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Chhath Puja Vrat 2024 | छठ पूजा व्रत कब है, व्रत विधि, पारण विधि, छठ पूजा व्रत गीत

Chhath Puja Vrat 2024:- जैसा कि आप जानते हैं, कि 14 अप्रैल 2024 को भारत में Chhath Puja का पावन त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा | इस पूजा को विशेष तौर पर उत्तर भारत में (बिहार) शान शौकत से मनाया जाता है I हिंदू धर्म में इस पूजा का विशेष महत्व है ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता होगा कि आखिर में Chhath Puja Vart विधि क्या है? और उसमें क्या खाना चाहिए? छठ पूजा का व्रत पारण विधि क्या है? छठ पूजा का गीत क्या है? छठ पूजा की आरती क्या है? ऐसे तमाम सवाल आपके मन में आते होंगे अगर आप उन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक पढ़े चलिए शुरू करते हैं-छठ पूजा व्रत कब है?

त्यौहार का नाम Chhath Puja Vrat 2024
साल 2024
कब मनाया जाएगा 12 अप्रैल 2024 से लेकर 15 अप्रैल तक
कौन से धर्म के लोग मनाते हैं हिंदू धर्म के
कहां मनाया जाता है पूरे भारतवर्ष में

Chhath Puja Vart 2024

छठ पूजा का व्रत है कुल मिलाकर 4 दिनों का होता है पहले दिन महिलाएं पहला दिन नहाय खाय की दूसरे दिन खरना तीसरा दिन अस्‍गामी सूर्य अर्घ्‍य चौथा दिन उगते सूर्य को अर्घ्‍य के साथ  इस पूजा का समापन हो जाता है I

छठ पूजा व्रत विधि (Chhath Puja Vart Vidhi)

छठ पूजा कुल मिलाकर 4 दिनों का होता है और 4 दिनों के व्रत की विधि भी अलग-अलग होती है, जिसका विवरण हम आपको नीचे बिन कौन सा देंगे आइए जानते हैं-

नहाए खाए

Chhath Puja की शुरुआत नहाए खाए के द्वारा होगी इस दिन महिलाएं सुबह उठकर घर की साफ सफाई अच्छी तरह से करेंगे उसके बाद घर पर या गंगा में स्नान कर कर आएंगे और फिर घर में सात्विक भोजन बनाया जाएगा जैसे – कद्दू चने की सब्जी, चावल, सरसों का साग इत्यादि|

खरना

खरना में व्रती पूरे दिन निराहार रहकर शाम में मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर, पूरी बनाकर छठ मैय्या को भोग लगाते हैं। इसी प्रसाद को खाकर व्रती Chhath Puja समाप्त होने तक निराहार रहकर व्रत का पालन करते हैं

संध्या अर्घ्य

छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सभी लोग गंगा घाट जाते हैं और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है,व्रति अपने परिवार वालों के साथ अर्घ्य के समय सूर्य देव को जल और दूध चढ़ाया जाता है और प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है। सूर्य देव की आराधना के बाद बाद सभी लोग घर वापस आ जाते हैं और रात भर छठ पूजा के गीत गाए जाते हैं और लोग उससे जुड़ी हुई कथा सुनते हैं |

जाता है. इस गाने को काजल राघवानी ने गाया है, जबकि म्यूजिक दीपक ठाकुर का है. इस गीत को सुनें

छठ करे आई –

रितेश पांडे और अंतरा सिंह के म़ॉडर्न भोजपुरी गाने लोगों को खूब पसंद आते हैं. उनका छठ पर यह गाना भी खूब गुनगुनाया जाता है | यह गाना भी छठ पर ट्रेंड करता है | इस गीत को सुनें

 आ गईली छठी मईया –

छठ पर गाया रितेश पांडे का एक और गाना काफी हिट है. इसे भी हर बार छठ पर खूब पसंद किया जाता है. यह गाना 2019 में रिलीज किया गया था. इस गीत को सुनें

घरे घरे होता माई के बरतिया –

प्रचलित भोजपुरी छठ गीतों में इसका भी नंबर आता है. आम्रपाली दुबे की आवाज में गाया ये गाना घरों व घाटों पर खूब बजता है.

. छठी मईया सुन ली पुकार

– छठ को लेकर बने इस गीत को अंजली भारद्वाज ने गाया है और इसे लिखा है विनय निखिल ने. इस गाने की लोकप्रियता बहुत ही अधिक है और छठ पूजा के दिन अधिकांश लोग इस गाने को सुनना पसंद करते हैं

. कांच ही बांस के बहंगिया

– अनुराधा पौडवाल के स्वर में आया यह गाना भी हर छठ पर बजने वाले गानों में से एक है. इसे महिलाएं भी खूब गुनगुनाती हैं. इस गीत को सुनें

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

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FAQ‘s: Chhath Puja Vrat 2024

Q: Chhath Puja Vrat 2024 कब मनाया जाएगा?

Ans: छठ पूजा का त्योहार 12 अप्रैल से शुरू हो रहा है. इस साल छठ पूजा 12 अप्रैल को होगी | इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा |

Q: छठ पूजा कितने दिनों का त्यौहार होता है?

Ans: छठ पूजा कुल मिलाकर 4 दिनों का त्यौहार होता है ?

Q: छठ पूजा के दिन किसकी पूजा की जाती है?

Ans: छठ पूजा के दिन माता छठ मैया और भगवान सूरज की पूजा की जाती है I

KAMLESH VERMA

दैनिक भास्कर और पत्रिका जैसे राष्ट्रीय अखबार में बतौर रिपोर्टर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले कमलेश वर्मा बिहार से ताल्लुक रखते हैं. बातें करने और लिखने के शौक़ीन कमलेश ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है. कमलेश वर्तमान में साऊदी अरब से लौटे हैं। खाड़ी देश से संबंधित मदद के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता हैं।

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