मुंबई: 70 से 80 के दशक के बीच फिल्म इंडस्ट्री पर छाने वाले राजेश खन्ना की पर्सनालिटी को देख कर हर कोई स्तब्ध रह जाता था। ऐसा ही शुरुआत में अमिताभ बच्चन के साथ भी हुआ था। उस वक्त अमिताभ बच्चन एक्टर भी नहीं बने थे। अमिताभ बच्चन ने बताय़ा था कि सबसे पहले उन्होंने राजेश खन्ना को एक फिल्म मैगजीन के जरिए देखा था। वहीं एक बार अमिताभ को उनकी मां तेजी बच्चन राजेश खन्ना की फिल्म दिखाने के लिए ले गई थीं। तब उन्हें देख कर वह सोच में पड़ गए थे कि राजेश खन्ना जैसे लोग इस फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं, तो ऐसे में अमिताभ का रास्ता आसान नहीं होगा।
दरअसल, अमिताभ बच्चन भी फिल्मों में हीरो बनने का ट्राय कर रहे थे। लेकिन कई कोशिशों के बाद भी वह सफल नहीं हो पा रहे थे। उन्होंने बताया था कि जिस मैगजीन में उन्होंने राजेश खन्ना को देखा था उसी मैगजीन के कॉम्पिटीशन के लिए अमिताभ ने भी अपना नाम दिया था लेकिन उनका आवेदन खारिज हो गया था।
रिपोर्ट मुताबिक, अमिताभ बच्चन ने कहा था- ‘मैंने पहली बार राजेश खन्ना को फिल्म मैगजीन, शायद फिल्मफेयर में देखा था। वो फिल्मफेयर ‘माधुरी टैलेंट’ के विजेता थे। आने वाले साल के लिए मैंने भी इस कॉन्टेस्ट के लिए आवेदन किया था, जो कि खारिज हो गया था। मेरी उनसे दूसरी मुलाकात फिल्म ‘आराधना’ के जरिए हुई थी।’
अमिताभ बच्चन ने आगे कहा था- ‘मेरी मां दिल्ली में कनॉट प्लेस के रिवोली थिएटर में मुझे ये फिल्म दिखाने ले गई थी। थिएटर उस समय खचाखच भरा हुआ था। इस खूबसूरत नौजवान को देख कर दर्शकों की प्रतिक्रिया ऐसी थी जिसकी तुलना नहीं की जा सकती थी। फिल्मफेयर कॉन्टेस्ट नाकाम होने के बाद मैंने कोलकाता में अपनी नौकरी छोड़ दी। मैं घर आ गया और फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करने के लिए दूसरी संभावनाओं की तलाश में जुट गया।’
अमिताभ बच्चन ने आगे कहा था- ‘लेकिन जब मुझे अहसास हुआ कि राजेश खन्ना जैसे लोग इस इंडस्ट्री में हैं तो मैंने सोचा कि मेरा नंबर कैसे लगेगा? फिर फिल्म ‘7 हिंदुस्तानी’ में मुझे काम करने का मौका मिला। मैं तब मुंबई नया नया आया था। मुझे काम मिला और मैं शूटिंग में लग गया।’
उन्होंने आगे बताया था- ‘इस फिल्म में ही काम करने वाले एक्टर अनवर अली से मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी। अनवर के भाई मेहमूद भाई से मेरी मुलाकात हुई। मेहमूद भाई की बदौलत मुझे राजेश खन्ना जी से एक शूटिंग के दौरान मिलने का मौका मिला। तब उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया था।’