Independence Day Speech In Hindi 2024 : 15 अगस्त पर वीररस भाषण | स्वतंत्रता दिवस पर रोमंटे खड़े करने वाला भाषण 2024 यहां पढ़े
15 अगस्त 2024 को भारत की आजादी के 76 वर्ष पूरे हो जाएंगे. साल 2024 में भारत 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इसी दिन भारतीय लोगों को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी. यह दिन आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानीियों को याद करने का दिन है. 15 अगस्त के दिन स्कूल, कॉलेज जैसी शैक्षणिक संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. स्वतंत्रता दिवस में मौके पर यदि आप भी स्कूल या कॉलेज में अपने विचार व्यक्त करना चाहते हैं. यदि आप स्वतंत्रता दिवस पर भाषण की तैयारी करना चाहते हैं तो आप हमारा यह लेख 15 august speech in hindi काे पढ़कर आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं. 15 अगस्त स्पीच इन हिंदी फॉर स्कूल (Independence Day Speech) विशेष तौर से स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
यह भी देखें :- गणतंत्र दिवस पर टीचर के लिए भाषण
Independence Day Speech In Hindi (भाषण-1)
Table of Contents
आदरणीय अतिथिगण, आदरणीय प्रधानाचार्यजी, यहां उपस्थित सभी अध्यापकगण, अभिभावक और मेरे प्यारे दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि, आज हम यहां पर आजादी के 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष में एकत्रित हुए है. सबसे पहले मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ/देती हूँ. 15 अगस्त स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय पर्व है. भारत देश वर्ष 1857- वर्ष 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के पश्चात ही ब्रिटिश आक्रांताओं से 15 अगस्त वर्ष 1947 को मुक्त हुआ और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना. इस दिन को भारतवासी “स्वतंत्रता दिवस” के रूप में बेहद ही उत्साह और देशभक्ति के साथ मनाते हैं.
आओ झुककर सलाम करें उन्हें,
जिनकी जिंदगी में मुकाम आया है,
किस कदर खुशनसीब है वो लोग,
जिनका लहू भारत के काम आया है !!
स्वतंत्रता संग्राम का आरंभ तब से हुआ जब मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी को ब्रिटिश हुकूमत के अंग्रेज अधिकारी ने गोली मारी थी. इसी से नाराज सम्पूर्ण भारत देशवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई. दोस्तों बता दूं कि, हमें और हमारे देश को ब्रिटिशों से यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली है. भारत को आजादी दिलाने के लिए हजारों क्रांतिकारी सेनानियों ने बलिदान दिया जैसे कि- महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, लोक मान्य तिलक, लाला लाजपत राय, मदनलाल ढींगरा और खुदीराम बोस आदि. आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से सत्याग्रह आंदोलन चलाया. इस दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य भारत देश को ब्रिटिश शासन की गुलामी से आजादी दिलाना था. क्रांतिकारियों द्वारा आजादी की लड़ाई में काफी अत्याचार सहने और संघर्ष करने के पश्चात फलस्वरूप वे सफल भी हुए. स्वतंत्रता सेनानिओं के लिए कुछ लाइनें कहना चाहूंगी/चाहूंगा –
नमन है उन वीरों को जिन्होंने इस देश को बचाया,
गुलामी की मजबूत बेड़ियों को,
अपने बलिदान के रक्त से पिघलाया,
और भारत माँ को आजाद है कराया।
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15 अगस्त वर्ष 1947 को भारत के संविधान में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया. इसी दिन देश के आजाद होने पर भारतवर्ष के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहरा कर देशवासियों को संबोधित किया था. जिसके बाद से प्रतिवर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल लिखे पर झंडा फहराते है, राष्ट्रगान गाया जाता है, सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों से श्रद्धांजलि दी जाती है. देश के प्रधानमंत्री हर साल देशवासियों जोश से भरा भाषण देकर सम्बोधित करते है. सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च निकाला जाता है. स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी भारतवासियों के मन में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ पूर्ण जोश रहता है. आजादी के बाद भारत देश अब विकास की राह में चल पड़ा है. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी विद्यालय, कॉलिज, शैक्षणिक संस्थान, बाजार, शासकीय और अशासकीय कार्यालय और कारखानों में अवकाश रहता है. इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित रहता है. जगह-जगह पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. स्कूलों, कॉलिजों आदि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसमें सभी विद्यार्थी भाग लेते है और देशभक्ति के गीत गाते है, कोई कविता सुनाता है तो कोई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देशभक्ति गीत पर नृत्य करते है.
