August 2025 Mein Ekadashi Kab Hai: जानें अगस्त की दोनों एकादशी की सही तारीख, मुहूर्त और महत्व

August 2025 Mein Ekadashi Kab Hai: जानें अगस्त की दोनों एकादशी की सही तारीख, मुहूर्त और महत्व
भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत, हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और पुण्यदायी व्रतों में से एक माना जाता है। हर महीने में दो एकादशी तिथियां आती हैं – एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। प्रत्येक एकादशी का अपना एक विशेष नाम और महत्व होता है। जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का पालन करता है, उसे भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
जैसे-जैसे साल 2025 नजदीक आ रहा है, भक्तों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगस्त 2025 में एकादशी कब है (August 2025 Mein Ekadashi Kab Hai)? अगस्त महीने की एकादशी कब की है? और इस महीने कौन-कौन सी महत्वपूर्ण एकादशियां पड़ रही हैं?
यदि आप भी Ekadashi in August 2025 से जुड़ी संपूर्ण जानकारी खोज रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। इस लेख में, हम आपको अगस्त 2025 में पड़ने वाली दोनों एकादशियों की सही तारीख, तिथि का समय, पारण का मुहूर्त, उनके नाम, महत्व और व्रत की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।

अगस्त 2025 एकादशी तिथियां: एक नजर में
आपकी सुविधा के लिए, यहाँ अगस्त 2025 में आने वाली दोनों एकादशियों की तिथियों की एक संक्षिप्त तालिका दी गई है:
एकादशी का नाम | पक्ष | महीना (हिन्दू) | व्रत की तारीख |
श्रावण पुत्रदा एकादशी | शुक्ल पक्ष | श्रावण | 5 अगस्त 2025, मंगलवार |
अजा एकादशी | कृष्ण पक्ष | भाद्रपद | 19 अगस्त 2025, मंगलवार |
1. श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 (Pavitropana Ekadashi)
अगस्त 2025 में पहली एकादशी कब है? अगस्त महीने की पहली एकादशी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में आएगी, जिसे श्रावण पुत्रदा एकादशी या पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह एकादशी मुख्य रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। जिन दंपत्तियों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।
तिथि और पारण का समय (Date and Parana Time)
- एकादशी तिथि का आरंभ: 04 अगस्त 2025, सोमवार को रात्रि 10:43 बजे से।
- एकादशी तिथि का समापन: 05 अगस्त 2025, मंगलवार को रात्रि 10:29 बजे तक।
- व्रत की तारीख: उदयातिथि के अनुसार, श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त 2025, मंगलवार को रखा जाएगा।
- व्रत पारण का समय: 06 अगस्त 2025, बुधवार को सुबह 05:44 बजे से सुबह 08:26 बजे के बीच।
श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व
- इस व्रत को करने से योग्य और तेजस्वी संतान की प्राप्ति होती है।
- यह व्रत संतान के उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु के लिए भी रखा जाता है।
- इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
- इस व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ के समान फल मिलता है। [1]
2. अजा एकादशी 2025 (Aja Ekadashi)
अगस्त 2025 में दूसरी एकादशी कब है? अगस्त महीने की दूसरी एकादशी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आएगी, जिसे अजा एकादशी कहा जाता है।
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यह एकादशी अपने सभी पापों और कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए जानी जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र ने भी इसी व्रत के प्रभाव से अपने सभी दुखों से मुक्ति पाकर अपना खोया हुआ राज्य और परिवार पुनः प्राप्त किया था।
तिथि और पारण का समय (Date and Parana Time)
- एकादशी तिथि का आरंभ: 18 अगस्त 2025, सोमवार को शाम 05:22 बजे से।
- एकादशी तिथि का समापन: 19 अगस्त 2025, मंगलवार को दोपहर 03:32 बजे तक।
- व्रत की तारीख: उदयातिथि के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त 2025, मंगलवार को रखा जाएगा।
- व्रत पारण का समय: 20 अगस्त 2025, बुधवार को सुबह 05:53 बजे से सुबह 08:29 बजे के बीच।
