जब 390 करोड़ की रेड को 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने मिल कर की थी पूरी निकला था 120 गाड़ियों का काफिला, लगा था हाथ धन कुबेर का खजाना किसी भी रेड को किस तरह से अंजाम देते हैं, इसे सिनेमा के पर्दे पर कई बार देखा गया. इसमें कई रेड तो ऐसी भी थीं जो वास्तव में फेक थीं, जिनके ज़रिये बड़ी लूट को अंजाम दिया गया. ‘स्पेशल 26’ ऐसी ही फिल्मों में से एक रही. एक असली दिखने वाली नकली रेड. इसी कड़ी में यूपी के आगरा में बीते दिनों एक गैंग के सदस्यों ने फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर नकली इनकम टैक्स अधिकारी बन कई जगह रेड मारी है. इन्होंने व्यापारियों से अच्छा खासा पैसा लूटा. जब ये गैंग अगली वारदात को अंजाम देने जा रहा था, तभी आगरा पुलिस ने चेकिंग के दौरान इसके सदस्यों को धर दबोचा.
जब 390 करोड़ की रेड को 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने मिल कर की थी पूरी निकला था 120 गाड़ियों का काफिला, लगा था हाथ धन कुबेर का खजाना
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लेकिन आज हम आपको यहां जिस रेड की कहानी सुनाने जा रहे हैं, वो एकदम असली है. और रेड के इतिहास में अपने आप में एक ऐसी छापेमारी है जिसकी कल्पना भी शायद ही कोई कर सके. फिल्मों की कहानी जैसी दिखने वाली यह रेड महाराष्ट्र के दो बिजनेसमैन पर की गई. जिसमें तकरीबन 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. और इस रेड का तरीका ऐसा था, कि इसका अंदाजा तक लगाना मुश्किल है.
महाराष्ट्र के जीएसटी काउंसिल और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक जानकारी मिलती
कहानी की शुरुआत साल 2022 से होती है. तब महाराष्ट्र के जीएसटी काउंसिल और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक जानकारी मिलती है कि दो बड़े स्टील बनाने वाले ग्रुप बड़े पैमाने पर कर चोरी कर रहे हैं. इन्हें रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों बिजनेस में 120 करोड़ रुपये के कर की चोरी हो चुकी है. ये भी पता चलता है कि ये ग्रुप रिएल एस्टेट से लेकर कपड़े तक का काम करते हैं. सारी जानकारी नासिक इनकम टैक्स विभाग को दी गई. इस मामले में जांच की बात कही गई.
ट्रांजेक्शन ने खोले ‘लॉकर’
अब इस विभाग के सभी अधिकारी अपने अपने काम पर लग गए. इन्होंने ग्रुप्स के ट्रांजेक्शन निकाले. तब पता चला कि ग्रुप ने कर्मचारियों के नाम पर भी लॉकर ओपन कराए हैं. फर्जी ट्रांजेक्शन हो रहा है. यानी एक तरह से पता चला कि बड़े स्तर पर कर की चोरी हो रही है. अब इन पर रेड डालने का प्लान बनाया गया. ये इतना फिल्मी था कि कोई सपने में भी नहीं सोच सकता.
जब 390 करोड़ की रेड को 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने मिल कर की थी पूरी निकला था 120 गाड़ियों का काफिला, लगा था हाथ धन कुबेर का खजाना
इसके लिए दिन और समय का चुनाव हुआ. दो बड़े मैन्युफैक्चरर्स के घर, ऑफिस समेत कई जगहों पर एक साथ, एक ही दिन में रेड करनी थी. मामला महाराष्ट्र के जालना का है. अब जालना इतनी भी बड़ी जगह नहीं कि किसी को इसकी भनक न लगे. ऐसे में सबकुछ सीक्रेट रखना जरूरी था. तैयारी भी फुल की गई. अगर गलती से भी रेड की खबर किसी को लग जाती तो पूरा का पूरा मिशन बर्बाद हो सकता था.