15 August भारत देश के गर्व और सौभाग्य का दिवस है. यह दिन हर भारतीयों के हृदय में नवीन स्फूर्ति, नवीन आशा, उत्साह तथा देश-भक्ति का संचार करता है. स्वतंत्रता दिवस हमें इस बात बात की याद दिलाता हैं कि, हमने कितनी कुर्बानियाँ देकर यह आजादी प्राप्त की है, जिसकी रक्षा हमें हर कीमत पर करनी है. चाहे हमें इसके लिए अपने प्राणों की आहुति क्यों ना देना पड़े. इस प्रकार हम आजादी के उत्साह को पूर्ण उत्साह, उमंग और जोश के साथ मनाते है. राष्ट्र की स्वतंत्रता और सार्वभौमिकता की रक्षा का प्रण लेते हैं. जाते-जाते मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी/चाहूंगा कि –
भूल न जाना भारत माँ के सपूतों का बलिदान,
इस दिन ले लिए जो हुए थे हँसकर कुर्बान,
आजादी की खुशियाँ मनाकर लो शपथ ये कि,
बनाएंगे देश भारत को और भी महान।
जय हिन्द !………. जय भारत !……..
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 2
आदरणीय प्राचार्य जी, गुरूजन और यहां उपस्थित मेरे प्यारे साथियों आज (15 अगस्त) स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम सभी यहां पर एकत्र हुए है. और मुझे आप सभी के समक्ष स्वतंत्रता दिवस की इस शुभ बेला पर अपने विचार रखने का मौका मिला है, यह मेरा सौभाग्य है. सबसे पहले आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. दोस्तों क्या आप जानते हैं इस वर्ष भारत का कौन-सा स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है ? इस वर्ष भारत का 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. आज मैं स्वतंत्रता दिवस पर अपने कुछ विचार आपके सामने रखने जा रहा/रही हूँ. जिसकी शुरुआत में कुछ लाइनों से कर रही हूं –
जब आँख खुलें तो धरती हिन्दुस्तान की हो,
जब आँख बंद हो टी यादें हिन्दुस्तान की हों,
हम मर भी जाएँ टी कोई गम नहीं….
मरते वक्त मिटटी हिन्दुस्तान की हो।
भारत 200 सालों तक ब्रिटिश शासन का गुलाम रहा है. देश को आजाद कराने के लिए हमारे देश के हजारों स्वतंत्रता सेनानिओं जैसे – बाल गंगाधर तिलक, लोक मान्य तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, माहत्मा गांधी, लाला लाजपत राय, खुदीराम बोस, सुभाष चंद्र बोस और मंगल पांडे आदि ने बलिदान दिए और अत्याचार सहते हुए भी वे देश को आजादी दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहें. साल 1857-1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के बाद और काफी अत्याचार सहने के बाद 15 अगस्त वर्ष 1947 को हमारा भारत देश ब्रिटिश हुकूमत की गुलाम बेड़ियों से मुक्त हुआ और सभी भारतवासियों ने स्वतंत्र भारत में आजादी की सांस ली. आज के स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के लिए कुछ शब्द कहना चाहुँगी/चाहुँगा.
फांसी चढ़ गए और सीने और गोली खाई,
हम उन शहीदों को प्रणाम करते है ,
जो मिट गए देश पर,
हम शहीदों को प्रणाम करते है।
दोस्तों प्रतिवर्ष 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानाया जाता है. इस दिन को भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है. प्रतिवर्ष भारत देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते है. जिसके बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है, जिसके बाद भारतीय सेना द्वारा परेड मार्च और शक्ति प्रदर्शन किया जाता है. इसी के साथ स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है. देश के प्रधानमंत्री नागरिकों को टेलीविजन के जरिए सम्बोधित करते है. राष्ट्र ध्वज के सम्मान में कुछ लाइन कहना चाहुँगी/चाहुँगा.
दे सलामी इस तिरंगे को,
जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक दिल में जान है !!
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के पर्व को पूरे भारत वर्ष में बेहद ही जोश, उमंग और देशभक्ति भाव के साथ मनाया जाता है. स्कूल और कॉलिजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. कार्यक्रमों में अधिकतर बच्चे भाग लेते हैं और सांस्कृतिक नृत्यों की पेशकश पेश करते है. कोई देशभक्ति गीत सुनाता है, कोई देशभक्ति से संबंधित कविता सुनाता है और कोई सांस्कृतिक गीतों पर नृत्य तैयार करते है. छात्र भगत सिंह महात्मा गांधी और अन्य क्रांतिकारी बनते है और नाटक पेश करते हैं. सभी शासकीय और अशासकीय दफ्तरों, कार्यालयों, संस्थानों आदि का सरकारी अवकाश रहता है.
