इस आपको बहुत से उदाहरण देखने को मिल जाएंगे। भारत में बहुत ऐसी स्टार एक्ट्रेस भी हैं जिन्होंने अपने से कम उम्र के हमसफ़र बनाए हैं। जैसे कि प्रियंका चोपड़ा-निक जोनस, ऐश्वर्या राय-अभिषेक बच्चन, सोहा अली खान-कुणाल खेमू, अर्चना पूरन सिंह-परमीत सेठी, जैसे बहुत से स्टार कपल की लंबी लिस्ट तैयार हो जाएगी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है की खुशहाल मैरिड लाइफ जीने के लिए लड़के का उम्र में बड़ा होना ही जरूरी नहीं होता है। आपको बता दें कि उम्र में बड़ी लड़की से शादी करने के कई से फायदे भी होते हैं। आइये आपको बताते है।
जानिए उम्र से बड़ी लड़की से शादी करने के फायदे
धैर्य और भावनात्मक मजबूती
इस बात में कोई शक नहीं है कि उम्र के बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति का मैच्योरिटी लेवल भी बढ़ता जाता है। उम्र में बड़ी पत्नी में भी ये खूबी देखने को मिलती है। वह न सिर्फ ज्यादा धैर्यवान होती है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी अधिक मजबूत नजर आती है। ऐसे में अगर कभी ऐज में छोटा पति किसी तरह की परेशानी से गुजरता है, तो वह उसे ज्यादा संबल व काम की सलाह दे पाती हैं।
आर्थिक पक्ष से चीजें
ज्यादातर महिलाएं अपनी मां से घर को संभालने का गुण टीनेज में ही सीखना शुरू कर देती हैं। ये उन्हें शादी के बाद अपने नए परिवार की चीजों को बजट में मैनेज करने में मदद करता है। महिला की उम्र बड़ी हो, तो जाहिर सी बात है कि उसकी पकड़ भी इस पर ज्यादा होगी।
वहीं अगर पत्नी वर्किंग है, तब तो और भी फायदा है, क्योंकि वह न सिर्फ अपने बल्कि पति तक के पैसों को मैनेज करने में मदद कर सकती है। उसकी सलाहें उसके अनुभव पर आधारित होंगी, जो सेविंग बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
प्यार और रोमांस
ऐसा नहीं है कि पत्नी उम्र में बड़ी हो, तो उसमें रोमांस की कमी आ जाती है, बल्कि होता ये है कि वह यंग लड़कियों की तरह फिल्मी एक्सपेक्टेशन्स रखने की जगह अपने साथी से वास्तविक अपेक्षाएं रखती हैं। वह समझती हैं कि प्यार जाहिर करने के लिए आपको अपनी जेब खाली करने की जरूरत नहीं।
वह जानती हैं कि गुलाब का फूल और मूवी नाइट डेट भी क्वॉलिटी कपल टाइम होता है, जिसमें दोनों साथी प्यार के साथ इन्वॉल्व होते हैं, वो भी स्पेशल ऐंड रोमांटिक टाइम ही होता है। यहां तक कि ऐसी महिलाएं अपनी भावनाएं जाहिर करने में भी ज्यादा बिंदास होती हैं, ऐसे में मेल पार्टनर को ये सोचना नहीं पड़ता कि उसकी साथी क्या सोच रही है।
परिवार और बच्चे
मैच्योरिटी लेवल ज्यादा होने के कारण ऐसी पत्नियां अपने सुसराल से जुड़ी चीजों को भी बेहतर तरीके से हैंडल करती हैं। वे पहले से ही भावनात्मक रूप से स्थिर होती है, जिससे वह छोटी-छोटी बात पर ट्रिगर नहीं होतीं और अपनी मानसिक शांति पर इसका असर नहीं होने देतीं।
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अगर बच्चे हों, तो वह उन्हें भी ज्यादा बेहतर तरीके से संभाल पाती हैं। डॉक्टर मार्टी नेम्को के लेख ‘द केस फॉर मेन मैरिइंग ऐन ओल्डर वुमन’ में कहा गया कि बच्चों को पालने के लिए धैर्य की जरूरत होती है और ये चीज बड़ी ऐज की फीमेल में ज्यादा देखने को मिलती है।