Khelo Haryana, New Delhi एक शादीशुदा महिला डेंटिंग ऐप के जरिए एक व्यक्ति से दोस्ती की लेकिन उसने दोस्ती का फायदा उठा कर उसकी जिंदगी को ही बदल दिया क्योंकि जब महिला के साथ संबंध बनाने के लिए आया तब उसने कुछ ऐसी बात कह दी इसे जान कर उसके होश उड़ गए
कैसे HIV पॉजीटिव हुई महिला
महिला ने बताया कि उसने एक ऐसे व्यक्ति के साथ रिलेशन बनाया जिसे एचआईवी था. महिला ने कहा, उसने अपनी इस कंडीशन के बारे में मुझसे झूठ बोला लेकिन मैंने उसे पूरी तरह से माफ कर दिया.
महिला ने बताया कि साल 2003 में वह 19 साल की थी और उस समय वह पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) में पढ़ाई कर रही थी. उसी दौरान उसकी डेटिंग वेबसाइट पर एक बेहद ही हैंडसम व्यक्ति से मुलाकात हुई. कुछ दिन चैटिंग करने के बाद हमने मेरे घर पर मिलने का प्लान बनाया.
जब वह व्यक्ति मेरे घर आया तो चीजें काफी ज्यादा आगे बढ़ीं. ये सब कुछ अचानक हो रहा था. मैंने रोमांस से पहले सीधे उस व्यक्ति से पूछा ‘ क्या तुम्हें एचआईवी है?’ इसके लिए उसने मना करते हुए अपना सिर हिलाया और मैंने भी उसकी बातों पर भरोसा कर लिया.
साल 2003 में ही मुझे भयंकर फ्लू हुआ जिसके बाद मैंने टेस्ट करवाए. फरवरी में, मैं अपनी फ्रेंड के साथ एक एचआईवी क्लिनिक गई. जहां हम दोनों ने ही टेस्ट कराया.
एक हफ्ते के बाद जब हम क्लिनिक में दोबारा से गए तो मेरी फ्रेंड की रिपोर्ट नेगेटिव आई. लेकिन मुझे पता था कि मैं किसी मुसीबत में हूं. मैं कंसल्टिंग रूम में गई जहां मुझे डॉक्टर ने बताया कि मैं एचआईवी पॉजीटिव हूं. उस समय मेरी उम्र 20 साल थी.
कुछ महीने बीतने के बाद मैंने एक एचआईवी-फ्रेंडली डेटिंग वेबसाइट सर्च की और पर्थ के ही रहने वाले एक लड़के के साथ चैटिंग शुरू कर दी. चैटिंग के दौरान हम दोनों ने अपनी फोटोज शेयर की.
उस लड़के की फोटोज देखते ही मैं उसे तुरंत पहचान गई. वो लड़का वही था जिससे मैं एक साल पहले मिली थी. उसे मेरी शक्ल बिल्कुल भी याद नहीं थी लेकिन उसे देखते ही मुझे सारी बातें याद आ गई.
इसके बावजूद भी मैंने उससे बातें की और उसकी पसंद और नापसंद के बारे में पूछा और साथ ही यह भी जानने की कोशिश की कि वह कंडोम के इस्तेमाल को लेकर क्या सोचता है.
इसके बाद मैंने गहरी सांस ली और उससे पूछा कि क्या वह एचआईवी पॉजीटिव है. इसके जवाब में उसने कहा, हां, 15 साल हो गए हैं’.
इससे मुझे पुरानी बातें याद आने लगी कि कैसे इस व्यक्ति ने मुझे एचआईवी से संक्रमित किया. महिला ने कहा कि जो कुछ भी हुआ, मैंने उससे यह सीखा कि चीजें बदलती रहती हैं और कभी भी एक जैसी नहीं रहती और कुछ बदलाव तो ऐसे होते हैं जिनके बारे में हमने सपनों में भी नहीं सोचा होता है.
इतना कुछ होने के बाद भी कर दिया माफ
एचआईवी का पता लगने के बाद मैं काफी ज्यादा डरने लगी थी. मैं यह सोचने लगी थी कि जिन लोगों को एचआईवी होता है, उन्हें कभी भी प्यार नहीं मिल पाता और उनकी जवानी में ही मौत हो जाती है.
एक साल बाद मैं उस व्यक्ति से फिर से मिली जिसकी वजह से मैं एचआईवी पॉजीटिव हुई. अब वह व्यक्ति काफी बदल चुका था. उसके चेहरे पर दर्द, शर्मिंदगी और डर साफ नजर आ रहा था.
उस व्यक्ति ने मेरे साथ जो कुछ भी किया, मैंने उसके लिए एक बार भी उससे शिकायत नहीं की. इसके बजाय मैं शांत रही क्योंकि मैं अब उन चीजों को बदल नहीं सकती थी. मैंने उसे माफ करना ही ठीक समझा