हमें ब्रिटिश हुकूमत के शासन से आजादी ऐसे ही नहीं मिली है. इस गौरवशाली आजादी को प्राप्त करने के लिए हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है. हमें सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों और याद रखते हुए अपने राष्ट्र का सम्मान करते हुए राष्ट्र के सम्मान को बनाए रखने का प्रण लेना चाहिए. आइये स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ दिन पर हम सभी मिलकर राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाये रखने का प्रण लेते है. कुछ लाइनों के साथ अपनी बात को समाप्त करती/करता हूँ –
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूँद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
जय हिन्द !…….. जय भारत !…..
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 3 :-
दोस्तों नमस्कार , सर्वप्रथम आप सभी उपस्थितों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत – बहुत हार्दिक शुभकामनाएं , जैसा की आप जानते हैं की आज हमारा देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगाँठ मना रहा है. जो हमारे देश और हम सभी नागरिकों के लिए गौरवशाली पल है. ब्रिटिश आक्रांताओं के 200 वर्षों के शासन के बाद हमें आजादी मिलीं. दोस्तों आपकों पता ही होगा की अंग्रेजों से यह आजादी हमें ऐसे ही नहीं मिली. स्वतंत्रता को पाने के लिए देश के महापुरुषों ( महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद , सरदार वल्लभभाई पटेल, लाला लाजपत राय, रामप्रसाद बिस्मिल आदि ) और स्वतंत्रता सेनानियों ने त्याग , तपस्या और अपने रक्त का बलिदान दिया तब जाकर ये आजादी मिलीं. जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तो अंग्रेजों ने हम भारतीयों के ऊपर कठोर से कठोर अत्याचार किए. दोस्तों मैं आपको बताता हूँ की गुलामी के समय भारतीयों को किसी भी सरकारी संस्था के उच्च पद नहीं रखा जाता था. आजादी के पहले तक सभी उच्च पद इंग्लेड के रहवासियों और अंग्रेजों को ही दिए जाते थे.
दोस्तों आपको बताते चलूं कि, देश में अंग्रेजों का आगमन व्यापार के उद्देश्य को लेकर हुआ था. लेकिन जब अंग्रेजों ने देखा की देश तो पूरी तरह से बंटा हुआ हैं लोग जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे को मरने मारने के लिए तैयार हैं. देश के अंदर हर राजा की अपने राज्य और राजधानी हैं और इनके बीच हमेशा ही युद्ध एवं लड़ाइयां चलती रहती हैं. यह सब कुछ देख अंग्रेजों ने सोचा की क्यों ना इस परिस्थिति का लाभ उठाया जाय. अंग्रेजों ने आपस में देश के विभिन्न राज्यों के राजाओं को लड़वाया और अपना शासन स्थापित करने में कामयाब रहें. और हुआ वहीं धीरे – धीरे इस तरह की रणनीति अपनाते हुए पूरे भारत देश पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया. ब्रिटिश हुकूमत के शासन को देश से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पहली क्रांति सन 1857 में मानी जाती है. जब महान क्रन्तिकारी मंगल पांडे ने उत्तर प्रदेश की मेरठ छावनी में अंग्रेजों के द्वारा दी गयी बंदूक को चलाने से मना कर दिया था. कारण बंदूकों में इस्तेमाल होने वाले कारतूसों को गाय की चर्बी से बनाया जाता था. ऐसे में क्योंकि मंगल पांडे एक ब्राह्मण थे तो उन्होंने इस चर्बी वाली कारतूस बन्दूक को चलाने से मना कर दिया. जिसने पूरे देश में क्रांति की ज्वाला को और अधिक भड़का दिया. जिसके बाद पूरे भारत देश में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की नीति शुरू हुई. मित्रों इसके बाद महान क्रांतिकारियों के सालों के अथक प्रयासों के बाद हमें 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से शासन से आजादी मिली. जिसको देश का स्वाधीनता या कहें की स्वतंत्रता दिवस कहा गया. धन्यवाद मित्रों अपनी वाणी को विराम देता हूं, भारत माता की जय , जय हिन्द……….
