Mahila Naga Sadhu Kaise Banti Hai: पुरुष नागा साधुओं के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन महिला नागा साधुओं के बारे में कम ही सुनने को मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें आसानी से नहीं देखा जा सकता। कुछ खास मौकों पर ही इनके दर्शन हो पाते हैं। महिला नागा साधुओं का जीवन पुरुष नागा साधुओं से भी ज्यादा कठिन होता है। ऐसे में आपको भी ये जानने की जिज्ञासा होगी कि महिला नागा साधु कैसे बनती हैं, उनकी वेशभूषा क्या होती है और उनकी दुनिया कैसी होती है और महिला नागा साधु किस दिन दर्शन देती हैं? क्या पुरुष नागा साधुओं की तरह ये भी निर्वस्त्र रहती हैं? तो चलिए जानते हैं महिला नागा साधुओं के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
कैसे बनती हैं महिला नागा साधु? एक महिला को नागा साधु बनने के लिए अपने जीवन को पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित करना होता है। इन्हें इसके लिए कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। इनकी परीक्षा कई सालों तक चलती है। नागा साधू बनने से पूर्व महिला को 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। इन्हें प्रातः उठकर नदी में स्नान करना होता है। चाहे गर्मी हो या ठंड इन्हें ठंडे पानी से ही नहाना होता है। स्नान के बाद ये पूरे दिन भगवान शिव की भक्ति में लीन रहती हैं। इतना ही नहीं इन्हें जिंदा रहते हुए खुद का पिंडदान करना होता है। पिंडदान के बाद इनका मुंडन किया जाता है और पवित्र नदी में स्नान करवाया जाता है। महिला नागा साधु पूरे दिन ईश्वर की भक्ति में लीन रहती हैं और सुबह-शाम भगवान का जाप करती रहती हैं।
क्या महिला नागा साधु भी रहती हैं निर्वस्त्र? पुरुष नागा साधु सार्वजनिक तौर पर भी नग्न नजर आते हैं लेकिन महिला नागा साधु निर्वस्त्र नहीं रहती हैं। ये केवल गेरुए रंग का बिना सिला हुआ वस्त्र धारण करती हैं। साथ ही महिला नागा साधु अपने माथे पर तिलक लगाती हैं और अपने शरीर पर भस्म भी लगाए हुए रहती हैं। महिला नागा साधुओं को बहुत सम्मान दिया जाता है और इन्हें माता कहकर बुलाया जाता है।
महिला नागा साधु कब देती हैं दर्शन? आमतौर पर पुरुष नागा साधु आसानी से दिखाई दे जाते हैं लेकिन महिला नागा साधु रोज नहीं दिखाई देती हैं। ये केवल कुंभ या फिर महा कुंभ में ही दिखाई देती हैं और फिर अचानक से गायब हो जाती हैं। कहा जाता है कि महिला नागा साधु बाकी के वर्ष तपस्या में लीन रहती हैं और जंगलों, गुफाओं, पर्वतों में जाकर भगवान का ध्यान करती हैं।