Kaalchakra: चांडाल-वैधव्य समेत ये योग जीवन में ला सकते हैं प्रलय, पंडित सुरेश पांडेय से जानें नुकसान
Kaalchakra Today 24 August 2025: ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों का वर्णन किया गया है। प्रत्येक ग्रह का मानव जीवन पर समय-समय पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के अलावा योग का भी निर्माण होता है, जिनका मिलाजुला प्रभाव लोगों की जिंदगी पर पड़ता है। हालांकि कुछ योग ऐसे होते हैं, जिनका निर्माण होना बहुत ज्यादा अशुभ होता है। इनके कारण न सिर्फ व्यक्ति को स्वास्थ्य, लव लाइफ, कारोबार व पैसों से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, बल्कि घर में शांति का माहौल भी नहीं रहता है।
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि कब-कब कुंडली में चांडाल योग, वैधव्य योग, दारिद्रय योग, षड्यंत्र योग, विष योग, अल्पायप योग और अंगारकर योग का निर्माण होता है। साथ ही ये भी पता चलेगा कि इनके कारण व्यक्ति के जीवन के किस पहलू पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
चांडाल योग
कुंडली में राहु और बृहस्पति ग्रह के साथ में होने से चांडाल योग का निर्माण होता है, जिसके कारण मानसिक असंतुलन, बात-बात पर क्रोध आना और गलत फैसले लेने की स्थिति उत्पन्न होती है।
प्रभाव-
- पढ़ाई और करियर में रुकावटें आती हैं।
- एकाग्रता भंग होती है और व्यक्ति भ्रमित होकर गलत रास्ते पर चलता है।
- हर काम में असफलता मिलती है।
- कर्ज बढ़ता रहता है।
- व्यक्ति धर्म-कर्म से दूरी बनाता है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है।
- व्यक्ति गलत रास्ते पर चलता है।
- धन-संपत्ति की प्राप्ति में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उपाय-
- ‘ऊँ रां राहवें नम:’ मंत्र का जाप करें।
- शनिवार को काले तिल और उड़द की दाल का दान करें।
- ज्यादा से ज्यादा पीले रंग के कपड़े पहनें।
- गुरुवार को पीली दाल, हल्दी, जौ या केले का दान करें।
- गणेश जी की पूजा करें और उन्हें पीली मिठाई का भोग लगाएं।
- किसी शुभ दिन गुरु की शांति का उपाय कराएं।
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वैधव्य योग
वैधव्य योगा का अर्थ है विदुर या विधवा हो जाना। कुंडली का सातवां भाव विवाह और जीवनसाथी का घर होता है, जबकि 8वां भाव मृत्यु का होता है। यदि सातवें भाव का स्वामी मंगल को देखता है तो ये योग बनता है। वहीं, सातवें भाव का स्वामी निर्बल होता है तो भी वैधव्य योग बनता है। इसके अलावा 7वें भाव का स्वामी 8वें, छठे या 12वें भाव में पीड़ित हो तो वैधव्य योग बनता है। 7वां भाव जरूरत से ज्यादा अशुभ हो तो जीवनसाथी की मृत्यु हो सकती है।
प्रभाव-
- वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ता है।
- रिश्तों में अलगाव की स्थिति बनती है।
- जीवनसाथी को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक कष्ट का सामना करना पड़ता है।
- शादी होने में रुकावट आती है।
- परिवार के बीच बात-बात पर विवाद होता है।
उपाय-
- पांच साल तक मंगला गौरी की पूजा करें।
- शादी से पहले कुंभ विवाह कराएं।
- पति-पत्नी दोनों को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए।
- पति-पत्नी दोनों नियमित रूप से ‘ऊँ नम: शिवाय मंत्र’ का सुबह-शाम जाप करें।
- घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण लगाएं।
यदि आप जानना चाहते हैं कि दारिद्रय योग, षड्यंत्र योग, विष योग, अल्पायप योग और अंगारकर योग कब बनता है तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।