Dark secrets of Mughals in Hindi: मुगल हरम (Mughal Harem) के बारे में कहा जाता था कि जो महिला उसके भीतर दाखिल हो गई, तो उसे पूरी जिंदगी वहीं बितानी पड़ती थी. ऐसे में आज हरम की काली हकीकत के साथ मुगल बादशाह अकबर (Akbar) के भाई से जुड़ा ऐसा अनसुना किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर सभ्य समाज के किसी भी पुरुष या हर नारीवादी का खून खौल उठेगा. विदेशी व्यापारियों और साहित्यकारों ने मुगल हरम के बारे में गोपनीय पड़ताल के बाद जो कुछ लिखा अब उसके बारे में आपको बताते हैं.
हरम की गोपनीय दुनिया
जैसे ही मुगल बादशाह अपना मन बहलाने के लिए हरम का रुख करते तो वहां की सिक्योरिटी में तैनात किन्नरों के जरिए हरम की बेगमों और बाकी औरतों को खबर मिल जाती थी कि जहांपनाह आ रहे हैं. इसके बाद इत्र की खुशबू बिखेर दी जाती थी. खूबसूरत चेहरों के बीच में से भी कुछ सबसे खूबसूरत चेहरे बादशाह के आगे आकर खड़े हो जाते थे मानो उस दिन उन्हीं की ड्यूटी हरम के रिसेप्शन में लगाई गई हो.
हरम के अंदर क्या होता था?
बादशाह के शयनगाह में दाखिल होते ही उत्सव शुरू हो जाता. कुछ दासियां बादशाह के कपड़ों का ध्यान रखतीं तो कुछ पंखा झलतीं. बेगम का इशारा मिलते ही केवड़ा जल, गुलाब जल और सुगंधित तेल हाजिर हो जाता था. तब तक बादशाह बैठ चुके होते थे. उनके बगल में उस कक्ष की सबसे ताकतवर महिला यानी रानी और उनके चारों ओर कम उम्र लड़कियों और युवतियों का जमावड़ा लगा होता था. इसके बाद खूशबूदार जल और सुगंधित तेल से बादशाह की हल्की फुल्की मसाज होती ताकि उनके शरीर की गर्मी दूर और कड़क मिजाज नर्म हो जाए ताकि वो तरोताजा महसूस कर सकें.
शराब पीती थीं हरम की औरतें
रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद वहां संगीत के सुर गूंजते ही जाम छलकने लगते थे. रानी खुद अपने हाथों से जाम बनाकर बादशाह को देतीं. हरम के इस रंगीन माहौल ने वहां की औरतों को भी शराब का आदी बना दिया था. पीने पिलाने का दौर तब तक चलता, जब तक कि बादशाह का वहां से उठने का मन न होता.
बादशाह के साथ बिस्तर पर कौन होगा?
इतना माहौल बनने के बावजूद अभी ये तय होना बाकी होता था कि बादशाह के साथ बिस्तर पर कौन होगा? जहांगीर के दौर में भारत आए डच कारोबारी फ्रांसिस्को पेलसार्ट ने जो लिखा, हरम के रंगीन माहौल में संभव था कि उस वक्त किसी बेहम और रानी के बजाय बादशाह को उनकी कोई कमसिन दासी पसंद आ जाए.
अकबर के भाई का विवादित बयान
बादशाह अकबर के दूध भाई थे मिर्जा अजीज कोका. उनका कहना था कि एक आदमी को चार औरतों से शादी करनी चाहिए. एक फारसी पत्नी हो, जिससे बात और मोहब्बत की जा सके. दूसरी हो खुरासानी, हो जिससे घर का काम कराया जा सके. वहीं तीसरी शौहर की देखभाल और बच्चों की परवरिश के लिए चाहिए एक हिंदू औरत तो चौथी बीवी हो मिडिल ईस्ट की तेजतर्रार महिला जो बाकी तीनों को काबू में करके रख सके.
मध्यकाल की ये सोच बताती है कि उस दौर में महिलाओं की स्थिति कितनी खराब रही होगी, खासकर मुगलों के हरम में जहां विभिन्न क्षेत्र, धर्म और संस्कृति से आने वाली खूबसूरत औरते रहती थीं.
मानसिक बीमारी और सजा ए मौत
हरम में सैकड़ों औरते होती थीं, जिनसे मिलने के लिए आजीवन एक ही पुरुष (बादशाह) होता था. अपने परिवार से दूर होने और शारीरिक जरूरतें न पूरी होने की वजह से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ जाती थी. हरम की सिक्योरिटी किन्नरों के हाथ थी. हरम की औरतों को गलती करने पर माफी नहीं मिलती थी. हरम के तय नियमों से अलग कुछ और करने का मतलब होता था सजा ए मौत.