सोच से परे प्लान बनाया गया
सबसे पहले अलग-अलग लोकेशन का चयन हुआ, कि कहां कहां रेड करनी है. 250 अधिकारियों की टीम बनी. इनमें इनकम टैक्स अधिकारियों के अलावा पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया. अब नासिक से जालना की तरफ 120 गाड़ियों को भेजा जाना था. रेड वाले दिन अधिकारी बारातियों वाले कपड़े पहनकर आए, जैसे कि किसी शादी में जा रहे हों. इनमें पुरुष और महिला अधिकारी दोनों शामिल थे. गाड़ियों को भी अच्छी तरह सजाया गया.
जब 390 करोड़ की रेड को 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने मिल कर की थी पूरी निकला था 120 गाड़ियों का काफिला, लगा था हाथ धन कुबेर का खजाना
इतना ही नहीं, कई गाड़ियों पर दुल्हन हम ले जाएंगे पोस्टर लगे. जबकि कुछ पर राहुल वेड्स अंजलि लिखा था. जालना की तरफ जाने के लिए 3 अगस्त, 2022 की तारीख चुनी गई. जालना से पहले एक जगह आकर गाड़ियां पांच हिस्सों में बंट गईं. अब यहां से जालना की पुलिस फोर्स भी जुड़ गई. एक टेक टीम भी आई. इन्हें मामले की जानकारी नहीं थी.
एक ‘अनजान’ फार्महाउस
अब ये पूरी बारात दोनों बिजनेस फैक्ट्री के दफ्तर, वेयरहाउस, बंगलों तक पहुंची. यहां टीम को काफी कुछ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हालांकि कुछ चीजें भी मिलीं, जिनमें जेवर, पैसे शामिल थे. लेकिन बड़ी मात्रा में कुछ नहीं मिला. तभी ऑफिस में पहुंची टीम को वहां पड़े दस्तावेजों से एक फार्महाउस की जानकारी मिलती है. इसका जिक्र लोकेशन में भी नहीं था. जब अधिकारी इस पते पर पहुंचे तो जो देखा उसने सबके होश उड़ा दिए.
जब 390 करोड़ की रेड को 250 इनकम टैक्स अधिकारियों ने मिल कर की थी पूरी निकला था 120 गाड़ियों का काफिला, लगा था हाथ धन कुबेर का खजाना
इन्हें फार्महाउस से कैश, ज्वेलरी और दस्तावेज समेत कई चीजें एक गुप्त कमरे की दीवारों, जमीन और सीलिंग से मिलीं. सीक्रेट रूम से 58 करोड़ रुपये, 14 करोड़ रुपये की ज्वेलरी मिली. दस्तावेजों में से एक से पता चला कि कर्मचारियों के नाम से भी अकाउंट खोले गए हैं. जब हर चीज को जोड़ा गया तो 390 करोड़ रुपये की बेनामी बेहिसाब संपत्ति मिली. इसे इनकम टैक्स विभाग ने सीज कर लिया. पैसों को गिनने के लिए स्टेंट बैंक ऑफ इंडिया जालना की मदद ली गई. कुल संपत्ति का पता लगाने में 11 घंटे का वक्त लग गया.
अलग अलग लोकेशन पर छापेमारी
अधिकारियों ने 3 अगस्त से लेकर 9 अगस्त तक दोनों ग्रुप्स के अलग अलग लोकेशन पर करीब 20 जगह जालना में छापेमारी की. औरंगाबाद में 7 जगह, नासिक, मुंबई, पुणे में 1-1 जगह इनकम टैक्स विभाग ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि इन्होंने बड़े स्तर पर टैक्स की चोरी की है. जीएसटी का घोटाला भी सामने आया. ये एक ऐसी रेड थी, जिसमें कोई सूचना बाहर नहीं गई. बिजनेसमैन को भी कानों-कान खबर नहीं हुई. कहानी भले ही फ़िल्मी है लेकिन इसका सिनेमा से कोई भी लेना देना नहीं है, लेकिन जिस तरह की कहानी है उससे यह भी मुमकिन है कि भविष्य में इस रेड को सिनेमा के पर्दे पर भी लाया जा सकता है.