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जितिया व्रत पूजन विधि । Jitiya Vrat Pujan Vidhi in Hindi

Jitiya Vrat Pujan Vidhi: जितिया व्रत के नियम काफी कड़े और सख्त होते हैं. पुत्र की लंबी आयु की कामना के उद्देश्य से रखे जाने वाले व्रत में कई साम्रगियों के चढ़ावे तैयार करने पड़ते हैं. Also Read – Jitiya Vrat 2021: खर जिउतिया व्रत का कथा, चिलो-सियारिन जिउतिया व्रत कथा

अष्टमी के दिन की पूजन विधि विशेष होती है. इस दिन जितिया का मुख्य व्रत किया जाता है. यह व्रत निर्जला (बिना जल ग्रहण किए) रखा जाता है. Also Read – Jivitputrika Vrat 2021: जिउतिया व्रत कैसे किया जाता है?

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जितिया संपूर्ण पूजन विधि
– स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें.
– भगवान जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें.
– मिट्टी तथा गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं.
– इनके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाएं.
– जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा कहें या सुनें.
– मां को 16 पेड़ा, 16 दूब की माला, 16 खड़ा चावल, 16 गांठ का धागा, 16 लौंग, 16 इलायची, 16 पान, 16 खड़ी सुपारी व श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
– वंश की वृद्धि और प्रगति के लिए उपवास कर बांस के पत्रों से पूजन करें. Also Read -पौराणिक जिउतिया व्रत कथा : बेटे को सर्प ने निगल तो मां ने किया खर जिउतिया व्रत

जितिया व्रत 2021
एक दिन पहले अर्थात 28 सितम्बर को नहाय-खाय के साथ जिउतिया व्रत शुरू होगा.  इस वर्ष अष्टमी तिथि 28 सितंबर को रात 18:16 बजे लगेगी और 29 सितंबर को रात 20 बजकर 29 मिनट तक रहेगी. जिसके कारण 28 सितम्बर के 18:16 बजे के बाद से पानी नहीं पीना चाहिए. 

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Ravi Raghuwanshi

रविंद्र सिंह रघुंवशी मध्य प्रदेश शासन के जिला स्तरिय अधिमान्य पत्रकार हैं. रविंद्र सिंह राष्ट्रीय अखबार नई दुनिया और पत्रिका में ब्यूरो के पद पर रह चुकें हैं. वर्तमान में राष्ट्रीय अखबार प्रजातंत्र के नागदा ब्यूरो चीफ है.

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