पूजनीय गुरुमाता सुलक्षणा देवी जी के आशीर्वचन का लाभ प्राप्त किया
प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025: छावनी का द्वितीय दिवस
प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025: छावनी का द्वितीय दिवस Table of Contents
स्थान: सेक्टर-8, कैलाशपुरी मार्ग, महाकुम्भ मेला क्षेत्र, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 का हर दिन भक्तजनों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव लेकर आता है। इस महायोग में कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी विशेष आकर्षण का केंद्र है। छावनी के द्वितीय दिवस, जो मकर संक्रांति के पावन पर्व पर था, भक्तजनों ने पूजनीय गुरुमाता सुलक्षणा देवी जी के आशीर्वचन का लाभ प्राप्त किया। यह दिन श्रद्धा, भक्ति और साहब की वाणी के सुमधुर प्रवाह से परिपूर्ण रहा।
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गुरुमाता सुलक्षणा देवी जी का आगमन और आशीर्वचन
द्वितीय दिवस के इस शुभ अवसर पर परम पूजनीय गुरुमाता सुलक्षणा देवी जी छावनी में मंच पर विराजमान हुईं। उनके पावन चरण-कमलों में पुष्प अर्पित कर भक्तों ने अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट की। आमिन माता महिला मंडल की पदाधिकारियों ने विशेष रूप से गुरुमाता साहिबा का स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
गुरुमाता जी ने अपने आशीर्वचनों में साहब की अमृतमयी वाणी को उद्धृत करते हुए भक्तजनों को यह संदेश दिया कि:
“सद्गुरु कबीर साहब की शिक्षाएँ हमें प्रेम, करुणा और सच्चाई का मार्ग दिखाती हैं। जीवन के हर पहलू में संतुलन और विश्वास बनाए रखना ही हमारी सच्ची भक्ति है।”
उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य न केवल सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठना है, बल्कि आत्मा की शुद्धि और साहब की भक्ति में लीन होना भी है।
छावनी का माहौल और भक्तजनों की श्रद्धा
मकर संक्रांति के इस पावन पर्व पर छावनी का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय था। हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तजनों ने गुरुमाता जी के मुखारविंद से निकले वचनों का श्रवण किया। छावनी में हर ओर “साहेब बन्दगी साहेब” के उद्घोष से भक्तों की भक्ति की गूंज सुनाई दे रही थी।
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गुरुमाता जी ने सभी भक्तों को साहब की वाणी के महत्व को समझने और अपने जीवन में उसे आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कबीर साहब की वाणी हर परिस्थिति में हमारा मार्गदर्शन करती है और हमें सही दिशा में ले जाती है।
महाकुम्भ मेले में दामाखेड़ा की छावनी का महत्व
महाकुम्भ मेले में कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी सदैव भक्तजनों के लिए एक पवित्र स्थल के रूप में विख्यात है। यह छावनी सद्गुरु कबीर साहब के विचारों और शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है। यहाँ प्रतिदिन संत समागम, भजन-कीर्तन, और गुरुवाणी के माध्यम से साहब की महिमा का बखान किया जाता है।
गुरुमाता जी के आशीर्वचन ने न केवल भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया, बल्कि साहब की भक्ति के प्रति उनकी निष्ठा को और भी गहरा किया।
गुरुमाता जी का संदेश: विश्वास और भक्ति का समर्पण
गुरुमाता सुलक्षणा देवी जी ने अपने संदेश में भक्ति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि साहब की भक्ति में विश्वास और समर्पण आवश्यक है। किसी भी परिस्थिति में हमें साहब पर विश्वास बनाए रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भक्ति का मार्ग सरल नहीं है, लेकिन साहब के प्रति हमारी निष्ठा हमें हर कठिनाई से उबार सकती है।
गुरुमाता जी ने अपने आशीर्वचनों में साहब की इस वाणी का उल्लेख किया:
“माया महाठगिनी हम जानी।”
उन्होंने समझाया कि इस संसार में माया और मोह-माया का जाल हमें सत्य से भटका सकता है, लेकिन अगर हम साहब की शिक्षाओं का अनुसरण करें, तो हम इस जाल से बच सकते हैं।
भक्तजनों के लिए प्रेरणा का स्रोत
इस दिन के कार्यक्रम ने हर उस भक्त के मन में साहब के प्रति श्रद्धा और विश्वास को और प्रगाढ़ कर दिया, जो वहाँ उपस्थित थे। गुरुमाता जी का आशीर्वचन और साहब की वाणी ने भक्तजनों को यह एहसास दिलाया कि जीवन में साहब की भक्ति से बड़ा कोई और सहारा नहीं है।
संपूर्ण आयोजन की विशेषताएँ
- गुरुमाता जी का आशीर्वचन: उनके वचनों ने भक्तजनों को आत्मिक शांति प्रदान की।
- आमिन माता महिला मंडल का स्वागत: महिला मंडल ने गुरुमाता जी का हार्दिक स्वागत कर आयोजन को और भव्य बनाया।
- भक्ति-भाव का वातावरण: छावनी में साहेब की वाणी और भजनों से भक्तजनों की भक्ति चरम पर थी।
- सद्गुरु कबीर साहब की शिक्षाओं का प्रचार: साहब की वाणी को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की झलकियाँ वीडियो में देखें
महाकुम्भ मेला प्रयागराज 2025 में कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा की छावनी के द्वितीय दिवस के इस विशेष आयोजन की झलकियाँ देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
निष्कर्ष
महाकुम्भ मेला प्रयागराज 2025 में दामाखेड़ा की छावनी का द्वितीय दिवस भक्ति, श्रद्धा और साहब की वाणी से परिपूर्ण रहा। गुरुमाता सुलक्षणा देवी जी के आशीर्वचन ने भक्तजनों को साहब की भक्ति में दृढ़ता और आत्मिक शांति का अनुभव कराया। इस आयोजन ने हर भक्त को यह सिखाया कि साहब की शिक्षाओं का अनुसरण ही सच्ची भक्ति है।
सप्रेम साहेब बन्दगी साहेब 🙏🌹🍃