धर्म

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए | Shivling Par Kitne Belpatra Chadhana Chahiye

आपको बेलपत्र चढ़ाते समय त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम् त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् मन्त्र का जाप करना चाहिए।

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए | Shivling Par Kitne Belpatra Chadhana Chahiye

भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय बेलपत्र होता है। यदि आप किसी विशेष मनोकामना पूरा करने के उद्देश्य से भगवान शिव को बेलपत्र अर्पण करेंगे, तो निश्चित रूप से आदि देव महादेव आपसे खुश होंगे। इस पोस्ट में आप जानेंगे कि शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए और बेलपत्र चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इतना ही नहीं हम यह भी जानेंगे कि, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय किस मन्त्र का जाप करना चाहिए।

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Shivling Par Kitne Belpatra Chadhana Chahiye

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए | Shivling Par Kitne Belpatra Chadhana Chahiye

दोस्तों शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाने चाहिए। बेलपत्र को चिकनी परत की तरफ से ही शिवलिंग पर चढ़ाए जाने का नियम हैं। आदि देव महादेव की आरधना में बेलपत्र की भूमिका अत्यधिक है साथ ही दूध और जल को भी पूजन में शामिल करना बहुत ही आवश्यक है। इसे चढ़ाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान भी रखना होता है।

जैसे बेलपत्र तीन पत्तियों से कम का नहीं होना चाहिए। इससे अधिक का हो तो बहुत ही अच्छा है। बिना धारियों वाला बेलपत्र ही शिव जी को अर्पण करना चाहिए। इसे हमेशा पानी से साफ करने के बाद ही चढ़ाया जाता है। बेलपत्र को दूध में धो ले फिर गंगाजल में डूबने के बाद शंकर भगवान को चढ़ाना चाहिए।

किसी तरह से कटा फटा बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए ऐसे बेलपत्र चढ़ाने की धार्मिक रूप से मनाही हैं क्योंकि इस तरह के कटे फाटे पत्तो वाले बेलपत्र को खंडित माना जाता है।

आपको बेलपत्र चढ़ाते समय त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम् त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् मन्त्र का जाप करना चाहिए।

शंकर भगवान की अच्छे से आराधना करने से आपकी सारी मनोकामनाए पूर्ण होती है तथा आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। आपके सारे कष्ट भगवान भोलेनाथ हर लेते हैं।

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KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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