Scientific Reason Of Eyes Blinking : आंखों के फड़कने के वैज्ञानिक कारणों में से कुछ कारण बेहद चौंकाने वाले भी हो सकते हैं। वहीं कुछ ज्योतिष के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आंखों के फड़कने से आपको आगामी घटनाओं की भविष्यवाणी मिल सकती है। इस विश्वास के अनुसार, दाएं आंख के फड़कने को अच्छा शुभ संकेत माना जाता है, जबकि बाएं आंख के फड़कने को बुरा संकेत माना जाता है। लेकिन वैज्ञानिक तर्क इससे अलग है।
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ये है पलक के फड़कने की वजह-
असल में आंख के फड़कने की सबसे बड़ी वजह आंखों की नर्व्स होती हैं। आंखें बहुत नाजुक और संवेदनशील होती हैं। इसलिए नर्व्स में किसी भी कारण से हुआ सेंसेशन आंख की पलक के फड़कने की वजह बन सकता है। आमतौर पर पलक का फड़कना स्वयं ही बंद हो जाता है, लेकिन कई बार ऐसा होने में समय भी लग जाता है। इनके मुख्य कारणों में अगर आप थक चुके हैं और आपकी आंखें थक रही हैं, तो इसके कारण फड़कने का अनुभव हो सकता है। वहीं भारतीय परंपरा में आंखों के फड़कने को धन और समृद्धि के आने का संकेत माना जाता है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं में उपस्थित है और कई लोग इस पर विश्वास करते हैं जबकि कई लोग नहीं करते हैं। साथ ही मानसिक तनाव, चिंता, या जटिलताएं भी आंखों के फड़कने का कारण बन सकती हैं। जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो हमारी शारीरिक प्रतिक्रिया, जैसे आंखों का फड़कना, प्रभावित हो सकती है। जहां तक इसके उपायों की बात है तो जब आंख फड़के तो तुरंत जोर-जोर से पलकें झपकाना शुरू कर दें। अपनी बीच वाली अंगुली से आंख के नीचे की तरफ की 30 सेकेंड तक गोलाई में मसाज करें। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशिया मजबूत होती हैं।
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आंखों की तंत्र में असंतुलन
अगर आप लंबे समय तक अपनी आंखों का उपयोग करते हैं, जैसे कि लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना या पुस्तक पढ़ना, तो आपकी आंखों में थकान हो सकती है और यह फड़कने का कारण बन सकती है। इसके अलावा अगर आपकी दृष्टि कमजोर है, तो फड़कने का अनुभव हो सकता है। इसका कारण हो सकता है कि आपके आंखों की शारीरिक तंत्र में एक असंतुलन हो गया है जो आपकी आंखों को बता रहा है कि आपकी दृष्टि कमजोर हो रही है।