– सावन माह 14 जुलाई 2022 से शुरू होने वाला है. 12 अगस्त 2022 सावन माह समाप्त हो जाएगा।
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– व्रत की तिथिया
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– 25 जुलाई, दूसरा व्रत
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– 01 अगस्त, तीसरा व्रत
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– 08 अगस्त, चौथा व्रत
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– 18 जुलाई, पहला व्रत
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श्रावण यह हिंदू कैलेंडर में पांचवे स्थान पर आता हैं. इसकी शुरुआत वर्षा ऋतू से होती हैं. भगवान शंकर जो श्रावण के देवता कहे जाते हैं, उन्हें इस माह में भिन्न- भिन्न तरीकों से पूजा जाता हैं.
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मान्यता हैं कि दक्ष पुत्री माता सति ने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जिया. उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण माह में कठोरतप किया शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की.
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अपनी भार्या से पुनः मिलाप के कारण भगवान् शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं. यही कारण हैं कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं.
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धार्मिक मान्यता हैं कि श्रावण के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था, जहाँ अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं.
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धार्मिक मान्यता है कि, सावन माह में ही देवताओं ने समुद्र मंथन किया था, जिसमे निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया, जिस कारण उन्हें नील कंठ का नाम मिला और इस प्रकार उन्होंने श्रृष्टि को इस विष से बचाया, और सभी देवताओं ने उन पर जल डाला था इसी कारण शिव अभिषेक में जल का विशेष स्थान हैं.
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वर्षा ऋतू के चौमासा में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और इस वक्त पूरी श्रृष्टि भगवान शिव के आधीन हो जाती हैं. अतः चौमासा में भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु मनुष्य जाति कई प्रकार के धार्मिक कार्य, दान, उपवास करती हैं.