इन दिनों पुरानी पेंशन योजना को लेकर काफी चर्चा हो रही है। कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को अपनाया है। वहीं दूसरे राज्यों के लोग भी सरकारों पर पुरानी पेंशन योजना को फिर से अपनाने का दबाव बना रहे हैं। इस बीच पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मंशा पर उत्तर प्रदेश सरकार ने चुप्पी तोड़ी है। समाजवादी पार्टी के माध्यम से पुरानी पेंशन योजना लागू करने के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा है कि मौजूदा नई पेंशन योजना को लागू करने पर पुनर्विचार करने की उसकी कोई योजना नहीं है।
पेंशन स्कीम
यूपी सरकार ने कहा कि जब एनपीएस लागू किया गया था तब राज्य में समाजवादी पार्टी सत्ता में थी। सपा सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार को यह विश्वास करके गुमराह किया गया कि योजना लाभकारी होगी। स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि योजना के तहत अब तक 5.95 लाख सरकारी कर्मचारियों और 3.5 लाख शिक्षकों का पंजीकरण किया जा चुका है और अब तक क्रमश: 28,536 करोड़ रुपये और 14,262 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उनके खातों में जमा करा दिया गया है।
कई राज्यों में लागू
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि इस योजना को खत्म करना संभव नहीं है और न ही सरकार इस पर विचार कर रही है। सपा एमएलसी मान सिंह यादव ने तब कई राज्यों का उल्लेख किया। जिन्होंने कर्मचारियों के विरोध के कारण इस योजना को वापस ले लिया है। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। जबकि पंजाब सरकार ने इसकी घोषणा की है और पश्चिम बंगाल ने इसे लागू भी नहीं किया है।
पुरानी पेंशन योजना
मान सिंह ने कहा कि जब सरकारी कर्मचारी इस नई योजना को नहीं चाहते हैं। तो आप कितना भी अच्छा सोचें, सरकार उन्हें इसे अपनाने के लिए क्यों मजबूर कर रही है। उनका पैसा कॉरपोरेट्स के पास जा रहा है और यह फंड मजदूरों या सरकारों के किसी काम का नहीं है। जब इतने राज्य इसे वापस ले रहे हैं तो यूपी इस पर विचार क्यों नहीं कर सकता।