हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इस दिन बहुत से धार्मिक और शुभ कार्य बिना किसी मुहूर्त देखे किया जाते है. इस दिन को अबूझ मुहूर्त के रूप में देखा जाता है. यदि किसी के विवाह के लिए कोई योग्य मुर्हूत नहीं निकल पाता तो, वह शुभ काम अबूझ मुहूर्त में अक्षय तृतीया के दिन किया जा सकता है.
हिंदू धर्म के पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था, इसके अलावा इस दिन पितरों को तर्पण देना बहुत लाभदायक होता है. चलिए अब इन सबके बाद जानते है की अक्षय तृतीया कितनी तारीख की है 2022 (Akshaya Tritiya Kis Tarikh Ko Hai 2022) और अक्षय तृतीया 2022 का शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2022 Ka Shubh Muhurat) क्या है ?
अक्षय तृतीया कितनी तारीख की है 2022 – Akshaya Tritiya Kis Tarikh Ko Hai 2022
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हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन दान और पुर्ण्य करना बहुत ही शुभ बताया गया है. अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह प्रवेश और धार्मिक अनुष्ठान के लिए शुभ माना गया है.
Akshaya Tritiya 2021 Kitni Tarikh Ki Hai – साल 2022 में अक्षय तृतीया 3 मई की है, जिस दिन मंगलवार है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. इस दिन शुभ कार्यो के अलावा सबसे ज्यादा सोना खरीदना शुभ माना जाता है.
अक्षय तृतीया 2022 का शुभ मुहूर्त – Akshaya Tritiya 2022 Ka Shubh Muhurat Kya Hai
Akshaya Tritiya 2022 Start and End Time – 3 मई 2022 को अक्षय तृतीया का आरम्भ (Start Time) सुबह को 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. जिसके बाद अक्षय तृतीया का समापन 4 मई 2022 को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर होगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.
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अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त – Akshaya Tritiya 2022 Shubh Muhurat For Buying Gold
दोस्तों यदि आप इस अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की सोच रहे है तो आप इसे शुभ मुहूर्त में ही ख़रीदे तो ज्यादा शुभ होगा. इसके लिए इस दिन का शुभ मुहूर्त 3 मई 2022 को सुबह 5 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 10 मिनट तक (कुल 51 मिनट) रहेगा.
अक्षय तृतीया 2022 पूजा विधि – Akshaya Tritiya 2022 Puja Vidhi in Hindi
अक्षय तृतीया के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. साथ ही साथ इस दिन धन के देवता कुबेर का भी विधि विधान से पूजन किया जाता है. इस दिन तीनों देवी देवताओं को केला, नारियल, पान सुपारी, मिठाई और जल अर्पण करना चाहिए. कुछ देर भगवान के सामने हाथ जोड़े और उनसे अपनी गलतियों की माफ़ी मांगे. इसके अलावा इस दिन दान पुण्य करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है.
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अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा – Akshaya Tritiya Katha in Hindi
पौराणिक कहानियों के अनुसार, इस दिन सुदामा अपने बचपन के दोस्त श्री कृष्ण के द्वार अपने परिवार के लिए आर्थिक साहयता मांगने गए थे. सुदामा भेंट के रूप में श्री कृष्ण के लिए मुट्ठी भर पोहे लेकर गए थे. लेकिन सुदामा देने में संकोच कर रहे थे. लेकिन कृष्ण ने मुट्ठी भर पोहा लेकर खाया और अपने मित्र सुदामा का आदर सत्कार किया. कृष्ण का आदर सत्कार देखकर सुदामा बहुत प्रसन्न हुए और कृष्ण से आर्थिक सहायता के बारे में बिना कहे अपने घर की तरफ निकल पड़े. सुदामा अपने घर पहुंचकर दंग रह गए, उन्होंने देखा कि पुराने झोपड़े की जगह भव्य महल है और पत्नी और बच्चों ने नए वस्त्र और गहने पहने हैं. सुदामा समझ गए कि ये सब श्री कृष्ण का आशीर्वाद है. इसके बाद से ही अक्षय तृतीया के दिन को धन और सुख- समृद्धि के रूप में माना जाता है.
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