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युवा पत्रकार के साहस और बुद्धि की जीत! A Short Horror Story in Hindi

होटल रेड क्रॉस का रहस्य

पहाड़ियों पर सड़क के किनारे स्थित होटल रेड क्रॉस, अपनी भव्य इमारत और ख़ूबसूरत नज़ारों के लिए मशहूर था। परंतु इस सुंदरता के पीछे एक काली छाया भी थी, एक ऐसा रहस्य जो होटल के गलियारों में घूमता था। स्थानीय लोग इसे ‘भूतिया होटल’ के नाम से पुकारते थे।

रेड क्रॉस होटल में जो भी रुकता था, उसके साथ बहुत अजीबोगरीब हादसे होते थे। किसी को कोई साया रात में घूमता हुआ दिखाई देता था, तो किसी को डरावनी चीखें सुनाई देती थीं। ये सब सबसे ज़्यादा एक कमरे में होता था, जिसका नंबर था 113। 113 नंबर में रुकने वालों की तबीयत अचानक खराब हो जाती थी, और कुछ लोग तो डर के मारे रात में ही होटल छोड़कर भाग जाते थे।

ऐसा बार-बार होने के कारण होटल के मालिक का बहुत नुकसान हो रहा था। वो इसका पता लगाना चाहता था और होने वाली घाटनाओं को रोकना चाहता था।

एक बार एक युवा पत्रकार आर्यन किसी काम से पहाड़ों के ऊपर जा रहा था लेकिन उसकी गाड़ी खराब हो गई। अँधेरा भी हो चुका था उसने आने जाने वाले लोगो से पूछा तब उन्होंने उससे कहा कि पास में ही एक होटल है। आप वहां रुक सकते हैं। 

आर्यन होटल रेडक्रॉस पहुंचा, लेकिन वहां कोई कमरा खाली नहीं था सिवाय 113 के। मलिक 113 नंबर कमरे को बंद रखता था, उसमें किसी को रुकने की इजाजत नहीं थी। लेकिन आर्यन के पास कहीं और जाने का कोई ठिकाना नहीं था। आर्यन के बहुत ज़िद करने पे मलिक ने कमरे की चाभी उसे दे दी और कमरे के बारे में भी आर्यन को सही बात बता दी।

पहले तो आर्यन थोड़ा घबराया लेकिन कोई ठिकाना ना होने के कारण कमरा नंबर 113 में रुकना पड़ा। रात में आर्यन के साथ भी बहुत डरावनी घटानाए हुई। कभी आर्यन को कोई साया दिखायी देता तो कभी आर्यन को अजीब सी आवाज़ और चीख सुनायी देती थी। आर्यन को बार-बार अपना नाम सुनायी दे रहा था जैसे कि कोई उसे पुकार रहा हो, वो आवाज इतनी भयानक थी कि आर्यन की रूह कांप जाती थी। आर्यन बहुत डर गया था, लेकिन वो एक बहादुर पत्रकार था। उसने अपने आप को संभाला और होने वाली घाटनाओं के बारे में पता लगाने का निर्णय लिया।

अगले दिन सुबह आर्यन होटल के मालिक के पास गया और सारी बातें बताईं। होटल का मालिक भी बहुत परेशान था उसको आर्यन में अपने होटल के लिए एक उम्मीद नज़र आई।

मलिक ने आर्यन को बताया कि जब उसने होटल खरीदा था तब होटल की हालत बहुत खराब थी होटल में आग लगने के कारण होटल बहुत ज्यादा जल चुका था इसलिए बहुत कम दाम में होटल मिल गया। होटल को दुबारा नये सिरे से बनवाया और लोगो के लिए खोल दिया। मलिक ने ये भी बताया कि जब उसने होटल खरीदा तब एक चौकीदार होटल की रखवाली करता था वो अभी भी जिंदा है।

आर्यन ने होटल के पुराने रिकॉर्ड्स की गहन जांच की। उसे एक नाम मिला – एडवर्ड ब्लैक। वह होटल का पहला मालिक था। आर्यन ने एडवर्ड ब्लैक के बारे में और जानकारी जुटानी शुरू की। जिस दिन भयंकर आग लगी थी, उस रात एडवर्ड ब्लैक गायब हो गया था। उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। आर्यन को लगा कि इस रहस्य में कहीं एडवर्ड ब्लैक जुड़ा हुआ है।

एडवर्ड ब्लैक का सच

आर्यन ने पुराने चौकीदार का पता लिया और मिलने चला गया। बूढ़े चौकीदार ने बताया कि एडवर्ड ब्लैक बहुत अमीर था, लेकिन बहुत ही रहस्यमयी भी। उसका एक बड़ा तहखाना था, जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता था।

आर्यन ने होटल के मालिक से तहखाने की चाबी मांगी। मालिक ने पहले तो मना किया, लेकिन आर्यन की जिद के आगे उसे मानना पड़ा। आर्यन ने तहखाना खोला और नीचे चला गया। नीचे बहुत धूल और गंदगी थी, ऐसा लग रहा था कि बहुत सालों से कोई भी इस तहखाने में नहीं गया। आर्यन तहखाने में अंदर चला गया और जो देखा उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था।

वह एक बड़े कमरे में था। चारों तरफ किताबें थीं, पुरानी से पुरानी किताबे, अजीब दिखने वाली किताबे। उन किताबों पर अजीब अजीब प्रतीक बने हुए थे। वहां एक बड़ा सा राउंड टेबल था इसके बीच में एक डायरी रखी हुई थी। वह डायरी एडवर्ड ब्लैक की थी। डायरी में लिखा था कि एडवर्ड ब्लैक एक शक्तिशाली जादुगर था। उसने इस होटल को एक प्रयोगशाला के रूप में बनाया था। वह अमरता का रहस्य खोज रहा था। लेकिन, एक प्रयोग गलत हो गया, जिससे आग लग गई। एडवर्ड ब्लैक को अपनी जान बचाने के लिए तहखाने में छिपना पड़ा, और वहीं उसकी मौत हो गई।

डायरी में यह भी लिखा था कि उसने अपनी आत्मा को होटल से बांध दिया है, ताकि वह अपने प्रयोग को पूरा कर सके। वह उन लोगों की ऊर्जा चूसता था, जो होटल में रुकते थे।

आर्यन ने डायरी को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने होटल को सील कर दिया। एक विशेष पूजा के बाद, होटल को फिर से खोला गया। अब, होटल रेड क्रॉस एक सामान्य होटल की तरह है, बिना किसी भूत या रहस्य के।

लेकिन, कुछ लोग आज भी कहते हैं कि रात के अंधेरे में, होटल के पुराने हिस्से से एक हल्की सी रोशनी दिखाई देती है, जैसे कोई अभी भी उस रहस्यमयी दुनिया में खोया हो।

इस तरह, आर्यन ने होटल रेड क्रॉस के रहस्य का पर्दाफाश किया। यह कहानी हमें बताती है कि कितनी बार हमारे आस-पास की चीजें उससे कहीं ज्यादा गहरी होती हैं, जितना हम सोच सकते हैं।

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।
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