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खर जिउतिया व्रत का कथा, चिलो-सियारिन जिउतिया व्रत कथा

खर जिउतिया व्रत जिसे जीवित्पुत्रिका व जिऊतिया के नाम से जाना जाता है। व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन पारंपरिक कथा सुनती है। सबसे प्रचलित कथा चिलो सियारिन की व्रत कथा है। Khar jitiya jivitputrika vrat, Chilo siyarin jitiya vrat katha महिलाएं महिला पंडित के मुख या घर की वृद्ध महिलाओं से कथा का श्रवण करती है। चलिए लेख के माध्यम से हम आपकों सबसे प्रचलित और पौराणिक खर जिउतिया चिलो सियारिन व्रत कथा बताते हैं।

चिलो सियारिन जिउतिया व्रत कथा | Khar jitiya Chilo-siyarin jitiya vrat katha

जंगल में चिलो सियारिन नाम की दो बहनें रहती है। दोनों ने खर जिउतिया का व्रत रखा। व्रत के दिन सियारिन को जंगल में एक बच्चे का शव दिखा। लालच के कारण सियारिन शव को उठाकर चुपके से घर ले आई।
देर रात सियारिन ने शव को कटरकटर की आवाज के साथ खाना शुरू कर दिया। कट-कट की आवज सुनकर

सियारिन की बहन चिलो ने पूछा………………
ऐ बहिन सियारिन तू का खा ताडू……………
सिरयारिन ने कहा ऐ चिलो बहिन हम कुछू ना खातानी, खर जिउतिया भूखल बानी नू…………. तो करवट ले तानी तो हमारी हड्‌डी कर……..कररर करता……

चिलो सियारिन जिउतिया व्रत कथा | Khar jitiya Chilo-siyarin jitiya vrat katha

खर जिउतिया भूखला के बाद भी सियारिन ने झूठ कहा। कुछ समय बाद चिलो सियारिन गर्भवती हुई। दोनों ने बच्चों को जन्म दिया। चिलो का बच्चा जीवित रह गया। सियारिन का बच्चा जन्म के कुछ समय बाद मृत्यु को प्राप्त हो गया।

ऐ बहन तू का कईलू कि तहार लईका जी गइल………
हम का करनी कि हमार लइका मु गईल……….

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चिलो सियारिन व्रत कथा

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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