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 4 :-
दोस्तों वैसे तो आपने 15 अगस्त पर बहुत से भाषण सुने होंगे. यदि आप 15 अगस्त पर स्पीच की तैयारी कर रहे हैं. तो हमारे द्वारा लेख के जरिए 15 अगस्त पर दी जाने वाली स्पीच के कुछ उदाहरण देकर आपकों समझाया गया है कि, स्वतंत्रता दिवस पर बोले जाने वाली Speech (भाषण) कैसा और कितना बड़ा या छोटा होना चाहिए. भाषण की शुरुआत में आपकों सबसे पहले आदरणीय अतिथियों और अपने शिक्षकों के सम्मान में दो लाइनें बोलना चाहिए. नीचे हमारे द्वारा भाषण के कुछ प्रारूप यानी कि नमूनें बताएं गए है-
माननीय शिक्षकगण , आदरणीय अतिथिगण सभी को मेरा सादर प्रणाम. दोस्तों और साथियों आज के इस स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला या मौके पर मैं आप सभी को दिल से 15 अगस्त की शुभकामनाएं देता हूँ. दोस्तों मैं इस 15 अगस्त के शुभ अवसर पर कहना चाहता हूँ की यह आज़ादी हमने बड़े संघर्षों और मुश्किलों से पाई है. आज़ादी का महत्व वहीं समझ सकता हैं जिसने बरसों तक गुलामी की बेड़ियों में दिन गुजारें हैं. आप तो जानते हैं की देश के महापुरुषों देश के प्रति अपना सबकुछ न्यौछावर और बलिदान देकर हमें ये आज़ादी दिलवाई है. बता दूं कि, 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के द्वारा लाल किले पर तिरंगा झंडा लहराने के साथ ही भारत में एक नए आज़ाद युग की शुरुआत हुई. 15 अगस्त के दिन लाल किले पर झंडा फहराने की यह परम्परा वर्तमान समय तक निभाई जा रही है और भविष्य में भी सतत जारी रहेगी. जो भी देश के वर्तमान प्रधानमंत्री होते हैं वह 15 अगस्त के दिन लाल किले पर झंडा फहराते हैं. 15 अगस्त किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं यह सम्पूर्ण देश का त्यौहार होता है. लेकिन वर्तमान तकनीकि युग को देखते हुए मैं यह कहना चाहूंगा की जिस सुन्दर भारत देश की कल्पना हमारे महापुरुषों ने की थी. क्या हम वैसा देश बनाने की ओर अग्रसर हैं जहाँ आए दिन देश में घोटाले , भ्रष्टाचार , आदि के मामले पढ़ने और सुनने को मिलते हैं. दोस्तों हम सभी को अपने प्रयासों से देश की यह तस्वीर बदलनी होगी. अंत मैं दोस्तों यही कहना चाहूंगा की यह देश हम सबके लिए राष्ट्रिय एकता का प्रतीक है. हम सब आपसी झगड़ों को भुलाकर भाईचारे और देशभक्ति की भावना के साथ आपस में मिलकर रहना चाहिए. साथ ही सौहार्द के साथ लोकतांत्रित इस देश को सुन्दर बनाना चाहिए. वन्दे मातरम , इंकलाब जिंदाबाद के शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहता हूँ. धन्यवाद………………
15 August (स्वतंत्रता दिवस) पर Speech – 5 :-
सभी मित्रगण को नमस्कार , Respectfully Guest और मेरे प्यारे भारतवासियों आज हमारा देश बेद ही जोश और उमंग के साथ अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. हम सभी जानते हैं की हमारे देश को आज़ाद हुए 75 साल पूर्ण हो चुके हैं. दोस्तों जैसा की आपको पता है की हर साल 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिल्ली के लाल किले पर देश का तिरंगा झंडा फहराया जाता है. पर दोस्तों मैं आपके साथ अपने देश के तिरंगे झंडे से संबंधित कुछ जानकारियां साझा करना चाहता हूँ उम्मींद करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई यह जानकारियां आपको जरूर पसंद आएगी।
- मित्रों जो तिरंगा झंडा हम आज देखते हैं जिसे हम राष्ट्रीय ध्वज माना है. उसका डिज़ाइन किसने तैयार किया था ? यदि आपको नहीं पता तो चलिए मैं आपको बताता हूँ.
- दोस्तों मैं आपको बता दूँ की आज के राष्ट्रीय ध्वज की परिकल्पना मद्रास (वर्तमान में आंध्र प्रदेश) के मछलीपट्नम के रहने वाले महान क्रन्तिकारी और देशभक्त पिंगली वैंकया ने की थी. उन्होंने ही आज के राष्ट्रीय ध्वज जिसमें केसरिया, सफ़ेद और हरे रंग की तीन पट्टियां और सफ़ेद पट्टी में अशोक चक्र स्थित है का Design तैयार किया था.
- पिंगली वैंकया ने झंडे का डिज़ाइन तब तैयार किया था. जब वह बॉम्वोलार्ट कंबोडिया कपास अनुसन्धान केंद्र में कपास की विभिन्न फसलों के तुलनात्मक अध्ययन कर रहे थे.
- आपकों जानना जरूरी है कि, सन 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अखिल भारतीय सम्मेलन में ध्वज के तिरंगे डिज़ाइन को सम्पूर्ण सभा के द्वारा सर्वसम्मिति के साथ स्वीकार कर लिया गया.
