सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को लक्ष्मी जयंती मनाई जाती है. पुराणों की मानें तो, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजन करने वाले श्रद्धालु को विशेष फल की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अवतरित हुई थीं. शास्त्रों के अनुसार, जब राक्षस और देवताओं के बीच समुद्र मंथन हुआ था. तब लक्ष्मी माता का उद्भव हुआ था. इस दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा थी. तो चलिए जानते हैं लक्ष्मी जयंती का शुभ मुहूर्त और महत्व। Lakshmi Jayanti 2021
लक्ष्मी जयंती का शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 28 मार्च, रविवार, सुबह 3 बजकर 27 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 29 मार्च, सोमवार, सुबह 12 बजकर 17 मिनट तक
ऐसे करें लक्ष्मी पूजा :
- दोस्तों इस दिन ब्रह्न मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करे और साफ वस्त्र पहनकर मां लक्ष्मी का ध्यान करे.
- जिसके बाद मंदिर में आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाए.
- इसके बाद एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें.
- अब लोटे में जलकर पहले आचमन करें.
- जिसके बाद मां लक्ष्मी को लाल रंग का फूल चढ़ाएं. आप चाहे तो दूसरे रंग का भी चढ़ा सकते हैं.
- इसके बाद मां को सिंदूर लगाएं और इत्र भी चढ़ाए। और मां को अपनी श्रद्धानुसार भोग लगाए.
- भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें.
- जिसके बाद धूप और दीपक जलाएं कर आरती करें.
- लक्ष्मी चालीसा और मंत्र का जाप करके विधि-विधान से आरती करें.
मां लक्ष्मी के मंत्र :
मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप करने से आपको आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही जीवन में आ रही हर परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
ॐ धनाय नम:
धनाय नमो नम:
ओम लक्ष्मी नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।
लक्ष्मी जयंती का महत्व:
इस दिन पूजन करना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है कि फाल्गुन पूर्णिमा का दिन ज्यादातर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के साथ मेल खाता है. इसलिए उत्तरा फाल्गुनी का दिन लक्ष्मी जयंती से भी जुड़ा हुआ है. मुख्य रूप से लक्ष्मी जयंती दक्षिण भारत में मनाई जाती है. धन और समृद्धि की देवी को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है. लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और लक्ष्मी सहस्रनामावली यानी देवी लक्ष्मी और श्री सुक्तम के 1000 नामों का पाठ किया जाता है. महालक्ष्मी के कमल के फूल को शहद में डुबो कर आहुति के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
इस दिन माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करना चाहिए. यदि जातक सही विधि-विधान से और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
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