दौसा/राजस्थान। आठवीं कक्षा में सिर्फ कम नंबर के लिए पिता से फटकार क्या मिली महज़ 14 साल का नित्यकिशोर उर्फ सुनील घर छोड़कर 24 साल तक दर दर की ठोकर खता रहा। किशोरावस्था में अपना घर, अपने परिवार को सिर्फ छोड़कर भागने वाले उस 14 साल के बच्चे की अब उम्र 38 की है। यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है, बलकि प्यार करने वाला परिवार होते हुए भी अपने गुस्से की वजह से उन सब से महरूम रहा। हालांकि इस किस्से का सुखद अंत हुआ और पिता को बुढ़ापे का सहारा उसका जवान बेटा फिर मिल गया है।
मामला दौसा के मानपुर थान इलाके का है। युवक नित्यकिशोर उर्फ सुनील धौलपुर जिले के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का रहने वाला है। पिता कीर्तिराम बघेल ने 25 जनवरी 1999 को धौलपुर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। बेटे के घर से निकलने के बाद मां-बाप से सभी जगह ढूंढा लेकिन मिला नहीं।तीन दिन पहले अचानक से परिजनों के पास कॉल आता है और बताते हैं कि आपका बेटा मिल गया है। आखिर 27 मई को परिजन अपने 38 साल के बेटे को दौसा पहुंचे। यहां जैसे ही अपने बेटे को देखा खुशी से आंसू छलक उठे।
बेटे को राजस्थान से लेकर यूपी, गुजरात और हरियाणा तक ढूंढा
पिता कीर्तिराम बघेल ने बताया कि 14 साल की उम्र में नित्यकिशोर उर्फ सुनील जब आठवीं में पढ़ता था तो उसके नंबर कम आ गए थे। इस पर वह नाराज होकर घर से निकल गया था। 10 साल तक बेटे की हर जगह तलाश की लेकिन वह नहीं मिला। इस दौरान उसे राजस्थान समेत उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा व गुजरात समेत कई राज्यों में तलाश किया, लेकिन उसका पता नहीं चला। अब जब बेटा मिला तो पता चला कि वह दौसा में एक ढाबे पर काम करता था।
दौसा पुलिस के पूछताछ अभियान से हुआ इस किस्से का खुलासा
थाना अधिकारी सीताराम ने बताया कि दौसा पुलिस की ओर से ढाबों पर जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान दौसा जिले की मानपुर थाना पुलिस 27 मई को नेशनल हाईवे पर संचालित एक ढाबे पर पहुंची। यहां नित्यकिशोर काम करता हुआ मिला और पूछताछ की तो अपना नाम सुनील बताते हुए जानकारी दी कि वह धौलपुर जिले के जाटोली निहालगंज का रहने वाला है।