लेकिन दोस्तों मैं आपसे कहना चाहता हूँ की आज कल हम देखते हैं की 15 अगस्त के दिन तो सभी स्कूल , कॉलेज और कार्यालयों में देशभक्ति के कार्यक्रमों के द्वारा सभी अपनी देशभक्ति दिखाते हैं, परन्तु जब अगले दिन हम देखते हैं की छोटे – छोटे बने देश के तिरंगे झंडे को लोगों ने यहाँ वहां कूड़े में फेंका होता है. जो लोग 15 अगस्त को अपनी देशभक्ति दिखा रहे थे. वहीं अगले दिन भारतीय ध्वज का अपमान करते हुए दिखाई देते हैं. मित्रों मैं आपसे कहना चाहूंगा की यह अनुशासन हीनता का परिचय है. हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज का पूरे वर्ष क्या मरते दम तक सम्मान करना चाहिए. इस तरह की हरकतों से पूरी दुनिया में हमारा और हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान कम होता है. दोस्तों मैं आपसे यही कहना चाहूंगा की हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए की जिससे हमारे देश के मान सम्मान को ठेस पहुंचे. अंत में मैं भारत माता की जय , जय हिन्द , जय जवान जय किसान आदि शब्दों के साथ अपने भाषण को खत्म करना चाहूंगा. मंच से जाते जाते अपने देश के संबंध में प्रसिद्ध यह एक पंक्ति कहना चाहूंगा.
सारे जहां से अच्छा , हिन्दोस्तां हमारा।।
मित्रों आओ हम सब मिलकर एक ऐसाअपने देश हिंदुस्तान ऐसा बनाये जो दुनिया में सबसे प्यारा और अच्छा हो…….
15 August Par Bhashan Hindi Me
Independence Day Speech – 15 अगस्त पर जोशीला भाषण – 3
जो भरा नहीं है भावों से ,बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं वो पत्थर है ,जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
यहाँ उपस्थित प्राचार्य महोदय ,गुरुजनों / अध्यापकों , मुख्य अतिथि और सभी गणमान्य व्यक्तियों को 15 अगस्त के इस शुभ बेला पर मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं. आज मैं आप सब के समक्ष 15 अगस्त के उपलक्ष में अपने विचार प्रस्तुत करना चाहती हूँ. जैसा की हम जानते हैं कि आज का दिन यानि 15 अगस्त को हम अपने देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं.
ब्रिटिश आक्रांताओं के 200 वर्षों के शासन के बाद हमें आजादी मिलीं. दोस्तों आपकों पता ही होगा की अंग्रेजों से यह आजादी हमें ऐसे ही नहीं मिली. स्वतंत्रता को पाने के लिए देश के महापुरुषों ( महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद , सरदार वल्लभभाई पटेल, लाला लाजपत राय, रामप्रसाद बिस्मिल आदि ) और स्वतंत्रता सेनानियों ने त्याग , तपस्या और अपने रक्त का बलिदान दिया तब जाकर ये आजादी मिलीं. जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तो अंग्रेजों ने हम भारतीयों के ऊपर कठोर से कठोर अत्याचार किए. दोस्तों मैं आपको बताता हूँ की गुलामी के समय भारतीयों को किसी भी सरकारी संस्था के उच्च पद नहीं रखा जाता था. आजादी के पहले तक सभी उच्च पद इंग्लेड के रहवासियों और अंग्रेजों को ही दिए जाते थे.
दोस्तों आपको बताते चलूं कि, देश में अंग्रेजों का आगमन व्यापार के उद्देश्य को लेकर हुआ था. लेकिन जब अंग्रेजों ने देखा की देश तो पूरी तरह से बंटा हुआ हैं लोग जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे को मरने मारने के लिए तैयार हैं. देश के अंदर हर राजा की अपने राज्य और राजधानी हैं और इनके बीच हमेशा ही युद्ध एवं लड़ाइयां चलती रहती हैं. यह सब कुछ देख अंग्रेजों ने सोचा की क्यों ना इस परिस्थिति का लाभ उठाया जाय. अंग्रेजों ने आपस में देश के विभिन्न राज्यों के राजाओं को लड़वाया और अपना शासन स्थापित करने में कामयाब रहें. और हुआ वहीं धीरे – धीरे इस तरह की रणनीति अपनाते हुए पूरे भारत देश पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया. ब्रिटिश हुकूमत के शासन को देश से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पहली क्रांति सन 1857 में मानी जाती है. जब महान क्रन्तिकारी मंगल पांडे ने उत्तर प्रदेश की मेरठ छावनी में अंग्रेजों के द्वारा दी गयी बंदूक को चलाने से मना कर दिया था. कारण बंदूकों में इस्तेमाल होने वाले कारतूसों को गाय की चर्बी से बनाया जाता था. ऐसे में क्योंकि मंगल पांडे एक ब्राह्मण थे तो उन्होंने इस चर्बी वाली कारतूस बन्दूक को चलाने से मना कर दिया. जिसने पूरे देश में क्रांति की ज्वाला को और अधिक भड़का दिया. जिसके बाद पूरे भारत देश में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की नीति शुरू हुई. मित्रों इसके बाद महान क्रांतिकारियों के सालों के अथक प्रयासों के बाद हमें 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से शासन से आजादी मिली. जिसको देश का स्वाधीनता या कहें की स्वतंत्रता दिवस कहा गया. देश की अखण्डता, सम्प्रभुता और सम्मान के खातिर कोई भी कसर नहीं छोड़ी। अंग्रेज़ों द्वारा कितने ही प्रताड़ित क्यों न किये गए हों लेकिन उन्होंने अंत तक हार नहीं मानी. और स्वयं की न सोच उन्होंने अपने देश में आगे आने वाली पीढ़ी के भविष्य की चिंता की. ..