अजा एकादशी का महत्व
- इस व्रत को करने से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।
- यह व्रत दुख, दरिद्रता और बाधाओं को दूर करता है।
- इस व्रत के प्रभाव से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।
- इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को अंत में विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। [2]
कैसे करें: एकादशी व्रत की सामान्य विधि (How to Observe Ekadashi Vrat)
दोनों ही एकादशियों के लिए व्रत और पूजा की विधि लगभग समान है।
- चरण 1 (दशमी तिथि): दशमी तिथि को सूर्यास्त से पहले सात्विक भोजन कर लें। इस दिन से ही लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का त्याग कर दें।
- चरण 2 (एकादशी तिथि):
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ, पीले वस्त्र धारण करें।
- हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें। आप अपनी क्षमता अनुसार निर्जल या फलाहारी व्रत का संकल्प ले सकते हैं।
- घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान को पीले फूल, फल, चंदन, अक्षत और तुलसी दल अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाएं और एकादशी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
- दिन भर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- रात्रि में जागरण कर भजन-कीर्तन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- चरण 3 (द्वादशी तिथि):
- अगले दिन, यानी द्वादशी को, शुभ मुहूर्त के अंदर ही व्रत का पारण करें।
- पारण करने से पहले किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
- पारण सात्विक भोजन से ही करें।
तुलनात्मक सारणी: अगस्त 2025 की एकादशियां
विशेषता | श्रावण पुत्रदा एकादशी | अजा एकादशी |
व्रत की तारीख | 5 अगस्त 2025, मंगलवार | 19 अगस्त 2025, मंगलवार |
हिन्दू महीना एवं पक्ष | श्रावण, शुक्ल पक्ष | भाद्रपद, कृष्ण पक्ष |
मुख्य फल | संतान सुख की प्राप्ति, संतान का कल्याण। | पापों का नाश, कष्टों और दरिद्रता से मुक्ति। |
समर्पित | भगवान विष्णु | भगवान विष्णु |
कथा संबंधित | राजा महीजित की कथा | राजा हरिश्चंद्र की कथा |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: अगस्त 2025 में एकादशी कब कब है?
उत्तर: अगस्त 2025 में दो एकादशियां हैं: पहली, श्रावण पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त को, और दूसरी, अजा एकादशी 19 अगस्त को।
प्रश्न 2: एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा?
उत्तर: दोनों ही एकादशियों का व्रत मंगलवार को रखा जाएगा (5 अगस्त और 19 अगस्त)।
प्रश्न 3: एकादशी व्रत का पारण कब करना चाहिए?
उत्तर: एकादशी व्रत का पारण हमेशा द्वादशी तिथि को, शुभ मुहूर्त के अंदर ही किया जाना चाहिए। हरि वासर (द्वादशी तिथि का पहला चौथाई प्रहर) के दौरान पारण करने से बचना चाहिए। [3]
प्रश्न 4: क्या एकादशी के दिन चावल खा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, एकादशी के दिन चावल और किसी भी प्रकार के अनाज का सेवन करना वर्जित माना गया है।
निष्कर्ष
अगस्त 2025 का महीना भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ है, क्योंकि इस महीने श्रावण पुत्रदा एकादशी और अजा एकादशी जैसे दो महत्वपूर्ण व्रत पड़ रहे हैं। एक व्रत जहां संतान सुख का वरदान देता है, वहीं दूसरा हमारे सभी पापों और कष्टों का निवारण करता है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख ने आपके मन में “August 2025 Mein Ekadashi Kab Hai” से जुड़े सभी सवालों का समाधान कर दिया होगा। अब आप पूरी जानकारी और श्रद्धा के साथ इन पावन व्रतों की तैयारी कर सकते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
जय श्री हरि विष्णु!
संदर्भ और प्रेरणा स्रोत (References & Sources of Inspiration)
- Bhavishya Purana (भविष्य पुराण) – for the story and significance of Shravana Putrada Ekadashi.
- Brahma Vaivarta Purana (ब्रह्म वैवर्त पुराण) – for the story and Mahatmya of Aja Ekadashi.
- Drik Panchang & other reliable Panchang sources for dates, muhurat timings, and Parana rules.