिजाइन का परीक्षण करने के लिए जटिल वायुगतिकीय सिमुलेशन चलाना।
    • सामग्री विज्ञान (Material Science): सुपर-अलॉय और नैनो-मटेरियल जैसी नई और मजबूत सामग्री की खोज करना।
    • ऑटोमोबाइल: कारों के क्रैश टेस्ट का अनुकरण करना ताकि उन्हें और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
  5. राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान:
    • रक्षा: DRDO जैसे संगठन इसका उपयोग क्रिप्टोग्राफी (दुश्मन के कोड को तोड़ना), मिसाइल प्रक्षेप पथ विश्लेषण, और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के डिजाइन के लिए कर सकते हैं।
    • अंतरिक्ष: ISRO इसका उपयोग उपग्रहों से प्राप्त विशाल डेटा का विश्लेषण करने, अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी करने, और भविष्य के चंद्रयान या मंगलयान मिशनों के लिए जटिल कक्षीय गणना करने के लिए कर सकता है।
  6. शिक्षा और अनुसंधान को सशक्त बनाना:
    IITs, IISc, NITs, और IISERs जैसे भारत के प्रमुख संस्थानों के छात्रों और प्रोफेसरों को अब अपने शोध के लिए विदेशी सुपर कंप्यूटरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। परम रुद्र उन्हें अपने ही देश में विश्व स्तरीय कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान करेगा, जिससे देश में अनुसंधान की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions – FAQs)

प्रश्न 1: परम रुद्र सुपरकंप्यूटर क्या है और इसे कहाँ स्थापित किया गया है?
उत्तर: परम रुद्र भारत का एक स्वदेशी सुपरकंप्यूटर है जिसे C-DAC ने राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत विकसित किया है। NSM के तहत, ‘परम’ श्रृंखला के सुपरकंप्यूटर देश के विभिन्न प्रमुख संस्थानों जैसे IITs, IISERs, और NITs में स्थापित किए जा रहे हैं।

प्रश्न 2: परम रुद्र की गणनात्मक क्षमता (स्पीड) कितनी है?
उत्तर: सुपर कंप्यूटरों की गति पेटाफ्लॉप्स में मापी जाती है (1 PetaFLOP = 1000 खरब गणना प्रति सेकंड)। परम रुद्र की विशिष्ट गति इसके कॉन्फ़िगरेशन पर निर्भर करती है, लेकिन यह कई पेटाफ्लॉप्स की रेंज में है, जो इसे भारत के सबसे शक्तिशाली कंप्यूटरों में से एक बनाती है।

प्रश्न 3: क्या परम रुद्र भारत का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर है?
उत्तर: ‘सबसे तेज’ का खिताब समय के साथ बदलता रहता है क्योंकि NSM के तहत लगातार नए और अधिक शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर स्थापित किए जा रहे हैं। परम रुद्र निश्चित रूप से भारत के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों के शीर्ष समूह में शामिल है।

प्रश्न 4: एक आम आदमी के लिए परम रुद्र का क्या महत्व है?
उत्तर: हालांकि हम सीधे इसका उपयोग नहीं करते हैं, लेकिन इसका प्रभाव हमारे जीवन पर बहुत गहरा पड़ता है। बेहतर और अधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान, तेजी से विकसित होने वाली दवाएं, बेहतर सार्वजनिक सेवाएं, अधिक सुरक्षित राष्ट्रीय सीमाएं और एक मजबूत अर्थव्यवस्था – ये सभी लाभ अंततः आम नागरिक तक पहुंचते हैं।

निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की एक तकनीकी छलांग

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर सिर्फ लोहे और सिलिकॉन का एक विशाल ढेर नहीं है। यह भारत की वैज्ञानिक महत्वाकांक्षा, इंजीनियरिंग कौशल और आत्मनिर्भरता की अदम्य भावना का एक शक्तिशाली प्रतीक है। यह उस भविष्य की ओर एक साहसिक कदम है जहाँ भारत न केवल प्रौद्योगिकी का एक बड़ा उपभोक्ता होगा, बल्कि एक प्रमुख निर्माता, डिजाइनर और प्रर्वतक भी होगा।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत, परम रुद्र और इसके जैसे अन्य सुपरकंप्यूटर भारत के अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र में एक मूक क्रांति ला रहे हैं। वे हमारे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और इंजीनियरों को उन समस्याओं को हल करने के लिए उपकरण दे रहे हैं जिनकी पहले हम केवल कल्पना कर सकते थे, और एक ऐसे ‘नए और विकसित भारत’ की नींव रख रहे हैं जो ज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होगा।

यह वास्तव में, 21वीं सदी में भारत के तकनीकी विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

Related Articles

Back to top button
DMCA.com Protection Status