Urfi Javed: मुंबई: उर्फी जावेद अक्सर अपने ड्रेसिंग सेन्स की वजह से चर्चा में बनी रहती हैं। यही नहीं वह अपने बयानों की वजह से भी सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर भी बनी रहती हैं। बुरी तरह से ट्रोल होने के बाद भी उर्फी अपना स्टाइल नहीं छोड़ती हैं और अक्सर कहती हैं कि उन्हें ट्रोल्स से फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, हाल ही में उर्फी ने खुलासा किया कि कैसे उनके पिता उन्हें मारा करते थे और कैसे ट्रोलिंग उन्हें चोट पहुंचाती है।
Urfi Javed: इंटरनेट सेंसेशन और एक्स बिग बॉस ओटीटी कंटेस्टेंट उर्फी जावेद अपनी आकर्षक फैशन चॉइसेज और बोल्ड बयानों के लिए सुर्खियां बटोरती हैं। हाल ही में एक पॉडकास्ट में, उर्फी जावेद ने खुलकर बात की और बताया कि कैसे उनके पिता बहुत रूढ़िवादी थे और उन्हें मारते थे, कैसे उनकी मां ने कम उम्र में शादी कर ली थी और यहां तक आना कैसे उनके लिए आसान नहीं था।
Urfi Javed: पॉडकास्ट में उर्फी जावेद ने खुलासा किया कि वह बचपन में कैसी थीं। उनके साथ घर में कैसा बर्ताव किया जाता था। अभिनेत्री के पिता उन्हें किस हद तक फिजिकल टॉर्चर किया करते थे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने अपने पिता और बचपन की बात की हो। उर्फी जावेद बोली, ‘मैं आत्मविश्वास से भरी बच्ची थी और मेरा कोई दोस्त नहीं था। मैं बचपन में बहुत कन्फ्यूज्ड रहा करती थी।’
Urfi Javed: उर्फी से जब पूछा गया कि वह हर तीन महीने में एक बार इफेक्ट क्यों हो जाती हैं, तो उन्होंने कहा ट्रोलिंग के कारण है। वह बोलीं, ‘शायद ट्रोल्स जो कहते हैं वह सही है – शायद मैं एक महिला होने के लिए सही नहीं हूं, शायद मैं समाज पर एक धब्बा हूं, शायद मैं युवा पीढ़ी के लिए एक बुरा एग्जांपल हूं। मैं यह सब नहीं छोड़ सकती और अगर मैं करती भी हूं, तो जो हुआ वह हमेशा इंटरनेट पर रहेगा।’ उर्फी आगे बोलीं, ‘क्या मैं इतनी बुरी हूं? शायद कोई मुझे स्वीकार नहीं करेगा, कोई परिवार मुझे स्वीकार नहीं करेगा। मुझे लगता है कि कोई भी मेरा दोस्त नहीं बनना चाहेगा।’
Urfi Javed: उर्फी ने खुलासा किया कि कैसे उनके पिता बेहद रूढ़िवादी थे और कैसे उनकी मां को बहुत कम उम्र में पांच बच्चों की परवरिश करनी पड़ी। अपने दर्दनाक बचपन के बारे में बताते हुए उन्होंने याद किया कि कैसे उसके पिता उसे इस हद तक पीटते थे कि वह बेहोश हो जाती थी, वह कहती है, ‘मैं अपने पिता के बिल्कुल भी करीब नहीं थी।
Urfi Javed: अगर माता-पिता में से किसी एक को गुस्सा आता है और वह गुस्सा मुझ पर निकाला जा रहा है तो वह अलग बात है। आप मार के समझेंगे किसी बच्चे को कि वो बेहोश हो जाए, तो फिर क्या ही समझ आएगा बच्चे को। आप पलट के तो कुछ बोल नहीं सकते हो तो वो गुस्सा बढ़ता है और फिर एक प्वाइंट पर आप कहते हैं- हो गया यार। जब कोई बच्चा बड़ा हो जाता है और आप उसे मारते हैं, तो वह उस पर गहरा प्रभाव डालता है और नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।