हम भाग्यशाली हैं जो हमे आज़ाद भारत में जन्म मिला. वो आज़ाद भारत जिसकी आज़ादी की कीमत हमारे पुरखों ने चुकाई है. भारत मां की गोद में जन्में ये स्वतंत्रता सेनानी अपनी जान की परवाह न करते हुए 1857 से ही आज़ादी की लड़ाई शुरू कर चुके थे और सन 1947 में पूर्ण आज़ादी देते हुए अपनी मातृभूमि के खातिर शहीद हो गए. आज भी पूरा देश इन वीर सपूतों को याद करता है और उनके देशभक्ति के जज़्बे को नमन करता है. आज उन सभी वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं जो देश की सम्प्रभुता, अखंडता, एकता की रक्षा के लिए शहीद हो गए.
आज भी हमारी आज़ादी को बनाये रखने के लिए देश की सरहदों पर हमारे सशस्त्र सेना बल के जवान दिन रात खड़े रहकर हमारी और संपूर्ण देश की सुरक्षा कर रहे हैं। हमे सलाम करना होगा उनकी इस देशभक्ति को जो हमारे लिए अपने घर परिवार को छोड़कर विषम प्राकृतिक परिस्थितियों में भी हमारी सुरक्षा कर रहे हैं. धन्य हैं वो भारतीय महिलाएं जो अपने कलेजे के टुकड़ों को देश के लिए स्वयं से दूर कर देती हैं ताकि वो अपनी मातृभूमि के सम्मान की रक्षा कर सकें. साथ ही भाग्यशाली हैं वो बहने और वो पत्नियां जो जो अपनी राखी और सिन्दूर से पहले अपने देश के सम्मान को पहले रखती हैं. हमे गर्व होना चाहिए की हम ऐसे देश के नागरिक हैं. 15 अगस्त मनाने का मकसद हमारा तभी पूरा होगा जब हम आज़ादी के सही मायने समझेंगे.
आज आज़ादी के इतने सालों बाद हम हर साल 15 अगस्त को आज़ादी के दिवस को मनाते हैं पर क्या हमें असल में आज़ादी के मायने पता हैं ? क्या हम पूरी तरह से आज़ाद हैं ? क्या हमे वो आज़ादी मिली जिसकी कल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी ? हमारा वो देश जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने इतना सब कुछ किया उस देश के लिए क्या हम व्यक्तिगत स्तर पर अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा सकतें ? क्या आप को नहीं लगता कि हम ऐसे सम्मानित देश के नागरिक हैं जिसका बहुत ही वैभवशाली इतिहास है , जो बेहद शांतिप्रिय है और जिसके नागरिक होने के नाते हमारा ये फ़र्ज़ बनता है की हम भी अपने देश को और भी बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दें.
हम हर साल आज़ादी का दिवस मानते हैं , हर साल अलग अलग भाषण देते हैं और इस के बाद अपनी इति श्री समझ लेते हैं. लेकिन दोस्तों क्या ये सब करके हम सच्चे मायने में देश भक्त बन जाते हैं ? हर साल भाषण देकर और देशभक्ति के गाने गाकर व बजाकर और देशभक्ति के नारे लगाकर हम देशभक्त नहीं बन जाते। हमारी जिम्म्मेदारी यहाँ पूरी नहीं होती. जी हाँ , इतना काफी नहीं है. इसके लिए आवश्यक है की हम आज़ादी के सही मायने समझें और साथ ही देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी भी. अपने बेहतर राष्ट्र निर्माण के लिए हमे आज के दिन बड़ी बड़ी बातें करने की बजाये कुछ छोटी छोटी कोशिशें करनी होंगी.
आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी आज बहुत से ऐसे पक्ष हैं, जो हमारे आज़ाद भारत की कल्पना से परे हैं. समाज में आज भी अशिक्षा , बेरोजगारी , मानव तस्करी , गरीबी , बेरोजगारी , बाल मजदूरी , भ्रष्टाचार , देह व्यापार , बेईमानी आदि समस्याओं से छुटकारा पाना बाकी है. दोस्तों यदि आज हमारे स्वतंत्रता सेनानी ज़िंदा होते तो सोचिये , क्या वो आज के भारत को देख कर गर्व से कह सकते की ये उनके सपनों का भारत है? शायद नहीं……… वो आज सड़क पर भूखे घूमते उन बच्चों को जिन्हे भारत का भविष्य कहा जाएगा वो इस तरह भीख मांगते , कूड़ा बीनते दिखेंगे तो क्या पहचान पाएंगे वो अपने भारत को ? नहीं , बिलकुल नहीं , ये उनका भारत नहीं है जिसके लिए उन्होंने अपनी कुर्बानी दी.
उनका भारत बनाने के लिए अब हमे आगे आना होगा. हमें अपने स्तर पर आगे बढ़ना होगा. सब कुछ सरकार के भरोसे न छोड़े , सरकार समय समय पर बदल जाती है. आप सरकार का चुनाव करते हैं लेकिन सिर्फ इतना काफी नहीं है , सरकार को जिस कारण से लाये हैं उस मकसद को पूरा करने के लिए दबाव बना कर रखें. साथ ही स्वयं भी एक ज़िम्मेदार भारतीय नागरिक बनें. लोकतंत्र के नाम पर आप ठगे न जाएँ इसके लिए ऐसा करना आवश्यक है. समाज में एकरूपता लाने ,समाज से गरीबी दूर करने, बेटियों को आज़ादी देने और देश को मजबूत करने के लिए जो भी बन पड़े वो अपने स्तर पर करते रहे.
देशभक्ति मतलब सिर्फ देश के ध्वज को लहराना नहीं है ,
बल्कि अपने देश को मजबूत और सशक्त बनाने में सहायता करना भी है .
अब सवाल उठता है की ऐसा क्या करें जो हम अपने स्तर पर देश की बेहतरी के लिए कर सकें. आप की देशभक्ति सिर्फ एक दिन की देशभक्ति न रह जाए. आप हमेशा अपने देश को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहें. तो इसके लिए क्या करें अब इसी पर अपने विचार रखती हूँ. देश को पहले की तरह विश्वगुरु बनाने के लिए हमे अपने देश के विभिन्न पक्षों / क्षेत्रों को मजबूत करना होगा , जिसके लिए आवश्यक है की हम सभी मिलकर इस ओर कदम बढ़ाएं.
इस बात का इंतज़ार न करें की सरकार क्या करेगी ? अपनी ज़िम्मेदारी को समझें. देश हमारा है , हमें ही इसे आगे बढ़ाना है. हमें ही आत्मनिर्भर बनना होगा और देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा. यूँ हाथ पर हाथ रखे बैठने से कुछ नहीं होगा. जब आजतक नहीं हुआ तो आगे भी नहीं होगा. यदि कुछ बेहतर चाहते हैं तो कुछ बेहतर करना होगा। हमे साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा.
सबसे पहले स्वदेशी अपनाएं. जैसे की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नारा दिया है की वोकल फॉर लोकल बनें. आप अगर अपने देश से प्रेम करते हैं तो आप को अपने भारत देश में बनने वाली वस्तुओं पर भरोसा करना होगा. उनका उपयोग करना होगा. आप को आत्मनिर्भर बनना होगा. इस का ये मतलब नहीं है की आप देश के बाहर की वस्तुओं को दिल से त्याग दें. आप उनका उपयोग करें, उनसे सीखें और स्वयं अपने प्रोडक्ट में सुधार करें, उन्हें निर्मित करें. सीधे शब्दों में आप उन्हें सीखकर बेहतर बनाए. अपने देश में बनाएं.
आज भी बहुत से लोग हैं जो पाश्चात्य सभ्यता का अनुसरण करने को बिलकुल गलत मानते हैं. लेकिन यहाँ मेरा विचार है की आप किसी भी सभ्यता का अनुसरण अपने देश के परिप्रेक्ष्य में सोच समझ कर करें और सिर्फ उतना ही करें जिसमें आप की सभ्यता का अस्तित्व खतरे में न पड़े. आप सभी जगह से कुछ न कुछ अच्छा ले सकते हैं. यदि इसमें आप के देश आप के लोगों की भलाई है तो आप एक सीमा तक अनुसरण कर सकते हैं.
