क्यों दुल्हन के हाथ और पैरों में मेहँदी लगायी जाती है? यहां जानें । dulhan mehndi kyon lagate hain
हिंदू भारतीय संस्कृति में विवाह का बेहद ही अधिक महत्व है, इसे जन्म-जन्मातर का बंधन माना जाता है. विवाह के दौरान बहुत से रीति-रिवाज़ों व रस्मों को निभाया जाता है, जिनका सांस्कृतिक, धार्मिक व प्राकृतिक महत्व होता है. उनमें से ही एक है दुल्हन के हाथों व पैरों पर मेहँदी लगाए जाने की रस्म. अब सवाल यह उठता है कि क्यों दुल्हन के हाथ और पैरों में मेहँदी लगायी जाती है? आइये लेख के जरिए जानें.
पौराणिक मान्यता है कि, दुल्हन की मेहँदी का रंग भावी पति व सास का उसके प्रति प्रेम का सूचक होता है. लेकिन मेहँदी लगाने का अर्थ केवल इस सामान्य अवधारणा तक ही सीमित नहीं है, हालांकि यह मान्यता इस रस्म को काफी आकर्षक व प्रत्याशित परंपरा बना देती है, मगर इसके पीछे के मुख्य उद्देश्य को शायद आज भूला ही दिया गया है.
मेहँदी हाथों व पैरों को सुंदर व लुभावनी तो बनाती ही है, पर यह एक औषधीय जड़ी-बूटी भी है. राजस्थान के सोजत तहसील की मेहंदी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां पर मेहंदी की खेती की जाती है. विवाह के समय भाग-दौड़ व नये जीवन को लेकर बेचैनी व उत्तेजना से दुल्हन का तनावग्रस्त हो जाना स्वाभाविक है, जिस कारण स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ सकता है और सिर दर्द व बुखार जैसी परेशानियां आना आम हो जाती है. ऐसे में मेहँदी लगाने से दिमाग तनावरहित व शरीर में ठंड का अहसास होता है.
मेहँदी में एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो दुल्हन या किसी भी स्त्री को इस महत्वपूर्ण समय किसी भी प्रकार के वायरल रोग से बचाने में मदद करते हैं. विवाह के दौरान होने वाली रस्मों-रिवाजों के दौरान अगर दुल्हन को किसी प्रकार की हल्की चोट आदि लग जाएं, तो मेहँदी इन चोटों को ठीक करने में बेहद ही मददगार साबित होती है. मेहँदी रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाकर शरीर के लिए स्वास्थ के लाभदायक होती है. पुरातन समय में मुख्य रूप से इसी वजह से मेहँदी लगाने का चलन प्रारंभ हुआ था.
शादी के समय जो मेहँदी लगाई जाती है, वो केवल मेहँदी पाउडर व पानी का मिश्रण नहीं होता है, बल्कि इसमें नीलगिरी का तेल, थोड़ा-सा लौंग का तेल एवं नींबू के रस की कुछ बूंदें भी मिलाई जाती है. जो न सिर्फ मेहँदी के रंग को गाढ़ा करते है, बल्कि इसके औषधीय गुणों को और ज़्यादा बढ़ा देते हैं. इतना ही नहीं यह इसकी मनमोहक सुगंध नवविवाहित युगल के दांपत्य जीवन को अधिक सरल व मधुर बनाने में बेहद ही अहम भूमिका निभाती है.
समय के साथ मेहँदी समारोह एक वृहद्ध रूप लेता जा रहा है और आज यह शादी के पहले का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन बन गया है, जिसमें बड़े धूमधाम से नाच-गाने के साथ इस रस्म को निभाया जाता है. मेहँदी समारोह समृद्ध भारतीय संस्कृति को दर्शाता है, जिसमें मनोहर भावनाओं व मान्यताओं के साथ औषधीय गुणों को समाहित किया गया है.
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