सिर्फ सोशल मीडिया पर अपने जज़्बात लिखना देशभक्ति नहीं होती. साल में सिर्फ 2 दिन तिरंगा लहराना काफी नहीं ,बल्कि सालभर अपने व देश के लिए अपना कार्य पूरी लगन, ईमानदारी सच्ची निष्ठां से करें तो वही देशभक्ति है. विडंबना देखिये देश के पढ़े लिखे नौजवान देश की हालत के लिए राजनीति को ज़िम्मेदार ठहराते हैं. जबकि उन्हें तो देश की हलात सुधारने का बीड़ा उठाना चाहिए. समय की जरुरत है की सभी शिक्षित युवाओं को अब राजनीति की मुख्यधारा में आना होगा और अपने देश को सदियों से चले आ रहे कुरीतियों और पुराने विचारों से आज़ाद करना होगा. नई सोच के साथ नए देश का निर्माण करना होगा। इसी के साथ कुछ पंक्तियों के माध्यम अपनी वाणी को विराम देती हूँ.
सुंदर है जग में सबसे, नाम भी न्यारा है,
जहां जाति-भाषा से बढ़कर, देश-प्रेम की धारा है,
निश्छल , पावन , प्रेम,पुराना, वो भारत देश हमारा हैं।
short speech on independence day in hindi
1 minute Independence Day Speech in Hindi :- भारत हर साल 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है,1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद हर साल भव्य रूप से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है. हर साल, प्रधान मंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. स्कूल और कॉलेज में इस दिन भाषण, देशभक्ति गीत प्रतियोगिताएं आदि आयोजित की जाती हैं. यह (1 minute Independence Day Speech in Hindi) 1 मिनट का स्वतंत्रता दिवस भाषण आपके लिए आसान करेगा कि भाषण कैसे लिखना है.
सबसे अच्छा भाषण कैसे लिखें या दें
- अपना परिचय दें
- अपने भाषण की संरचना करें
- लंबे वाक्य से बचें
- अपने विषय पर ध्यान दें
- दर्शकों को भी देखते रहें
- कविता या देशभक्ति शायरी के साथ भाषण समाप्त करें.
यहां उपस्थित सभी सज्जनों (गुरुजनों )को मेरा नमस्कार या प्रणाम
आज हम सब यहां भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों को न्यौछावार किया.हम गुलाम होने का दर्द नहीं समझ सकते. हम शांति से रह रहे हैं क्योंकि उन्होंने हमारी आजादी के लिए खुद के प्राणों को बलिदान कर दिया. महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस और कई अन्य लोगों ने हमारे देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. आजादी की लड़ाई 1857 में शुरू हुई जिसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीयों का जन आंदोलन हुआ. फिर महात्मा गांधी एवं कई और आगे आए आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए.
तो आइए, आजादी के बाद की अपनी उपलब्धियों को याद करने की कोशिश करते हैं. स्वतंत्रता दिवस के बाद, भारत ने प्रत्येक युवाओं को मतदान करने काअधिकार दिया.1951 में रेलवे नेटवर्क का राष्ट्रीयकरण किया गया था और अब यह दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है. 1951 में भारत में पहला आम चुनाव हुए, जिसमे जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने. भारत ने अपना पहला विश्व कप 1983 में जीता. भारत ने 2008 में ओलंपिक खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता. हम कह सकते हैं कि भारत केवल आगे और आगे बढ़ रहा है.
आज, हमें अपने शिक्षा के अधिकार, बोलने के अधिकार की स्वतंत्रता है. हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है. भारत डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के मामले में दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है. आजादी के बाद हम काफी आगे आ चुके हैं.
आजादी की लड़ाई के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने लोगों के अंदर परिवर्तन लाने की शुरुआत की जिसके फल स्वरूप देश आजाद हुआ , परिवर्तन आप से शुरू होता है – परिवर्तन के लिए न पूछें और न ही प्रतीक्षा करें. चीजें तभी बदलेंगी जब आप बदलना शुरू करेंगे. यदि आपको लगता है कि आपकी कॉलोनी साफ-सुथरी होनी चाहिए, तो शुरुआत अपने कमरे की सफाई से करें.
हमें अपने जीवन में सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करनी चाहिए, यदि हमारे स्वतंत्रता क्रांतिकारियों ने एक स्वतंत्र भारत का सपना देखा है, तो यहीं कारण है कि वे इसे हासिल करने में सक्षम हुए थे। सपने देखना कभी बंद न करें क्योंकि अगर आप सपने देखना बंद कर देते हैं तो आप जीना बंद कर देते हैं.
तो आइए आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने आप से एक वादा करें कि हम भाईचारा बनाए रखते हुए, सभी की मदद करके और खुद को शिक्षित करके हमेशा अपने देश की रक्षा करेंगे. अब, मैं अपना स्वतंत्रता दिवस भाषण कुछ पंक्तियों के साथ समाप्त करना चाहूंगा.
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!! जय हिंद, जय भारत।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं !!!!